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कार मैकेनिक की प्रतिभा का कमाल, वर्षों से खराब पड़ा घंटाघर लोगों को दिखाने लगा सही समय

वर्षों से खराब पड़े मंडी शहर के ऐतिहासिक घंटाघर में कार मैकेनिक ने नई जान डाल दी है. मंडी शहर के साथ लगते ब्राधीवीर में कार मैनिकनिकी का काम करने वाले सन्नी ने यह कार्य करके दिखाया है.

Car mechanic  clock tower of mandi
कार मैकेनिक ने ठीक कर ऐतिहासिक घंटाघर की घड़ियां
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Published : Jan 18, 2020, 11:56 AM IST

Updated : Jan 18, 2020, 12:30 PM IST

मंडीः वर्षों से खराब पड़े मंडी शहर के ऐतिहासिक घंटाघर में कार मैकेनिक ने नई जान डाल दी है. जिस घंटाघर की घड़ियों को ठीक करवाने के लिए कोलकत्ता से लाखों रुपये खर्च कर कारीगर बुलाने पड़ते थे, उसी घंटाघर की घड़ियों को एक कार मैकेनिक ने ठीक कर दिया है.

मंडी शहर के साथ लगते ब्राधीवीर में कार मैनिकनिकी का काम करने वाले सन्नी ने यह कार्य करके दिखाया है. सन्नी मंडी शहर के मंगवाई का रहने वाला है और पिछले करीब 32 सालों से कार मैकनिक का काम कर रहा है. इससे पहले सन्नी घड़ियों की मरम्मत का काम भी करता था. सन्नी की तमन्ना भी थी कि वह शहर के ऐतिहासिक घंटाघर को ठीक करने में अपना योगदान दे सके.

वीडियो.

सन्नी कि यह तमन्ना नगर परिषद तक पहुंची और नगर परिषद ने भी सन्नी को घड़ियों ठीक करने का मौका दिया. सन्नी ने ऐतिहासिक घंटाघर के सारे मैकेनिज्म को समझा और इसकी मर्ज को ढूंढ निकाला. मर्ज का समाधान करते ही घड़ी की सुईयां दौड़ने लग गई हैं और सही समय दिखाना शुरू कर दिया.

सन्नी ने बताया कि उसे घंटाघर को ठीक करके आनंद महसूस हो रहा है. घंटाघर में जो भी छोटी मोटी कमी रही होगी उसे भी जल्द ही दूर कर दिया जाएगा. उन्होंने भविष्य में भी घंटाघर के लिए इसी तरह से अपनी सेवाएं देने की बात भी कही है.

Car mechanic  clock tower of mandi
सन्नी ने ऐतिहासिक घंटाघर में फूंकी जान.

वहीं, नगर परिषद की अध्यक्षा सुमन ठाकुर ने घंटाघर को ठीक करने के लिए सन्नी का आभार जताया. उन्होंने बताया कि घंटाघर सही तरह चले, इसके लिए कोलकात्ता से कारीगर बुलाकर पूरी मरम्मत करवाई जाएगी. अगर जरूरत हुई तो कलपुर्जे भी बदले जाएंगें ताकि घंटाघर सही तरह से काम करे और जनता को सही समय बताए.

ये भी पढ़ेंः अद्भुत हिमाचल: जटोली में जटाधारी शंकर की छटा, द्रविड़ शैली में बना है एशिया का ये सबसे ऊंचा शिव मंदिर

बता दें कि ऐतिहासिक घंटाघर मंडी शहर का लैंड मार्क है. इसी से देश-विदेश में मंडी शहर की पहचान होती है. यह घंटाघर मंडी शहर के बीचों बीच बनी इंदिरा मार्केट में स्थित है. लंबे समय से घंटाघर की घड़ियां बंद होने के कारण यह सिर्फ नाम का ही घंटाघर रह गया था, लेकिन मंडी निवासी सन्नी ने इस घंटाघर में फिर से जना फूक दी है.

मंडीः वर्षों से खराब पड़े मंडी शहर के ऐतिहासिक घंटाघर में कार मैकेनिक ने नई जान डाल दी है. जिस घंटाघर की घड़ियों को ठीक करवाने के लिए कोलकत्ता से लाखों रुपये खर्च कर कारीगर बुलाने पड़ते थे, उसी घंटाघर की घड़ियों को एक कार मैकेनिक ने ठीक कर दिया है.

मंडी शहर के साथ लगते ब्राधीवीर में कार मैनिकनिकी का काम करने वाले सन्नी ने यह कार्य करके दिखाया है. सन्नी मंडी शहर के मंगवाई का रहने वाला है और पिछले करीब 32 सालों से कार मैकनिक का काम कर रहा है. इससे पहले सन्नी घड़ियों की मरम्मत का काम भी करता था. सन्नी की तमन्ना भी थी कि वह शहर के ऐतिहासिक घंटाघर को ठीक करने में अपना योगदान दे सके.

वीडियो.

