मंडी: 1993 में शिलान्यास, 2009 में निर्माण कार्य का आगाज, 2012 और 2016 में दो बार उदघाटन, लेकिन फिर भी अधूरा पड़ा है मंडी जिला के सबसे बड़े और इकलौते अंतरराज्यीय बस स्टैंड. मौजूदा सरकार के मुखिया मंडी से हैं लेकिन अभी तक इसके विस्तार की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा सका है. लोगों ने बस स्टैंड के अधूरे काम को जल्द पूरा करने की मांग उठाई है.
बता दें कि वर्ष 1993 में तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री पंडित सुखराम ने नए बस स्टैंड का शिलान्यास किया था. शिलान्यास के 16 वर्षों बाद 30 दिसंबर 2009 को तत्कालीन सीएम प्रेम कुमार धूमल ने इसके निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया और कार्य आरंभ हुआ. 13 सितंबर 2012 को विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आधे अधूरे बस स्टैंड का उद्घाटन कर दिया गया.
इसके बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने. उनके कार्यकाल में ग्राउंड फ्लोर पर अधूरे रह गए निर्माण कार्य को पूरा किया गया. 30 मई 2016 को वीरभद्र सिंह ने बस स्टैंड का फिर से उदघाटन कर दिया. इसके बाद फिर किसी ने बस स्टैंड की तरफ मुड़कर नहीं देखा. बस स्टैंड की दूसरी मंजिल के निर्माण के लिए पिल्लर भी खड़े कर दिए गए थे लेकिन आज दिन तक इस दिशा में कार्य आगे ही नहीं बढ़ सका.
मंडी शहर निवासी राम लाल शर्मा और अल्कानंदा हांडा ने बस स्टैंड के अधूरे कार्य पर दुख जताते हुए राज्य सरकार से इसे जल्द से जल्द पूरा करने की मांग उठाई है। बस स्टैंड की दूसरी मंजिल के विस्तार के लिए कई योजनाएं बनी और धराशाही हो गई। कहा गया कि यहां पर पार्किंग स्थल बनाया जाएगा, शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा, दूसरी मंजिल पर भी बसों के आने जाने की सुविधा होगी, लेकिन यह सारी योजनाएं हवाओं में बनी और गायब हो गई.
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सीएम जयराम ठाकुर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि बस स्टैंड की उपरी मंजिल पर एक बड़े हॉल के निर्माण के बारे में विचार किया जा रहा है जहां एक साथ एक हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था हो सके, लेकिन इस पर भी अभी एग्जामिनेशन का कार्य चला रहा है.
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