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मंडी में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जिला की 100 सड़कें प्रभावित

मंडी के ऊपरी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी एक ओर जहां किसानों के लिए सौगात लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर हिमपात और बारिश की वजह से जिला में करीब 100 से अधिक सड़कें प्रभावित हुई हैं. जानिए पूरी खबर.

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Published : Jan 9, 2020, 12:59 PM IST

fresh snowfall at high hills of mandi district
मंडी में बर्फबारी से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

मंडी: बीते चार दिनों से मंडी जिला के ऊपरी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और नीचले क्षेत्रों में लगातार बारिश से जनजीवन ठप पड़ गया है. भारी बर्फबारी के कारण सराज, नाचन और चौहार घाटी शेष विश्व से कट गए हैं. सड़क यातायात के साथ साथ सैकड़ों गांवों में बिजली आपूर्ति और पानी की सप्लाई भी ठप हो गई है.

बता दें कि सीएम के गृह क्षेत्र सराज में 50 सड़कें, करसोग में 27, मंडी में 12, सुंदरनगर में 10, बल्ह और गोहर में करीब 6 सड़कें अवरुद्ध हो गई है. कड़ाके की ठंड में लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. भारी बर्फबारी की वजह से शिकारी देवी और कमरूनाग यात्रा में पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. जिला की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी में 6 फीट, कमरुनाग में 5 फीट बर्फबारी दर्ज की गई है.

वीडियो रिपोर्ट

जिला प्रशासन ने शिकारी देवी और कमरुनाग जाने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से चोटी पर ना जानी की अपील की है. जिला मंडी में बारिश और बर्फबारी से सौ से अधिक सड़के बंद है. बता दें कि गुरुवार को साफ मौसम के चलते राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकती है.

सेब बागवानी के लिए बर्फबारी फायदेमंद

बर्फबारी बागवानों के लिए सौगात लेकर आई है. सेब के पेड़ों को बर्फबारी से चिलिंग आवर्स मिल रहे हैं. बागीचों में बर्फबारी से चूहों और कीड़ों का आतंक समाप्त हो गया है, जिससे बागवानों को राहत मिली है. किसानों को इस बर्फबारी और बारिश से काफी राहत मिली है. गंदम, जौ, मटर, आलू और लहसुन के लिए बारिश वरदान साबित हो सकती है. किसानों ने लंबे अरसे के बाद हुई बारिश को लाभदायक बताया है.

उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि जिला में बर्फबारी से निपटने के लिए सभी विभागों और उपमंडल स्तर के अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए गए हैं. हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैदी से काम मे जुटे हैं. उपायुक्त ने कहा कि मौसम साफ होते ही राहत कार्य तेज कर दिए जाएंगे.

बर्फबारी और बारिश से ये सड़कें हुई प्रभावित

जिला मंडी में चौहार घाटी में सेगली-पराशर, बनोगी-थनोगी, बरोट-मलोट, घटासनी-झटिंगरी, बोचिंग- लपासू-रूलिंग, थलटूखोड़-मरह, टिक्कन-शीलबुधानी, नौफार्ष और हणोगी- बांधी सड़कें बर्फबारी से बंद है. वहीं शिमला-मंडी वाया तत्तापानी सड़क, पंडार-तत्तापानी, जनो- जराल, बधाण-कथाची, निहर- बलग, खिचडू धार-बनास, नागपुर-कमांद, निहरी,चौकी-सेगल, जाछ -प्रेसी- पांगणा, आदि सड़कें भी बर्फबारी से बंद है.

