बिलासपुर: जोशीमठ की तरह से ही घरों और जमीन में दरार पड़ने की घटनाएं हिमाचल में भी देखने को मिल रही हैं. भू-धंसाव से जूझ रहे जोशीमठ की तरह ही बिलासपुर जिले के मंडी भराड़ी गांव के लोग भी जूझ रहे हैं. दरअसल यहां रेलवे और फोरलेन का कार्य चला हुआ है. ऐसे में स्थानीय लोगों के घरों को नुकसान पहुंच रहा है. लोगों के घरों में दरारें आ गई हैं. ऐसे में कहीं न कहीं लोगों को अपने आशियाने के टूटने का डर सता रहा है.
रेलवे टनल निर्माण के चलते घरों में आई दरारें: बता दें कि बिलासपुर जिले के मंडी भराड़ी गांव के 10 परिवारों को रेलवे टनल व फोरलेन के कार्य से खतरा बना हुआ है. जब इन लोगों से बात की गई तो इन्होंने अपना दर्द बताया और कहा कि रेलवे टनल के निर्माण के लिए कंपनी द्वारा ब्लास्ट किया गया जिस वजह से उनके मकानों और जमीनों में दरारें आ गई हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां भी जोशीमठ जैसे हालात बन जाएं, इससे पहले प्रशासन और सरकार को उचित कदम उठाना होगा.
लोगों को सता रहा डर, जोशीमठ जैसे हालात न बन जाएं: स्थानीय लोगों ने कहा कि मकानों में पड़ी दरारें और धंसती जमीन से उनके जीवन को खतरा है. आगामी बरसात के मौसम में ये खतरा और भी बढ़ जाएगा. ऐसे में प्रशासन को समय रहते कोई कदम उठाना होगा. वहीं, भू निरीक्षण अधिकारी भी मौके पर आएं और यहां का जायजा लें. ताकि उस आधार पर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए. लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कोई उचित कदम नहीं उठाया गया तो यहां भी जोशीमठ जैसे हालात बन सकते हैं.
हिमाचल में जोशीमठ जैसे हालात?: बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव ने पूरे देश को सकते में डाल दिया. वहीं, उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी इसी तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं. खासकर उन जिलों में जहां पर जल विद्युत परियोजनाओं का जाल बिछा हुआ है. हालांकिहिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ किया है कि राज्य में जोशीमठ जैसे हालात बनने की संभावनाएं नहीं है. सीएम ने इस संबंध में राजधानी शिमला में आपदा प्रबंधन की उच्च स्तरीय बैठक भी की थी.
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