सन्नी कि यह तमन्ना नगर परिषद तक पहुंची और नगर परिषद ने भी सन्नी को घड़ियों ठीक करने का मौका दिया. सन्नी ने ऐतिहासिक घंटाघर के सारे मैकेनिज्म को समझा और इसकी मर्ज को ढूंढ निकाला. मर्ज का समाधान करते ही घड़ी की सुईयां दौड़ने लग गई हैं और सही समय दिखाना शुरू कर दिया.

सन्नी ने बताया कि उसे घंटाघर को ठीक करके आनंद महसूस हो रहा है. घंटाघर में जो भी छोटी मोटी कमी रही होगी उसे भी जल्द ही दूर कर दिया जाएगा. उन्होंने भविष्य में भी घंटाघर के लिए इसी तरह से अपनी सेवाएं देने की बात भी कही है.

Car mechanic  clock tower of mandi
सन्नी ने ऐतिहासिक घंटाघर में फूंकी जान.

वहीं, नगर परिषद की अध्यक्षा सुमन ठाकुर ने घंटाघर को ठीक करने के लिए सन्नी का आभार जताया. उन्होंने बताया कि घंटाघर सही तरह चले, इसके लिए कोलकात्ता से कारीगर बुलाकर पूरी मरम्मत करवाई जाएगी. अगर जरूरत हुई तो कलपुर्जे भी बदले जाएंगें ताकि घंटाघर सही तरह से काम करे और जनता को सही समय बताए.

ये भी पढ़ेंः अद्भुत हिमाचल: जटोली में जटाधारी शंकर की छटा, द्रविड़ शैली में बना है एशिया का ये सबसे ऊंचा शिव मंदिर

बता दें कि ऐतिहासिक घंटाघर मंडी शहर का लैंड मार्क है. इसी से देश-विदेश में मंडी शहर की पहचान होती है. यह घंटाघर मंडी शहर के बीचों बीच बनी इंदिरा मार्केट में स्थित है. लंबे समय से घंटाघर की घड़ियां बंद होने के कारण यह सिर्फ नाम का ही घंटाघर रह गया था, लेकिन मंडी निवासी सन्नी ने इस घंटाघर में फिर से जना फूक दी है.

Intro:मंडी। वर्षों से खराब पड़े मंडी शहर के ऐतिहासिक घंटाघर में कार मैकेनिक ने नई जान डाल दी है। जिस घंटाघर की घड़ियों को ठीक करवाने के लिए कोलकत्ता से लाखों रूपये खर्च करके कारीगर बुलाने पड़ते थे, उस घंटाघर की घड़ियों को एक कार मैकेनिक ने ठीक कर दिया है। मंडी शहर के साथ लगते ब्राधीवीर में कार मैनिकनिकी का काम करने वाले सन्नी ने यह कार्य करके दिखाया है।


Body:सन्नी मूलतः मंडी शहर के मंगवाई का रहने वाला है और पिछले करीब 32 सालों से कार मैकनिकी का कार्य कर रहा है। इससे पहले सन्नी घड़ियों की मरम्मत का कार्य भी करता था। सन्नी की तमन्ना भी थी कि वह शहर के ऐतिहासिक घंटाघर को ठीक करने में अपना योगदान दे सके। सन्नी कि यह तमन्ना नगर परिषद तक पहुंची और नगर परिषद ने भी सन्नी को घड़ियों ठीक करने का मौका दिया। सन्नी ने ऐतिहासिक घंटाघर के सारे मैकेनिज्म को समझा और इसकी मर्ज को ढूंढ निकाला। मर्ज का समाधान करते ही घड़ी की सुईयां दौड़ने लग गई है और सही समय दिखाना शुरू कर दिया। सन्नी ने बताया कि उसे घंटाघर को ठीक करके आनंद महसूस हो रहा है। घंटाघर में जो भी छोटी मोटी कमी रही होगी उसे भी जल्द ही दूर कर दिया जाएगा। उन्होंने भविष्य में भी घंटाघर के लिए इसी तरह से अपनी सेवाएं देने की बात कही है।

बाइट - सन्नी, कार मैकेनिक

वीओ- वहीं, नगर परिषद की अध्यक्षा सुमन ठाकुर ने घंटाघर को ठीक करने के लिए सन्नी का आभार जताया। उन्होंने बताया कि घंटाघर सही तरह चले, इसके लिए कोलकात्ता से कारीगर बुलाकर पूरी मरम्मत करवाई जाएगी। अगर जरूरत हुई तो कलपुर्जे भी बदले जाएंगें ताकि घंटाघर सही तरह से काम करे और जनता को सही समय बताए।

बाइट - सुमन ठाकुर, अध्यक्षा नगर परिषद मंडी




Conclusion:वीओ - बता दें कि ऐतिहासिक घंटाघर मंडी शहर का लैंड मार्क है। इसी से देश-विदेश में मंडी शहर की पहचान होती है। यह घंटाघर मंडी शहर के बीचोंबीच बनी इंदिरा मार्केट में स्थित है। लंबे समय से घड़ियां बंद होने के कारण लोग मायूस थे, लेकिन उनकी मायूसी दूर हो गई है।

क्लोजिंग पीटीसी: राकेश राणा, संवाददाता
Last Updated : Jan 18, 2020, 12:30 PM IST
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