जबकि गोहर में जाछ-मशोगल, शिमला-मंडी वाया तत्तापानी, सुंदरनगर-जयदेवी-रोहांगलु, जाछ -लोट, कुकडीगलु- सरयाच सड़कें बंद है. वहीं, सराज में लंबाथाच-शिल्हीबागी, गाड़ागुशैंन-टपणाली, टपणाली-घाट, सुधराणी-घाट, बाली-थाची, बासन- सोमगाड, नारायण गलु- डिडर, थाची-डिडर, थाची-दिवोर, थाची-बिझर, नारायन गलु से शाटाधार, थाटा-समलवास, टिक्की-शाटाधार, गौंचडी-कांढा, थाच-कशोड, पंडोह-सराची, सुर्द-महुंदर, माहुधार- नलबागी, छतरी-गाड़ागुशैंन, छतरी-जंजैहली वाया लस्सी, जंजैहली-मगरू गला, बिलागाड़-मगरू गला, जंजैहली-बखरोट मार्ग प्रभावित है.

वहीं, जंजैहली-शिकारी, ब्रेउगी से ठेंसर, बगस्याड-टिकर, बा- गधिमंन, गोहर-कांढा, काँढा-बडीन, बगस्याड-बडीन, बगस्याड-शिकारी, कटयांदी-तांदी, थुनाग-जैनसला, पंडोह-कोढा, परवाड़ा-पटीकरी, सुधरानी-थाटा, थाटा-समलवास, नलबागी-स्लॉट, बूंग-भलवार्षण, चैल-जंजैहली, थुनाग-बन्याड-मदेहलु, थुनाग-लांबशाफ्ड, सेरी-झाकड-ककडाधार- करसोग सड़कें बर्फबारी से बंद है. जिन्हें लोनिवि बहाल करने में जुटा हुआ है.

ये भी पढ़ें: आसमान से 'चांदी' की बारिश...और स्वर्ग से नजारे के बीच संगीत की मधुर धुन

मंडी: बीते चार दिनों से मंडी जिला के ऊपरी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और नीचले क्षेत्रों में लगातार बारिश से जनजीवन ठप पड़ गया है. भारी बर्फबारी के कारण सराज, नाचन और चौहार घाटी शेष विश्व से कट गए हैं. सड़क यातायात के साथ साथ सैकड़ों गांवों में बिजली आपूर्ति और पानी की सप्लाई भी ठप हो गई है.

बता दें कि सीएम के गृह क्षेत्र सराज में 50 सड़कें, करसोग में 27, मंडी में 12, सुंदरनगर में 10, बल्ह और गोहर में करीब 6 सड़कें अवरुद्ध हो गई है. कड़ाके की ठंड में लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. भारी बर्फबारी की वजह से शिकारी देवी और कमरूनाग यात्रा में पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. जिला की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी में 6 फीट, कमरुनाग में 5 फीट बर्फबारी दर्ज की गई है.

वीडियो रिपोर्ट

जिला प्रशासन ने शिकारी देवी और कमरुनाग जाने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से चोटी पर ना जानी की अपील की है. जिला मंडी में बारिश और बर्फबारी से सौ से अधिक सड़के बंद है. बता दें कि गुरुवार को साफ मौसम के चलते राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकती है.

सेब बागवानी के लिए बर्फबारी फायदेमंद

बर्फबारी बागवानों के लिए सौगात लेकर आई है. सेब के पेड़ों को बर्फबारी से चिलिंग आवर्स मिल रहे हैं. बागीचों में बर्फबारी से चूहों और कीड़ों का आतंक समाप्त हो गया है, जिससे बागवानों को राहत मिली है. किसानों को इस बर्फबारी और बारिश से काफी राहत मिली है. गंदम, जौ, मटर, आलू और लहसुन के लिए बारिश वरदान साबित हो सकती है. किसानों ने लंबे अरसे के बाद हुई बारिश को लाभदायक बताया है.

उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि जिला में बर्फबारी से निपटने के लिए सभी विभागों और उपमंडल स्तर के अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए गए हैं. हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैदी से काम मे जुटे हैं. उपायुक्त ने कहा कि मौसम साफ होते ही राहत कार्य तेज कर दिए जाएंगे.

