करसोग: लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो, इसके लिए करसोग उपमंडल की सभी 54 पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है, जो गांव में प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों सहित बावड़ियों की भी देखरेख करेंगी. गांव में बावड़ियां या प्राकृतिक पेयजल स्रोतों के सूखने से पैदा होने वाले पेयजल संकट से निपटने में भी ये समितियां सक्षम होंगी. ये समिति गांव में नई पेयजल लाइन बिछाने के लिए प्रस्ताव पारित कर जल शक्ति विभाग को भेज सकती हैं.
नई योजना होगी तैयार
विभाग की ओर से फील्ड अधिकारी गांव के लिए नई योजना तैयार करेंगे. स्वच्छता बनाए रखने में भी समितियां अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. पेयजल स्रोतों की साफ सफाई के अलावा गांव को साफ सुथरा रखने के लिए भी समिति काम करेंगी. यही नहीं गांव को दी जाने वाली पेयजल सप्लाई सहित प्राकृतिक पेयजल स्रोतों से भी समिति को पानी के सैंपल भरने का भी अधिकार होगा, जिससे ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो.
सैंपल भरने की ट्रेनिंग
हर पंचायत में गठित की गई ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति को पानी के सैंपल भरने की ट्रेनिंग दी जा रही है. कई पंचायतों में प्रशिक्षण देने का काम भी पूरा हो चुका है. जलशक्ति विभाग ने हर पंचायत को फील्ड किट उपलब्ध करवा रखी है, जिससे समय समय पर पेयजल स्रोतों के सैंपल भरे जा सकें. ऐसे में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति को बहुत सी शक्तियां प्रदान की गई है.
क्या कहा ब्लॉक कोऑर्डिनेटर?
जल शक्ति विभाग ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सुंदर लाल ने बताया कि हर पंचायत में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति का गठन किया गया. इन समितियों की भूमिका पानी के सैंपल भरने सहित प्राकृतिक पेयजल स्रोतों की साफ सफाई रखना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ये समितियां गांव को पेयजल लाइन बिछाने के लिए भी प्रस्ताव पारित कर जल शक्ति विभाग को भेज सकती है.
पढ़ें: जल शक्ति मंत्री ने किया मेडिकल कॉलेज नेरचौक का दौरा, कोरोना से निपटने के लिए जानी व्यवस्था