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चेक बाउंस मामले में अदालत ने लगाया डेढ़ लाख का जुर्माना, न भरने पर होगी 3 माह कैद

चेक बाउंस के मामले में अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 1,50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.

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Published : Mar 2, 2019, 8:26 AM IST

मंडी: चेक बाउंस के मामले में अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 1,50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं, आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना न अदा करने पर उसे तीन माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला लिया गया है.

बता दें कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजेन्द्र कुमार ने बल्ह तहसील के नेरचौक निवासी सीता की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर रोउ (दियारगी) निवासी लेख राज चौधरी को 1,50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.

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दरअसल अधिवक्ता एम एल शर्मा के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार लेख राज ने अपनी देनदारी चुकाने के लिए शिकायतकर्ता को एक चेक जारी किया था. शिकायतकर्ता ने जब चेक को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया .

चेक बाउंस होने के बाद शिकायतकर्ता ने आरोपी को 15 दिन का कानूनी नोटिस जारी करके राशि की मांग की थी, लेकिन आरोपी द्वारा राशि की अदायगी न करने पर शिकायतकर्ता ने अदालत में निगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायत दायर करके आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाया था.

अभियोग साबित होने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपी को 1,50,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. वहीं, अगर आरोपी उक्त जुर्माना राशि अदा नहीं करेगा, तो उसे तीन माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. ये जुर्माना राशि शिकायतकर्ता को दी जाएगी.

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मंडी: चेक बाउंस के मामले में अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 1,50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं, आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना न अदा करने पर उसे तीन माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला लिया गया है.

बता दें कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजेन्द्र कुमार ने बल्ह तहसील के नेरचौक निवासी सीता की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर रोउ (दियारगी) निवासी लेख राज चौधरी को 1,50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.

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दरअसल अधिवक्ता एम एल शर्मा के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार लेख राज ने अपनी देनदारी चुकाने के लिए शिकायतकर्ता को एक चेक जारी किया था. शिकायतकर्ता ने जब चेक को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया .

चेक बाउंस होने के बाद शिकायतकर्ता ने आरोपी को 15 दिन का कानूनी नोटिस जारी करके राशि की मांग की थी, लेकिन आरोपी द्वारा राशि की अदायगी न करने पर शिकायतकर्ता ने अदालत में निगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायत दायर करके आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाया था.

अभियोग साबित होने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपी को 1,50,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. वहीं, अगर आरोपी उक्त जुर्माना राशि अदा नहीं करेगा, तो उसे तीन माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. ये जुर्माना राशि शिकायतकर्ता को दी जाएगी.

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चेक बाउंस के मामले में डेढ़ लाख जुर्माने का आदेश, न भरने पर होगी 3 माह कैद
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजिंदर कुमार की अदालत ने सुनाया फैसला

मंडी। चेक बाउंस के एक मामले में अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 1,50,000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना न अदा करने पर उसे तीन माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस जुर्माना राशि को शिकायतकर्ता के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा किया जाएगा। 
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजिन्द्र कुमार के न्यायलय ने बल्ह तहसील के नेरचौक निवासी सीता राम पुत्र टोडर की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर बल्ह तहसील के रोउ (दियारगी) निवासी आरोपी लेख राज चौधरी पुत्र डुमणु राम को उक्त जुर्माना राशि अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता एम एल शर्मा के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी लेख राज ने अपनी देनदारी चुकाने के लिए शिकायतकर्ता को एक चेक जारी किया था। शिकायतकर्ता ने जब चेक को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया था। शिकायतकर्ता ने आरोपी को 15 दिनों का कानूनी नोटिस जारी करके राशि की मांग की थी। लेकिन इसके बावजूद भी राशि की अदायगी न करने पर शिकायतकर्ता ने अदालत में निगोशिएबल इन्स्ट्रुमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायत दायर करके आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चेक बाउंस का अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त जुर्माना राशि अदा करने की सजा सुनाई है। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना अदा न करने पर उसे तीन माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। जबकि आरोपी से प्राप्त जुर्माना राशि को शिकायतकर्ता के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा किया जाएगा।
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