करसोग/मंडी: करसोग में कोरोना वायरस के संक्रमण को मात देने के लिए बोटियों ने प्रदेशवासियों को सार्थक संदेश दिया है. कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही सरकार को सहयोग देने के लिए बोटियों ने धाम तैयार करने और शादी समारोह में खाना खिलाने के लिए दो गज की दूरी के नियमों का कड़ाई के साथ पालना करने का फैसला लिया है.
मैहरन पंचायत के तहत विभिन्न गांवों में आयोजित होने वाले समारोहों में तैयार की जाने वाली धाम में बोटी(रसोइया) सख्ती के साथ नियमों की पालना कर रहे हैं. शादी समारोह में शामिल होने वाले लोगों को दो गज की दूरी पर बिठाकर खाना परोसा जा रहा है. यही नहीं बोटी के साथ खाना बनाने में सहयोग करने वाले लोगों से भी सरकार की ओर से जारी आदेशों की पूरी पालना करवाई जा रही है.
बोटियों ने सभी गांवों के लिए ये नियम बना दिया है. कोरोना काल में 50 से अधिक लोगों को शादियों में नहीं बुलाया जा रहा है. कहीं भी नियमों के टूटने का अंदेशा रहने पर बोटी खाना बनाने से साथ साफ इंकार कर रहे हैं. बोटियों के इस तरह के फैसले इलाके भर में चर्चा है. ग्रामीण भी सरकार के नियमों की पूरी पालना कर रहे हैं. ग्रामीणों की जागरूकता और प्रशासन के बेहतरीन प्रयासों के कारण ही करसोग अभी तक कोरोना मुक्त है. कोरोना की जांच के लिए अभी तक जितने भी सैंपल लिए गए हैं, सभी की रिपोर्ट नेगटिव आई है, जोकि करसोग वासियों के लिए राहत की बात है.
मास्क लगाकर तैयार होती है धाम
शादी समारोह में धाम मास्क लगाकर तैयार की जा रही है. यही नहीं कोरोना वायरस के संक्रमण के अंदेशे को खत्म करने के लिए धाम तैयार करते वक्त सेनिटाइजर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. बोटी के साथ लगे हेल्पर भी मास्क लगाकर काम कर रहे हैं. धाम बनाने की जगह पर स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. बोटी और हेल्पर के अलावा इस जगह पर आने की किसी को भी अनुमति नहीं है. लोगों को पहले ही धाम तैयार किए जाने वाले स्थान से दूर रहने की सलाह दी गई है. हालांकि, शादी समारोह के अलावा इन दिनों लोग घर पर किसी भी तरह के अन्य धार्मिक आयोजनों से बच रहे हैं. मंदिरों में भी धार्मिक काम नहीं हो रहे हैं. ग्रामीणों ने भी धार्मिक स्थानों से दूरी बनाकर रखी है.
जैंस गांव के बोटी जगतराम ने कहा कि कोरोना के कारण दूरी का पूरा ध्यान रखना पड़ता है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए दो गज की दूरी पर खड़ा होकर धाम तैयार की जाती है. लोगों को भी दूर-दूर बिठाकर खाना खिलाया जाता है. उन्होंने कहा कि शादियों में सरकार के आदेशों के मुताबिक काम किया जा रहा है. इसी में ही हम सब लोगों का भी बचाव है. पूरे गांव के लिए ये नियम बनाया गया है.
ये भी पढ़ें: ओलावृष्टि से सेब बागवानों को करोड़ों का नुकसान, बगीचों में पसरा सन्नाटा