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कलाशन में किसानों का प्रदर्शन, सरकार से जनविरोधी फैसले वापिस लेने की मांग - कलाशन में किसानों का प्रदर्शन

करसोग के कलाशन में किसानों ने सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. किसानों ने सरकार से जनविरोधी फैसलों को वापस लेने की माग की है.

protest in Kalashan karsog
protest in Kalashan karsog
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Published : Nov 27, 2020, 8:11 PM IST

करसोग: उपमंडल करसोग के कलाशन में किसानों ने सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. किसानों ने पहले करसोग मुख्यालय पर धरना देने का निर्णय लिया था, लेकिन कोरोना के मामले आने के बाद किसानों ने स्थान बदलने का निर्णय किया.

किसनों ने कलाशन गांव में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए धरना दिया. किसानों ने सरकार को श्रम कानूनों में बदलाव, कृषि से जुड़े तीन कानूनों, बिजली की दरों को बढ़ाने, शिक्षा और स्वास्थ्य के निजीकरण और बस किराए में बढ़ौतरी जैसे जनविरोधी निर्णय को लेकर घेरा.

वीडियो.

आर्थिक संकट से गुजर रहा हर वर्ग

किसानों नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि देश और प्रदेश इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना के दौर से गुजर रहा है, इस कठिन दौर में कई युवाओं की नौकरी चली गई है. यही नहीं किसान और बागवानों सहित हर वर्ग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. ऐसे समय में सरकार ने जनविरोधी फैसले लेकर आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

इस आर्थिक संकट के दौर में लोगों को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. किसानों ने सरकार से जनविरोधी फैसलों को तुरन्त प्रभाव से वापस लेने की मांग की है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जनविरोधी फैसलों को वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में आंदोलन को उग्र किया जाएगा.

जनविरोधी फैसले वापस ले सरकार- किसान नेता

किसान नेता पदम का कहना है कि किसान विरोधी कृषि कानून, श्रम कानूनों में बदलाव, शिक्षा और स्वास्थ्य के निजीकरण को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर धरना दिया गया. उन्होंने सरकार से जनविरोधी फैसलों को वापस लेने की माग की है. अगर इन फैसलों को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.

करसोग: उपमंडल करसोग के कलाशन में किसानों ने सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. किसानों ने पहले करसोग मुख्यालय पर धरना देने का निर्णय लिया था, लेकिन कोरोना के मामले आने के बाद किसानों ने स्थान बदलने का निर्णय किया.

किसनों ने कलाशन गांव में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए धरना दिया. किसानों ने सरकार को श्रम कानूनों में बदलाव, कृषि से जुड़े तीन कानूनों, बिजली की दरों को बढ़ाने, शिक्षा और स्वास्थ्य के निजीकरण और बस किराए में बढ़ौतरी जैसे जनविरोधी निर्णय को लेकर घेरा.

वीडियो.

आर्थिक संकट से गुजर रहा हर वर्ग

किसानों नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि देश और प्रदेश इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना के दौर से गुजर रहा है, इस कठिन दौर में कई युवाओं की नौकरी चली गई है. यही नहीं किसान और बागवानों सहित हर वर्ग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. ऐसे समय में सरकार ने जनविरोधी फैसले लेकर आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

इस आर्थिक संकट के दौर में लोगों को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. किसानों ने सरकार से जनविरोधी फैसलों को तुरन्त प्रभाव से वापस लेने की मांग की है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जनविरोधी फैसलों को वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में आंदोलन को उग्र किया जाएगा.

जनविरोधी फैसले वापस ले सरकार- किसान नेता

किसान नेता पदम का कहना है कि किसान विरोधी कृषि कानून, श्रम कानूनों में बदलाव, शिक्षा और स्वास्थ्य के निजीकरण को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर धरना दिया गया. उन्होंने सरकार से जनविरोधी फैसलों को वापस लेने की माग की है. अगर इन फैसलों को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.

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