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किसानों की जेब भर रही बेमौसमी बीन, कोलकता सहित देश की विभिन्न मंडियों मे हो रही सप्लाई

करसोग में इन दिनों बेमौसमी बीन की फसल से किसानों के चहरों पर खासी खुशी देखने को मिल रही है. देश की विभिन्न मंडियों में किसानों को बीन के रेट 45 से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे हैं.

बीन की फसल
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Published : Sep 21, 2019, 12:22 PM IST

करसोग: जिला मंडी के करसोग क्षेत्र में बेमौसमी बीन की फसल ने किसानों को इस बार मालामाल कर दिया है. इन दिनों मंडियों में मखनी बीन 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है.

बरसात के दिनों में पैदा होने वाली बीन की देश की बड़ी मंडियों में इन दिनों भारी मांग है. इसलिए प्रदेश से रोजाना सैकड़ों टन बीन सीधे कोलकता व दिल्ली की मंडियों में भेजी जा रही है. मंडियों में किसानों को बीन के रेट 45 से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे हैं.

खेतों में लहलहाती बीन की फसल

बता दें कि करसोग के सब्जी बहुल क्षेत्रों में बेमौसमी बीन किसानों की मुख्य फसल है. इन दिनों अधिकतर क्षेत्रों में बीन का सीजन पीक पर है. बीन के व्यापारियों का कहना है कि यह पहली बार है कि सीजन शुरू होने से लेकर अभी तक किसानों को बीन के बहुत अच्छे रेट मिल रहे हैं. वहीं, बाहरी राज्यों में बीन की मांग को देखते हुए आने वाले दिनों में भी रेट कम होने की कोई संभावना नहीं है.

करसोग: जिला मंडी के करसोग क्षेत्र में बेमौसमी बीन की फसल ने किसानों को इस बार मालामाल कर दिया है. इन दिनों मंडियों में मखनी बीन 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है.

बरसात के दिनों में पैदा होने वाली बीन की देश की बड़ी मंडियों में इन दिनों भारी मांग है. इसलिए प्रदेश से रोजाना सैकड़ों टन बीन सीधे कोलकता व दिल्ली की मंडियों में भेजी जा रही है. मंडियों में किसानों को बीन के रेट 45 से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे हैं.

खेतों में लहलहाती बीन की फसल

बता दें कि करसोग के सब्जी बहुल क्षेत्रों में बेमौसमी बीन किसानों की मुख्य फसल है. इन दिनों अधिकतर क्षेत्रों में बीन का सीजन पीक पर है. बीन के व्यापारियों का कहना है कि यह पहली बार है कि सीजन शुरू होने से लेकर अभी तक किसानों को बीन के बहुत अच्छे रेट मिल रहे हैं. वहीं, बाहरी राज्यों में बीन की मांग को देखते हुए आने वाले दिनों में भी रेट कम होने की कोई संभावना नहीं है.

Intro:प्रदेश से रोजाना सैकड़ों टन बीन सीधे कोलकता व दिल्ली की मंडियों में भेजी जा रही है। जिससे मंडियों में किसानों को बीन के रेट 45 से 50 प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे है। Body:बेमौसमी बीन ने भरी किसानों की जेब, मंडियों में इन दिनों बिक रहा है ये रेट
करसोग
करसोग क्षेत्र में बेमौसमी बीन की फसल ने किसानों को इस बार मालामाल कर दिया है। मंडियों में इन दिनों मखनी बीन 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। बरसात के दिनों में पैदा होने वाली बीन की देश की बड़ी मंडियों में इन दिनों भारी मांग है। इसलिए प्रदेश से रोजाना सैकड़ों टन बीन सीधे कोलकता व दिल्ली की मंडियों में भेजी जा रही है। जिससे मंडियों में किसानों को बीन के रेट 45 से 50 प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे है। करसोग के सब्जी बहुल क्षेत्रों में बेमौसमी बीन किसानों की मुख्य फसल है। इन दिनों अधिकतर क्षेत्रों में बीन का सीजन पीक पर है। अभी तक भाव भी अच्छे मिलने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं।बीन के व्यापारियों का कहना है कि ये पहली बार है कि किसानों को सीजन आरम्भ होने से लेकर अभी तक बीन के बहुत की अच्छे रेट मिल रहे है। बाहरी राज्य में मांग को देखते हुए आने वाले दिनों में भी रेट कम होने की कोई संभावना नही है, ऐसे में बीन किसानों की जेब भरती रहेगी।

पहली बार 4 हजार रुपये का प्रति क्विंटल औसत रेट:
ये पहली बार है कि शुरू से लेकर अभी तक किसानों को बीन के अच्छे रेट मिल रहे है। मौसम की बेरुखी से करसोग में इस बार बीन की कम बताई जा रही है, लेकिम मंडियों में अच्छा भाव मिलने से कसर पूरी हो गई । शिमला ढली सब्जी मंडी के आढ़ती एसोसिएशन के सलाहकार नाहर सिंह का कहना है। ये पहली बार है कि मंडियमें किसानों को बीन का अभी तक 40 रुपये से औसत रेट मिला है। उन्होंने कहा कि इन दिनों मैदानी इलाकों में प्रदेश के बेमौसनी बीन अधिक मांग है।Conclusion:शिमला ढली सब्जी मंडी के आढ़ती एसोसिएशन के सलाहकार नाहर सिंह का कहना है। ये पहली बार है कि मंडियमें किसानों को बीन का अभी तक 40 रुपये से औसत रेट मिला है। उन्होंने कहा कि इन दिनों मैदानी इलाकों में प्रदेश के बेमौसनी बीन अधिक मांग है।
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