मंडी: जिला मंडी के बल्ह विधानसभा क्षेत्र में गुटकर को बैहना से जोड़ने वाले पुल की अप्रोच भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिस कारण आधा दर्जन पंचायतों की आवाजाही यहां से बंद हो गई थी. तीन माह बीत जाने के बाद भी इस पुल की अप्रोच का कार्य फंड की कमी के चलते शुरू नहीं हुआ तो विभाग ने क्षतिग्रस्त अप्रोच को पुल के साथ जोड़ने के लिए वहां पर मिट्टी भर दी. इसके बाद विभाग ने अब इस पुल को छोटे वाहनों के लिए भी खोल दिया है, लेकिन इस जुगाड़ के बाद रोजाना सैकड़ों छोटे वाहन इस पुल से खतरे के साए में गुजर रहे हैं.
PWD पर फूटा लोगों का गुस्सा: इस पुल की सही ढंग से मरम्मत न होने व हादसे का बढ़ती संभावना को देखते हुए स्थानीय लोगों का गुस्सा विभाग पर फूटना शुरू हो गया है. लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा जुगाड़ लगाकर इस पुल को अस्थायी तौर पर खोला गया है. जिस पर हर समय हादसा होने का अंदेशा बना रहता है. स्थानीय निवासी नवीन गुलेरिया, मनसा राम और जय चौहान ने बताया कि सरकार और विभाग पुल की स्थायी मरम्मत की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे है. जल्दी आने-जाने के लिए पुल के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. इसलिए लोगों को मजबूरी में इस पुल का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. जबकि गुटकर से बैहना की तरफ जाने वाले भारी वाहनों को मंडी से होकर जाना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग उठाई है कि पुल की मरम्मत जल्द से जल्द की जाए और इसे सुरक्षित ढंग से सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जाए.
PWD का लोगों को आश्वासन: गौरतलब है कि यह पुल बैहना और टिक्कर सहित आस पास के आधा दर्जन गांवों को नेशनल हाईवे के साथ जोड़ने का कार्य करता है. स्थानीय लोगों सहित स्कूली बच्चों को जान हथेली पर रखकर इस पल को पार करना पड़ रहा है. वहीं, जब इस बारे में लोक निर्माण विभाग नेरचौक मंडल के अधिशाषी अभियंता डीआर चौहान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सिर्फ पुल की अप्रोच क्षतिग्रस्त हुई है. जबकि पुल पुरी तरह से सुरक्षित है. क्षतिग्रस्त अप्रोच की मरम्मत का कार्य सुकेती खड्ड के बढ़े हुए जलस्तर के कारण शुरू नहीं हो सका था. अब पानी का स्तर कम हुआ है तो इस कार्य को जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. अनुमान के अनुसार इस कार्य में 40 से 50 लाख का खर्च आएगा, जिसके लिए कुछ पैसों का प्रावधान कर दिया गया है.
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