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सरकाघाट में लोहड़ी मांगने के लिए निकली बच्चों की टोलियां, परिजन रख रहे विशेष ध्यान

लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है. इस त्यौहार का लोगों में खासा उल्लास रहता है. जिसके चलते सरकाघाट क्षेत्र में लोहड़ी मांगने के लिए घर-घर पहुंच रही छोटे बच्चों की टोलियां. कोरोना संक्रमण के चलते सावधानीयां बरतनी पड़ रही हैं.

Lohri in Sarkaghat
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Published : Jan 7, 2021, 8:04 PM IST

सरकाघाट/मंडीः लोहड़ी मांगने के लिए बच्चों की टोलियां घर से निकलना शुरू हो गई है. वीरवार को छोटे-छोटे बच्चों की टोलियां घर-घर जाकर लोहड़ी मांगते हुई दिखी. इस दौरान बच्चे लोहड़ी गाते हुए कई घरों में पहुंचे.

वहीं, लोगों ने भी इन छोटे बच्चों को पैसे, आनाज और मिठाइयां दी. हालांकि पहले की प्रथा के मुताबिक टोलियां रात के समय घर-घर जाकर लोहड़ी मांगती थी. मगर अब समय के साथ यह पर्व भी परिवर्तित हो रहा है. बच्चे अब दिन के समय ही घर घर जाकर लोहड़ी मांग रहे हैं.

कोरोना संक्रमण के चलते सावधानी बरतनी जरुरी

उधर, कोरोना संक्रमण के चलते बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को लोहड़ी मांगने के लिए नहीं भेज रहे हैं. मगर देखा जा रहा है क‌ि ‌जो भी बच्चे लोहड़ी मांगने के लिए घरों से बाहर जा रहे हैं, उनके माता-पिता अपने बच्चों का विशेष ध्यान रख रहे हैं. देखा गया कि बच्चों के चेहरों पर मास्क लगे हुए हैं और बच्चों को हैंड सेनेटाइजर भी दिया जा रहा है. इसके साथ ही घर वाले अपने बच्चों को समझाकर भेज रहे हैं कि वह पूरी सावधानी के साथ लोगों के घरों में जाकर लोहड़ी मांगें.

कईं अन्य राज्यों में मनाई जाती है लोहड़ी

लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है. यह मकर सक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है. मकर सक्रांति की पूर्वसंध्या पर इस त्यौहार का उल्लास रहता है. रात्रि में खुले स्थान में परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं. इस समय रेवड़ी, मूंगफली, मावा आदि खाए जाते हैं, लेकिन इससे कई दिन पहले ही बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी मांगना शुरू कर देते हैं.

बता दें कि लोहड़ी हिमाचल प्रदेश के साथ कईं अन्य राज्यों में मनाई जाती है. इस पर्व को सभी स्थानों पर अपने-अपने ढंंग से मनाया जाता है. हिमाचल के विभिन्न जिलों में भी इस पर्व का खास महत्व है और बड़े चाव के साथ इस पर्व को मनाया जाता है.

सरकाघाट/मंडीः लोहड़ी मांगने के लिए बच्चों की टोलियां घर से निकलना शुरू हो गई है. वीरवार को छोटे-छोटे बच्चों की टोलियां घर-घर जाकर लोहड़ी मांगते हुई दिखी. इस दौरान बच्चे लोहड़ी गाते हुए कई घरों में पहुंचे.

वहीं, लोगों ने भी इन छोटे बच्चों को पैसे, आनाज और मिठाइयां दी. हालांकि पहले की प्रथा के मुताबिक टोलियां रात के समय घर-घर जाकर लोहड़ी मांगती थी. मगर अब समय के साथ यह पर्व भी परिवर्तित हो रहा है. बच्चे अब दिन के समय ही घर घर जाकर लोहड़ी मांग रहे हैं.

कोरोना संक्रमण के चलते सावधानी बरतनी जरुरी

उधर, कोरोना संक्रमण के चलते बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को लोहड़ी मांगने के लिए नहीं भेज रहे हैं. मगर देखा जा रहा है क‌ि ‌जो भी बच्चे लोहड़ी मांगने के लिए घरों से बाहर जा रहे हैं, उनके माता-पिता अपने बच्चों का विशेष ध्यान रख रहे हैं. देखा गया कि बच्चों के चेहरों पर मास्क लगे हुए हैं और बच्चों को हैंड सेनेटाइजर भी दिया जा रहा है. इसके साथ ही घर वाले अपने बच्चों को समझाकर भेज रहे हैं कि वह पूरी सावधानी के साथ लोगों के घरों में जाकर लोहड़ी मांगें.

कईं अन्य राज्यों में मनाई जाती है लोहड़ी

लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है. यह मकर सक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है. मकर सक्रांति की पूर्वसंध्या पर इस त्यौहार का उल्लास रहता है. रात्रि में खुले स्थान में परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं. इस समय रेवड़ी, मूंगफली, मावा आदि खाए जाते हैं, लेकिन इससे कई दिन पहले ही बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी मांगना शुरू कर देते हैं.

बता दें कि लोहड़ी हिमाचल प्रदेश के साथ कईं अन्य राज्यों में मनाई जाती है. इस पर्व को सभी स्थानों पर अपने-अपने ढंंग से मनाया जाता है. हिमाचल के विभिन्न जिलों में भी इस पर्व का खास महत्व है और बड़े चाव के साथ इस पर्व को मनाया जाता है.

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