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Shikari Devi Temple: 11 हजार फीट की उंचाई पर कंबल के सहारे बितानी पड़ रही रात, ठंड में ठिठुरने को मजबूर हुए श्रद्धालु - शिकारी देवी मंदिर

Shikari Devi Temple in Mandi: मंडी जिले में स्थित शिकारी देवी मंदिर में इस समय बर्फ की चादर छाई हुई है. ऐसे में यहां श्रद्धालुओं को कड़कड़ाती ठंड के बीच मंदिर की सराय में कंबल के सहारे रात बीतानी पड़ रही है. उन्होंने प्रशासन से मांग उठाई है कि यहां पर श्रद्धालुओं के लिए रजाई की व्यवस्था की जाए.

Shikari Devi Temple in Mandi
मंडी में स्थित शिकारी देवी माता
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 19, 2023, 2:32 PM IST

Updated : Nov 19, 2023, 3:51 PM IST

शिकारी देवी मंदिर आए श्रद्धालुओं का बयान

मंडी: मंडी जिले में 11 हजार फीट की उंचाई पर स्थित सुप्रसिद्ध शिकारी देवी माता मंदिर में कड़कड़ाती ठंड के बीच श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कड़कड़ती ठंड के बीच पतले से कंबल के सहारे श्रद्धालुओं को रात बीतानी पड़ रही है. यहां पर रात्रि विश्राम करने वाले श्रद्धालुओं को रजाई आदि की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. हर साल शिकारी देवी माता मंदिर में सैंकड़ों श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.

Shikari Devi Temple in Mandi
शिकारी देवी मंदिर

श्रद्धालुओं को ठंड में भी नहीं मिल रहे कंबल: हालांकि 15 नवंबर के बाद शिकारी देवी की तरफ जाने का सिलसिला प्रशासन द्वारा बंद कर दिया जाता है, लेकिन यह फैसला मौसम के हिसाब से लिया जाता है. इसलिए आजकल भी श्रद्धालुओं का शिकारी देवी मंदिर जाने का सिलसिला जारी है. हमीरपुर जिले से आए संदीप राणा, मनीष राणा और सुंदरनगर से आए संजय कुमार ने बताया कि जब उन्होंने शिकारी माता मंदिर में रात गुजारने का फैसला लिया तो उन्हें ओढ़ने के लिए कुछ कंबल दिए गए, जोकि काफी पतले थे. जब मंदिर कमेटी से रजाई मांगी गई तो उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि यहां रजाई की कोई व्यवस्था ही नहीं है. इन्होंने प्रशासन से मांग उठाई है कि शिकारी देवी जैसे ठंडे स्थान पर रात्रि विश्राम के लिए रजाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.

Shikari Devi Temple in Mandi
शिकारी माता

मंदिर सराय में 10 कंबल: वहीं, जब इस बारे में थुनाग के कार्यकारी एसडीएम अमित कलथाईक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मंदिर सराय का एक कमरा 250 रूपए के शुल्क पर दिया जाता है. जिसमें तीन मैट और 10 कंबल उपलब्ध होते हैं. यदि किसी को अतिरिक्त कंबल चाहिए हों तो वह मांग सकता है, लेकिन रजाई की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं है. यह बात ठीक है कि शिकारी देवी जैसे स्थान पर कंबलों के सहारे रात नहीं बिताई जा सकती है. इसलिए भविष्य में होने वाली बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाएगी और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रजाईयां खरीदने पर विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जिस पर कोई छत नहीं, फिर भी मूर्तियों पर नहीं टिकती बर्फ

शिकारी देवी मंदिर आए श्रद्धालुओं का बयान

मंडी: मंडी जिले में 11 हजार फीट की उंचाई पर स्थित सुप्रसिद्ध शिकारी देवी माता मंदिर में कड़कड़ाती ठंड के बीच श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कड़कड़ती ठंड के बीच पतले से कंबल के सहारे श्रद्धालुओं को रात बीतानी पड़ रही है. यहां पर रात्रि विश्राम करने वाले श्रद्धालुओं को रजाई आदि की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. हर साल शिकारी देवी माता मंदिर में सैंकड़ों श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.

Shikari Devi Temple in Mandi
शिकारी देवी मंदिर

श्रद्धालुओं को ठंड में भी नहीं मिल रहे कंबल: हालांकि 15 नवंबर के बाद शिकारी देवी की तरफ जाने का सिलसिला प्रशासन द्वारा बंद कर दिया जाता है, लेकिन यह फैसला मौसम के हिसाब से लिया जाता है. इसलिए आजकल भी श्रद्धालुओं का शिकारी देवी मंदिर जाने का सिलसिला जारी है. हमीरपुर जिले से आए संदीप राणा, मनीष राणा और सुंदरनगर से आए संजय कुमार ने बताया कि जब उन्होंने शिकारी माता मंदिर में रात गुजारने का फैसला लिया तो उन्हें ओढ़ने के लिए कुछ कंबल दिए गए, जोकि काफी पतले थे. जब मंदिर कमेटी से रजाई मांगी गई तो उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि यहां रजाई की कोई व्यवस्था ही नहीं है. इन्होंने प्रशासन से मांग उठाई है कि शिकारी देवी जैसे ठंडे स्थान पर रात्रि विश्राम के लिए रजाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.

Shikari Devi Temple in Mandi
शिकारी माता

मंदिर सराय में 10 कंबल: वहीं, जब इस बारे में थुनाग के कार्यकारी एसडीएम अमित कलथाईक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मंदिर सराय का एक कमरा 250 रूपए के शुल्क पर दिया जाता है. जिसमें तीन मैट और 10 कंबल उपलब्ध होते हैं. यदि किसी को अतिरिक्त कंबल चाहिए हों तो वह मांग सकता है, लेकिन रजाई की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं है. यह बात ठीक है कि शिकारी देवी जैसे स्थान पर कंबलों के सहारे रात नहीं बिताई जा सकती है. इसलिए भविष्य में होने वाली बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाएगी और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रजाईयां खरीदने पर विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जिस पर कोई छत नहीं, फिर भी मूर्तियों पर नहीं टिकती बर्फ

Last Updated : Nov 19, 2023, 3:51 PM IST
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