करसोग: उपमंडल करसोग में तूफान और भारी बारिश लोगों को कभी न भूलने वाले जख्म दे गया है. यहां 11 जून को आधी रात को आए तूफान और भारी बारिश ने 13 ऐसे परिवारों के सिर से छत छीन ली है, जिनके पास रहने के लिए सिर्फ एक-एक कमरे का मकान था. ऐसे में ये परिवार अब खुले आसमान के नीचे रातें काटने को मजबूर हैं.
प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को प्रदान की राहत सामग्री
हालांकि तूफान से मची तबाही का जायजा लेने के लिए स्थानीय विधायक हीरालाल और तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर ने 2 दिनों से हर पंचायत में पीड़ित परिवारों को सहायता देने के लिए घर-घर पहुंच रहे हैं, लेकिन लोगों को कुदरत से मिले गहरे जख्मों को भरना इतना आसान नहीं है. प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री प्रदान की जा रही है. स्थानीय विधायक ने पीड़ित परिवारों की नकद राशि देकर लोगों के जख्मों को भरने का प्रयास किया है.
करसोग प्रशासन तूफान और बारिश से हुए नुकसान का आकलन
हैरानी की बात है कि एक-एक कमरे वाले अधिकतर परिवार ऐसे हैं, जो बीपीएल सूची से भी गायब है. ऐसे में अब तक इन परिवारों को सरकार की ओर से गरीब परिवारों के कल्याण के लिए आरंभ की गई योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पाया है. प्रशासन तूफान और बारिश से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है. अब तक के मोटे अनुमान के मुताबिक तूफान और भारी बारिश से सरकारी और निजी संपति को करीब 50 लाख का नुकसान पहुंचा है.
पीड़ित परिवारों को ये राहत राशि की घोषणा
स्थानीय विधायक हीरालाल ने ग्राम पंचायत शाहोट के बेलू, खनेयोल, खमारला, शाहोट, गाओं का दौरा कर पीड़ित परिवारों को राहत राशि प्रदान की, जिसमें बेलु गांव के खेम राज को 10 हजार, दिव्यांग लीलाधर को 10 हजार, मनीषा देवी को इलाज के लिए 10 हजार की राहत राशि दी. इसके अतिरिक्त नाग मंदिर बेलु में सराय के लिए 2 लाख, बोर गली से बेलु सड़क 5 लाख व खनेयोल खमारला स्यांजलि सड़क के लिए भी 5 लाख देने की घोषणा की गई.
खमारला के टेकचंद का कहना है कि परिवार में कुल छह सदस्य है जो एक ही कमरे में गुजारा करते थे, जो अब भारी बारिश से वजह से गिर गया है. विधायक ने दो हजार की नकद राशि दी है. जिसके लिए उन्होंने विधायक का आभार प्रकट किया है.
पुर्नवास के लिए गांव वालों से भी सहयोग करने की अपील
तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि करसोग में तूफान से भारी नुकसान हुआ है. इस कारण बहुत से घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रशासन की तरफ से पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री प्रदान जैसी राशन और तिरपाल की व्यवस्था की गई है. उन्होंने ऐसे लोगों के पुर्नवास के लिए गांव वालों से भी सहयोग करने अपील की है.
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