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छोटी काशी में हुए 'माता नैना देवी' के दर्शन, बाबा भोले का स्वरूप देखने बारिश में भी उमड़े श्रद्धालु

छोटी काशी मंडी में वीरवार को बाबा भूतनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को 'माता नैना देवी' बिलासपुर के दर्शन हुए.

बाबा भूतनाथ मंदिर
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Published : Feb 22, 2019, 1:08 PM IST

मंडी: छोटी काशी मंडी में वीरवार को बाबा भूतनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को 'माता नैना देवी' बिलासपुर के दर्शन हुए. बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर चढ़े घृत कंबल में 19वें दिन पूजा अर्चना के साथ बिलासपुर की 'नैना देवी माता' के रूप में श्रृंगार किया गया और भोले बाबा का नया स्वरूप देखने को मिला.

बाबा भूतनाथ मंदिर

परंपरा के अनुसार मंदिर में तारारात्रि के बाद पहले दिन त्रयम्बकेश्वर महादेव, दूसरे दिन नीलकंठ महादेव, तीसरे दिन बिलकेश्वर महादेव, चौथे दिन बिजली महादेव, पांचवें दिन गोपेश्वर महादेव, छठें दिन काल भैरव, सातवें दिन नागेश्वर महादेव, आठवें दिन भीमाकाली माता, नौंवे दिन उज्जैन के महाकाल, दसवां माता अधिष्ठात्री मायादेवी भगवती सती, ग्यारवें दिन लाल भैरव, बारहवें दिन राधाकृष्ण जी, तेरहवें दिन घेला सोमनाथ राजकोट गुजरात, चौदहवें दिन माता काली कोलकाता, पंद्रहवें दिन मां चिंतपूर्णी, सोलहवें दिन कलकत्ता के बाबा भूतनाथ हावड़ा, सत्रहवें दिन ओंमकार 18वें दिन ब्रजेश्वरी मां और 19वें दिन नैना देवी माता का रूप उकेरा गया.

शिवलिंग में चढ़े घृत कंबल में बाबा के रूपों को देखने के लिए रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. वहीं, बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पूजा अर्चना के साथ बाबा के स्वरूप भक्तों को मंडी में ही देखने को मिल रहे हैं.

अब तक बाबा भूतनाथ मंदिर में 19 स्वरूप देखे जा चुके हैं, शिवरात्रि तक यह दौर जारी रहेगा. 19वें दिन माता नैना देवी के स्वरूप को देखने के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा. बारिश के बीच भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रुके. बारिश के बीच श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और माता नैना देवी के दर्शन किए.

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मंडी: छोटी काशी मंडी में वीरवार को बाबा भूतनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को 'माता नैना देवी' बिलासपुर के दर्शन हुए. बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर चढ़े घृत कंबल में 19वें दिन पूजा अर्चना के साथ बिलासपुर की 'नैना देवी माता' के रूप में श्रृंगार किया गया और भोले बाबा का नया स्वरूप देखने को मिला.

बाबा भूतनाथ मंदिर

परंपरा के अनुसार मंदिर में तारारात्रि के बाद पहले दिन त्रयम्बकेश्वर महादेव, दूसरे दिन नीलकंठ महादेव, तीसरे दिन बिलकेश्वर महादेव, चौथे दिन बिजली महादेव, पांचवें दिन गोपेश्वर महादेव, छठें दिन काल भैरव, सातवें दिन नागेश्वर महादेव, आठवें दिन भीमाकाली माता, नौंवे दिन उज्जैन के महाकाल, दसवां माता अधिष्ठात्री मायादेवी भगवती सती, ग्यारवें दिन लाल भैरव, बारहवें दिन राधाकृष्ण जी, तेरहवें दिन घेला सोमनाथ राजकोट गुजरात, चौदहवें दिन माता काली कोलकाता, पंद्रहवें दिन मां चिंतपूर्णी, सोलहवें दिन कलकत्ता के बाबा भूतनाथ हावड़ा, सत्रहवें दिन ओंमकार 18वें दिन ब्रजेश्वरी मां और 19वें दिन नैना देवी माता का रूप उकेरा गया.

शिवलिंग में चढ़े घृत कंबल में बाबा के रूपों को देखने के लिए रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. वहीं, बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पूजा अर्चना के साथ बाबा के स्वरूप भक्तों को मंडी में ही देखने को मिल रहे हैं.

अब तक बाबा भूतनाथ मंदिर में 19 स्वरूप देखे जा चुके हैं, शिवरात्रि तक यह दौर जारी रहेगा. 19वें दिन माता नैना देवी के स्वरूप को देखने के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा. बारिश के बीच भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रुके. बारिश के बीच श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और माता नैना देवी के दर्शन किए.

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Intro:मंडी। छोटी काशी मंडी में वीरवार को बाबा भूतनाथ मंदिर में माता नैणा देवी बिलासपुर के दर्शन श्रद्धालुओं को हुए। बाबा भूतनाथ मंदिर स्थित शिवलिंग में घृतकम्बल का आकार दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। यह 3 फुट से अधिक हो चुका है। जबकि 65 किलो से अधिक मक्खन चढ़ाया जा चुका है। शिवलिंग पर चढ़े घृत कम्बल में 19वें दिन पूजा अर्चना के साथ माता नैणा देवी के स्वरूप में श्रृंगार किया गया।


Body:बाबा भूतनाथ मंदिर में तारारात्री यानि गत 3 फरवरी से घृतकम्बल चढ़ा है। इसी के साथ पानी का मटका हटा दिया गया है। इस घृतकम्बल में रोजाना देशभर के प्रसिद्ध बाबाओं व शक्ति पीठों के रूप देखने को मिल रहे हैं। अब तक बाबा भूतनाथ मंदिर में 19 स्वरूप देखे जा चुके हैं। जबकि शिवरात्रि तक यह दौर जारी रहेगा। शक्ति पीठों समेत बाबाओं के रूप देखने के किये वीरवार को बारिश के बीच भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रुके। बारिश के बीच श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और माता नैणा देवी के दर्शन किये।


Conclusion:बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि शिवरात्रि तक घृतकम्बल में रोजाना बाबाओं व देवियों के दर्शन हो रहे हैं। घृतकम्बल का श्रृंगार किया जा रहा है। शिवरात्रि के दिन घृतकम्बल हटाया जाएगा।
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