बर्फबारी और बारिश से ये सड़कें हुई प्रभावित

जिला मंडी में चौहार घाटी में सेगली-पराशर, बनोगी-थनोगी, बरोट-मलोट, घटासनी-झटिंगरी, बोचिंग- लपासू-रूलिंग, थलटूखोड़-मरह, टिक्कन-शीलबुधानी, नौफार्ष और हणोगी- बांधी सड़कें बर्फबारी से बंद है. वहीं शिमला-मंडी वाया तत्तापानी सड़क, पंडार-तत्तापानी, जनो- जराल, बधाण-कथाची, निहर- बलग, खिचडू धार-बनास, नागपुर-कमांद, निहरी,चौकी-सेगल, जाछ -प्रेसी- पांगणा, आदि सड़कें भी बर्फबारी से बंद है.

जबकि गोहर में जाछ-मशोगल, शिमला-मंडी वाया तत्तापानी, सुंदरनगर-जयदेवी-रोहांगलु, जाछ -लोट, कुकडीगलु- सरयाच सड़कें बंद है. वहीं, सराज में लंबाथाच-शिल्हीबागी, गाड़ागुशैंन-टपणाली, टपणाली-घाट, सुधराणी-घाट, बाली-थाची, बासन- सोमगाड, नारायण गलु- डिडर, थाची-डिडर, थाची-दिवोर, थाची-बिझर, नारायन गलु से शाटाधार, थाटा-समलवास, टिक्की-शाटाधार, गौंचडी-कांढा, थाच-कशोड, पंडोह-सराची, सुर्द-महुंदर, माहुधार- नलबागी, छतरी-गाड़ागुशैंन, छतरी-जंजैहली वाया लस्सी, जंजैहली-मगरू गला, बिलागाड़-मगरू गला, जंजैहली-बखरोट मार्ग प्रभावित है.

वहीं, जंजैहली-शिकारी, ब्रेउगी से ठेंसर, बगस्याड-टिकर, बा- गधिमंन, गोहर-कांढा, काँढा-बडीन, बगस्याड-बडीन, बगस्याड-शिकारी, कटयांदी-तांदी, थुनाग-जैनसला, पंडोह-कोढा, परवाड़ा-पटीकरी, सुधरानी-थाटा, थाटा-समलवास, नलबागी-स्लॉट, बूंग-भलवार्षण, चैल-जंजैहली, थुनाग-बन्याड-मदेहलु, थुनाग-लांबशाफ्ड, सेरी-झाकड-ककडाधार- करसोग सड़कें बर्फबारी से बंद है. जिन्हें लोनिवि बहाल करने में जुटा हुआ है.

ये भी पढ़ें: आसमान से 'चांदी' की बारिश...और स्वर्ग से नजारे के बीच संगीत की मधुर धुन

