शिमला: हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे उपभोक्ताओं के ई-केवाईसी न होने से राशन कार्ड ब्लॉक हो गए हैं. प्रदेश में लंबे समय से चल रही राशन कार्डों ई-केवाईसी की प्रक्रिया को उपभोक्ताओं ने हल्के में लिया है, जिस कारण प्रदेशभर में करीब 2.65 लाख राशनकार्डों को ब्लॉक किया गया है, जिन्हें इस महीने डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा नहीं मिल रहीं है.
ऐसे परिवारों के राशन कार्डों को भी ब्लॉक किया गया है, जिनके परिवार में दिव्यांग और चलने फिरने में असमर्थ बुजुर्ग सदस्य हैं, इसके चलते भी लोगों को ई-केवाईसी करवाने में परेशानी आ रही है. प्रदेश सरकार ने बुजुर्गों और दिव्यांगों को अब बड़ी राहत दी हैं. ऐसे उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी अब घर पर ही होगी, इसका जिम्मा विभाग ने संबंधित फूड इंस्पेक्टर को सौंपा है.
कार्ड धारकों की संख्या घटी
हिमाचल में राशन कार्डों की रोजाना समीक्षा हो रही है. ई-केवाईसी न करने पर हर रोज राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने की प्रक्रिया लगातार जारी है, जिसकी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग निदेशालय फील्ड से रोजाना की रिपोर्ट ले रहा है. प्रदेश भर में अभी तक 2.65 लाख से अधिक राशन कार्ड अस्थाई तौर पर ब्लॉक हो चुके हैं. ऐसे में प्रदेश में अब होने के राशन कार्ड की संख्या अब घटकर 17 लाख के करीब रह गई है. बता दें कि प्रदेश में पिछले साल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19.65 लाख के करीब थी. विभाग ने इन परिवारों को 31 दिसंबर तक हर हाल में ई-केवाईसी करने का आखिरी मौका दिया था, लेकिन राशन कार्ड धारकों ने इन आदेशों को भी पहले की तरह हल्के में लिया, जिस कारण विभाग को मजबूरन 1 जनवरी से ई-केवाईसी न करवाने पर राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने का निर्णय लेना पड़ा है.
ई-केवाईसी इसलिए जरूरी
ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक परिवारों को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले. ये देखा गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों की स्थिति बेटी के विवाह होने और किसी सदस्य के निधन होने से बदल चुकी है, लेकिन ऐसे सदस्यों के नाम पर अब भी राशन लिया जा रहा है. इसलिए ई-केवाईसी काफी आवश्यक है, ताकि राशन कार्ड में दर्ज ऐसे सदस्यों के नामों को हटाए जा सके और वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके. इस तरह से राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों की जानकारी को अपडेट करने के लिए परिवार के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी होना जरूरी हैं.
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि, 'प्रदेश में कोई भी परिवार ई केवाईसी न होने की वजह से सस्ते राशन की सुविधा से वंचित न रहे. इसके लिए राशनकार्ड में दर्ज दिव्यांग और बुजुर्गों की घर घर जाकर ई केवाईसी कराई जाएगी, जिसके लिए संबंधित इंस्पेक्टर को जिम्मेवारी सौंपी गई है. इस बारे में जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.'