मंडीः आईआईटी मंडी के 12वें स्थापना दिवस के मौके पर बतौर मुख्यतिथि पहुंचे सीएम जयराम ने समारोह के उपरांत आईआईटी मंडी के उत्तरी परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय का लोकार्पण किया. जिसे 9.5 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. उन्होंने दक्षिणी परिसर में स्थित उन्नत अनुसंधान का दौरा किया और उत्तरी परिसर के विलेज स्कवेयर में पौधरोपण भी किया.
लैंडस्लाइड माॅनिटरिंग सिस्टम का होगा विकास
मंडी में लैंडस्लाइड माॅनिटरिंग सिस्टम के विकास के लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जिला प्रशासन और आईआईटी मंडी के मध्य समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 110 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित टेक्नोलाॅजी इनोवेशन हब का 'लोकार्पण के साथ स्केलिंग द हाइटः एन इंस्टीट्यूशनेल बायोग्राफी' पुस्तक का विमोचन भी किया.
अनुसंधान में आईआईटी मंडी का अपना एक विशेष नाम
सांसद रामस्वरूप शर्मा ने इस मौके पर कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान में आईआईटी मंडी का अपना एक विशेष नाम है जो गर्व का विषय है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों के कारण ही 603 लंबित परियोजनाओं को वन मंजूरी प्राप्त हुई है. जिससे विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
विधायक जवाहर ठाकुर ने कहा कि इस संस्थान ने क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं तलाशी है तथा क्षेत्र को राष्ट्रीय मानचित्र पर भी लाया है. उन्होंने क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए संस्थान के संकाय और विद्यार्थियों को अनुसंधान का कार्य करने का आग्रह किया.
आईआईटी मंडी के निदेशक ने बताया
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि वर्ष 2009 में आईआईटी मंडी की स्थापना के बाद इस संस्थान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने समाज और संस्थान के समक्ष चुनौती पेश की हैं लेकिन चुनौतियों को अवसरों को बदलने का अवसर भी दिया है.
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