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मंडी की जनता ने परिवारवाद को नकारा, इन दो नेताओं को करना पड़ा हार का सामना

मंडी जिले में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों को परिवारवाद की वजह से हार झेलनी पड़ी है. करसोग में कांग्रेस को परिवारवाद की वजह से करारी हार झेलनी पड़ी. वहीं, जिले के तहत धर्मपुर सीट पर भाजपा ने दिग्गज नेता महेंद्र सिंह के पुत्र रजत ठाकुर को टिकट दिया था. जिस कारण भाजपा को धर्मपुर सीट गंवानी पड़ी है. पढ़ें पूरी खबर.(Congress lost from Karsog seat) (BJP lost from Dharampur seat) (Himachal Election 2022)

Congress lost from Karsog seat
कांग्रेस और भाजपा को परिवारवाद पड़ा महंगा
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Published : Dec 12, 2022, 9:05 AM IST

Updated : Dec 12, 2022, 10:36 AM IST

करसोग: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 में 40 सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस पार्टी ने हर पांच साल में राज बदलने की परंपरा को कायम रखा. लेकिन सत्ता गंवाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के तहत करसोग में कांग्रेस को परिवारवाद की वजह से 10,534 मतों के अंतर से करारी हार झेलनी पड़ी है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर हालात इतने खराब रहे कि कांग्रेस प्रत्याशी महेशराज अपने ही बूथ पर लीड लेने में भी पिछड़ गए. (Congress lost from Karsog seat) (Himachal Election 2022)

करसोग में सबसे ज्यादा मत लेने का रिकॉर्ड दीपराज के नाम- महेशराज को अपने बूथ करसोग-2 में 403 मत पड़े, वहीं, भाजपा प्रत्याशी दीपराज को 466 वोट मिले. करसोग विधानसभा में कुल 110 में कांग्रेस को सिर्फ 13 बूथों पर ही लीड मिली है. वहीं, भाजपा 97 बूथों पर बढ़त बनाने में कामयाब रही है. दीपराज को सबसे अधिक 695 वोट अपने बूथ भंथल में पड़े. यही नहीं भाजपा उम्मीदवार दीपराज ने 29 साल बाद अधिक मतों के अंतर से हुई जीत के रिकॉर्ड को तो तोड़ा है, लेकिन अब तक हुए चुनाव में सबसे ज्यादा 34,512 मत लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज करके इतिहास रचा है.

मंडी में परिवारवाद की वजह से दो सीटों पर हार- मंडी जिले में कांग्रेस समेत भाजपा को भी परिवारवाद की वजह से हार झेलनी पड़ी है. जिले के तहत धर्मपुर सीट पर भाजपा ने दिग्गज नेता महेंद्र सिंह के पुत्र रजत ठाकुर को टिकट दिया था. जिस कारण भाजपा को धर्मपुर सीट गंवानी पड़ी है. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर चुनाव जीते हैं. इसी तरह से करसोग में भी कांग्रेस को परिवारवाद की वजह से करारी हार झेलनी पड़ी. इस सीट पर जनता के विरोध के बावजूद पूर्व मंत्री मनसाराम के बेटे महेश राज को टिकट दिया गया था. जो 10,534 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं. महेश राज को कुल 23,978 वोट पड़े. हालांकि मंडी सदर में परिवारवाद के विरोध के बावजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा 10 हजार से अधिक मतों से अंतर से चुनाव जीते हैं. (BJP lost from Dharampur seat)

ये भी पढ़ें: हिमाचल में सुक्खू के नाम घनी मूंछ वाले पहले CM का खिताब, ये हैं वो CM जिन्होंने नहीं रखीं मूंछें

करसोग: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 में 40 सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस पार्टी ने हर पांच साल में राज बदलने की परंपरा को कायम रखा. लेकिन सत्ता गंवाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के तहत करसोग में कांग्रेस को परिवारवाद की वजह से 10,534 मतों के अंतर से करारी हार झेलनी पड़ी है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर हालात इतने खराब रहे कि कांग्रेस प्रत्याशी महेशराज अपने ही बूथ पर लीड लेने में भी पिछड़ गए. (Congress lost from Karsog seat) (Himachal Election 2022)

करसोग में सबसे ज्यादा मत लेने का रिकॉर्ड दीपराज के नाम- महेशराज को अपने बूथ करसोग-2 में 403 मत पड़े, वहीं, भाजपा प्रत्याशी दीपराज को 466 वोट मिले. करसोग विधानसभा में कुल 110 में कांग्रेस को सिर्फ 13 बूथों पर ही लीड मिली है. वहीं, भाजपा 97 बूथों पर बढ़त बनाने में कामयाब रही है. दीपराज को सबसे अधिक 695 वोट अपने बूथ भंथल में पड़े. यही नहीं भाजपा उम्मीदवार दीपराज ने 29 साल बाद अधिक मतों के अंतर से हुई जीत के रिकॉर्ड को तो तोड़ा है, लेकिन अब तक हुए चुनाव में सबसे ज्यादा 34,512 मत लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज करके इतिहास रचा है.

मंडी में परिवारवाद की वजह से दो सीटों पर हार- मंडी जिले में कांग्रेस समेत भाजपा को भी परिवारवाद की वजह से हार झेलनी पड़ी है. जिले के तहत धर्मपुर सीट पर भाजपा ने दिग्गज नेता महेंद्र सिंह के पुत्र रजत ठाकुर को टिकट दिया था. जिस कारण भाजपा को धर्मपुर सीट गंवानी पड़ी है. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर चुनाव जीते हैं. इसी तरह से करसोग में भी कांग्रेस को परिवारवाद की वजह से करारी हार झेलनी पड़ी. इस सीट पर जनता के विरोध के बावजूद पूर्व मंत्री मनसाराम के बेटे महेश राज को टिकट दिया गया था. जो 10,534 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं. महेश राज को कुल 23,978 वोट पड़े. हालांकि मंडी सदर में परिवारवाद के विरोध के बावजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा 10 हजार से अधिक मतों से अंतर से चुनाव जीते हैं. (BJP lost from Dharampur seat)

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Last Updated : Dec 12, 2022, 10:36 AM IST
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