Intro:मंडी। जिला मंडी में चार दिन से ऊपरी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और नीचले क्षेत्रों में लगातार बारिश से जनजीवन ठप पड़ गया है। भारी बर्फबारी के कारण सराज, नाचन और चौहार घाटी शेष विश्व से कट गए। सड़क यातायात के साथ साथ सैकड़ों गांवों में बिजली आपूर्ति और पानी की सप्लाई भी ठप रही। दूध, ब्रेड, अखबार और सब्जियों की सप्लाई ऊपरी क्षेत्र में बुरी तरह प्रभावित हुई है। Body:सीएम के गृह क्षेत्र सराज में 50 सड़कें, करसोग में 27 , मंडी में 12, सुंदरनगर में 10, बल्ह और गोहर में 6-6 सड़कें अवरुद्ध हैं। कड़ाके की ठंड में लोग भारी परेशानी झेल रहे हैं। शिकारी देवी और कमरूनाग यात्रा में पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। हालात सामान्य रहने तक आम लोग भी यहां नहीं जा सकते। ट्रैकिंग के लिए पहले से ही पाबंदी लगा रखी थी। अब जिला की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी में 6 फुट, कमरुनाग में 5 फुट बर्फ दर्ज की गई है। ज़िला प्रसाशन ने शिकारी देवी और कमरुनाग जाने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं पर रोक लगा दी है। बारिश और बर्फबारी से सौ से अधिक मार्ग बंद है। जिसमें चौहार घाटी में सेगली-पराशर, बनोगी-थनोगी, बरोट-मलोट, घटासनी-झटिंगरी, बोचिंग- लपासू-रूलिंग, थलटूखोड़-मरह, टिक्कन-शीलबुधानी, नौफार्ष और हणोगी- बांधी सड़कें बर्फ़बारी से बंद है। शिमला-मंडी वाया तत्तापानी सड़क, पंडार-तत्तापानी, जनो- जराल, बधाण-कथाची, निहर- बलग, खिचडू धार-बनास, नागपुर-कमांद, निहरी,चौकी-सेगल, जाछ -प्रेसी- पांगणा, आदि सड़कें बर्फ़बारी से बंद है। जबकि गोहर में जाछ-मशोगल, शिमला-मंडी वाया तत्तापानी, सुंदरनगर-जयदेवी-रोहांगलु, जाछ -लोट, कुकडीगलु- सरयाच सड़कें बंद है। वही सराज में लंबाथाच-शिल्हीबागी, गाड़ागुशैंन-टपणाली, टपणाली-घाट, सुधराणी-घाट, बाली-थाची, बासन- सोमगाड, नारायण गलु- डिडर, थाची-डिडर, थाची-दिवोर, थाची-बिझर, नारायन गलु से शाटाधार, थाटा-समलवास, टिक्की-शाटाधार, गौंचडी-कांढा, थाच-कशोड, पंडोह-सराची, सुर्द-महुंदर, माहुधार- नलबागी, छतरी-गाड़ागुशैंन, छतरी-जंजैहली वाया लस्सी, जंजैहली-मगरू गला, बिलागाड़-मगरू गला, जंजैहली-बखरोट, जंजैहली-शिकारी, ब्रेउगी से ठेंसर, बगस्याड-टिकर, बा- गधिमंन, गोहर-कांढा, काँढा-बडीन, बगस्याड-बडीन, बगस्याड-शिकारी, कटयांदी-तांदी, थुनाग-जैनसला, पंडोह-कोढा, परवाड़ा-पटीकरी, सुधरानी-थाटा, थाटा-समलवास, नलबागी-स्लॉट, बूंग-भलवार्षण, चैल-जंजैहली, थुनाग-बन्याड-मदेहलु, थुनाग-लांबशाफ्ड, सेरी-झाकड-ककडाधार- करसोग सड़कें बर्फ़बारी से बंद है। जिन्हें लोनिवि बहाल करने में जुटा है।
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सेब बागवानी के लिए बर्फ़बारी चांदी
बर्फ़बारी बागवानों के लिए सौगात लाई है। सेब बागीचों में चिलिंग आवर्स शुरू हो गए हैं। बागीचों में बर्फ़बारी से चूहों और कीड़ों का आतंक समाप्त हो गया है। जिससे बागवानों को राहत मिली है।किसानों ने ली राहत की सांस - गंदम, जौ, मटर, आलू और लहसुन के लिए बारिश वरदान साबित हुई है। किसानों ने लंबे अरसे के बाद हुई बारिश को लाभदायक माना है। बागवानों दिवान चंद, मुरारी लाल, दीनानाथ, चंद्रमणी, देविंद्र, शेर सिंह, मनोहर लाल, पवन कुमार, निहाल चंद और किसानों में परमदेव, लाला राम, केशव, राजा, चूड़ामणि, शेर सिंह और जीत कुमार ने बताया कि सेब और अन्य फसलों के लिए बर्फ़बारी और बारिश सौगात लाई है।

प्रशासन अर्ल्टः डीसी
उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि ज़िला में बर्फ़बारी से निपटने के लिए सभी विभागों और उपमंडल स्तर के अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए गए हैं। हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैदी से काम मे जुटे हैं।मौसम साफ होते ही राहत कार्य तेज कर दिए जाएंगे।


बाइट : यशवंत, किसानConclusion:कहां कितनी बर्फ

शिकारी देवी- 6 फीट

कमरुनाग - 5 फीट

पराशर - 3 फीट

बरोट - 1 फीट

बागाचनोगी- 4 फीट

शैट्टाधार - चार फीट

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