मंडी/नेरचौक: जिला मंडी में फोरलेन संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रभावितों के लिए चार गुना मुआवजे के साथ पुनर्स्थापन और पुनर्वास के प्रावधान को लागू करने का ऐलान करने की मांग उठाई है. दरअसल केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी चार दिवसीय दौरे पर हिमाचल आ रहे हैं, इसी के चलते फोरलेन संयुक्त समिति ने केंद्रीय मंत्री से प्रभावितों के लिए चार गुना मुआवजे के साथ पुनर्स्थापना और पुनर्वास के प्रावधान को लागू करने की मांग की.
समस्याओं का जल्द निपटारा करने की मांग
संयुक्त संघर्ष समिति के (कीरतपुर से नागचला) अध्यक्ष जोगेंद्र वालिया ने कहा है कि लंबे इंतजार के बाद भी अभी तक कीरतपुर से नागचला-मनाली की लंबित शिकायतों का निपटारा राज्य सरकार नहीं कर पाई है. ऐसे में केंद्र सरकार जल्दी से निपटारे के लिए तुरंत निदान करवाए ताकि समय रहते किसानों को राहत दिलाई जा सके.
आम किसानों को राहत की मांग
संघर्ष समिति ने कहा कि दूसरी तरफ प्रस्तावित फोरलेन में नगर एवं ग्राम योजना (टीसीपी) को सरकार ने लागू कर दिया गया जिसके चलते आम लोग फोरलेन सड़क से उजड़ने के बाद अपना घर भी नहीं बना पा रहे हैं. राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अनुसार 5 मीटर कंट्रोल ब्रिड्थ के लिए जमीन छोड़नी पड़ रही है. इसके लिए ज्यादातर ग्राम पंचायतों द्वारा निरस्त करने के प्रस्ताव की प्रतिलिपि सरकार को भेजी जा चुकी है. उन्होंने नगर ग्राम योजना के अंतर्गत प्रस्तावित फोरलेन के साथ लगते गांवों को टीसीपी योजना से निरस्त किए जाने की मांग की और आम किसानों को राहत दिलाई जाने की भी मांग की.
प्रभावितों को दें उचित मुआवजा
राष्ट्रीय उच्च मार्ग से मांग की गई है कि फोरलेन की एवज में बचे हुए जमीन और मकान के अवार्ड घोषित किये जायें और उनके मुआवजे का निपटारा भूमि अधिग्रहण अधिकारी द्वारा अतीशीघ्र किया जायेगा. जिन बचे हुए मकानों के नीचे की जमीन ले ली गई है, उनका मूल्यांकन भी किया जायेगा और फोरलेन सड़क पर बची हुई जमीन की निशानदेही करके पक्के निशान लगाये जाएंगे. मकानों का मुआवजा लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिकृत रेट के अनुसार नहीं दिया है. 2014 के रेट (18000 पर मीटर) के बजाय वर्तमान 2018 के रेट (22000 पर मीटर) के मुताबिक अतरिक्त 12 प्रतिशत ब्याज सहित दिया जाये, फोरलेन के कारण 29 मीटर, 30 मीटर, 45 मीटर सड़क के बाहर प्रभावित मकानों को उचित मुआवजा दिया जाये.
पानी की निकासी के लिए भूमिगत पुल की मांग
फोरलेन संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से मांग की है कि स्थानीय लोगों को रोजगार, विस्थापित दुकानदारों को उचित मुआवजा, रोड प्लान में बदलाव, टनल के कारण घरों का नुकसान का मुआवजा, पानी का रिसाव, जमीन का कटाव, प्रस्तावित बस स्टैंड के पास पैदल पथ या भूमिगत रास्ते बनाये जाने और संपर्क मार्ग के लिए टी पॉइंट और टेलिफोन लाइन और पानी की निकासी के लिए भूमिगत पुल, कुएं, हैंडपंप, स्कूलों और मंदिरों को पुर्नस्थापित किया जायें.
मांगों और समस्याओं को गंभीरता से ले सरकार
समिति ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि वह फोरलेन प्रभावितों की मांगों और समस्याओं को गंभीरता से लें, जो मांगें प्रदेश सरकार के स्तर की हैं, उनके बारे में आदेश दें जबकि जो केंद्र स्तर की हैं, उनको स्वयं हल करवाएं ताकि प्रभावितों में जो रोष पनपा है, वह खत्म हो सके. इससे पहले कि प्रभावित आंदोलन की राह पकड़े इस बारे में कदम उठाए जाएं.
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