सुंदरनगर/मंडी: प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेशभर में पंचायतों के पुनर्गठन का विरोध शुरू हो गया है. इसी कड़ी में सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के सुंदरनगर में भी पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर विरोध शुरू हो गया है. कांग्रेस के पूर्व सीपीएस एवं पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर ने आरोप लगाया कि राजनीति स्वार्थ साधने के लिए लोगों की मांग को दबाया गया है, जिसका क्षेत्र में पुरजोर विरोध किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री से नहीं थी ऐसी उम्मीद
पूर्व विधायक ने कहा कि क्षेत्र के दर्जनों प्रतिनिधिमंडल इस मामले में उनसे मिलने आ रहे है और आगामी कार्रवाई की मांग कर रहे है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी बीजेपी सरकार के मंडी से संबंधित मुख्यमंत्री क्षेत्र के लोगों के हित को छोड़ राजनीति स्वार्थ के लिए ऐसा करेंगे.
औछी राजनीति कर रहे विधायक
सोहन लाल ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक औछी राजनीति पर उतर आए है. जनहित में एक दर्जन पंचायतों के पुनर्गठन की मांग को दरकिनार करके सिर्फ दो पंचायतों का पुनर्गठन किया गया है, जो विधानसभा क्षेत्र की जनता से धोखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी राजनीतिक दल ने अपना स्वार्थ साधा है और अधिकारियों के दबाव में आकर जनता की आवाज को दबा दिया है.
सुंदरनगर नगर परिषद को समाप्त करने की साजिश:
पूर्व सीपीएस ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुंदरनगर निर्वाचन क्षेत्र की पंचायतों की तर्ज पर सुंदरनगर नगर परिषद क्षेत्र के 12 और 13 वार्ड को समाप्त करने की भी साजिश रची गई थी. इसके लिए अधिकारियों को 42 प्रस्ताव भेजे गए थे, लेकिन जनहित में कांग्रेस के विरोध के कारण जिला प्रशासन ने इस साजिश को समाप्त किया.
अपने मतलब के लिए किया गया विभाजन
पूर्व विधायक ने कहा कि ऐसे ही राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए ही सुंदरनगर निर्वाचन क्षेत्र की पंचायतों में किया गया है. उन्होंने कहा कि पौड़ाकोठी के अलावा शेगल, बंदली और किंडर पंचायत में अपने मतलब को पूरा करने के लिए विभाजन किया गया है जबकि डैहर, कांगू और जड़ोल पंचायतें आबादी के लिहाज से बड़ी है.
ग्रामीणों की मांग को किया दरकिनार
ग्रामीणों ने अपने अपने क्षेत्र को लेकर सुविधा जनक रूप से समायोजन कर पंचायतों के गठन की मांग की है, लेकिन ग्रामीणों की मांग को दरकिनार कर अधिकारियों ने नेताओं के दबाव में साजिश के तहत सब कुछ किया हुआ है.