करसोग: जिला मंडी स्थित करसोग में नियमों को ताक पर रख बोटिंग के नाम पर मौत का खेल चल रहा है. विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तत्तापानी में सतलुज नदी पर बनी झील में पर्यटकों को बिना लाइफ जैकेट बोटिंग कराई जा रही है. यहां मकर सक्रांति से लगातार अन्य राज्यों सहित प्रदेश भर से पर्यटक सतलुज नदी पर बनी कृत्रिम झील की खूबसूरती का लुत्फ उठाने और पवित्र स्नान करने पहुंच रहे हैं. ऐसे में स्थानीय लोग भी पैसे कमाने के लालच में लकड़ी और लोहे से बनी वोट में बिना लाइफ जैकेट के नियमों को ताक पर रखकर बोटिंग करवा रहे हैं. जिससे सतलुज नदी पर बनी झील पर बोटिंग के रोमांच का लुत्फ पर्यटकों के जान पर भारी पड़ सकता है.
तत्तापानी में 14 जनवरी को आयोजित जिला स्तरीय मकर संक्रांति मेले के दिन से जीवन पर संकट का ये खेल बिना किसी अनुमति के चल रहा है. ऐसे में यहां हमेशा अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है, लेकिन हैरानी की बात है कि जान जोखिम में डालकर चल रहे मौत के इस खेल को लेकर प्रशासन मौन बैठा तमाशा देख रहा है.
तत्तापानी बना मनपसंद पर्यटन स्थल
बिलासपुर व मंडी जिले की सीमा पर सतलुज नदी पर बने 800 मेगावाट क्षमता के कोल बांध पनविद्युत प्रोजेक्ट से तत्तापानी में खूबसूरत कृत्रिम झील बनी है. इसके अतिरिक्त यहां गर्म पानी के चश्मे भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. जिसको देखते हुए तत्तापानी पर्यटकों का मन पसंद डेस्टिनेशन बन गया है.
तत्तापानी के बिना शिमला का सफर अधूरा
बाहरी राज्यों से पहाड़ों की रानी शिमला में बर्फबारी का लुत्फ लेने के लिए आने वाले पर्यटक तत्तापानी में झील की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए भी पहुंचते हैं. शिमला से तत्तापानी की दूरी करीब 55 किलोमीटर है. ऐसे में शिमला घूमने आने वाले पर्यटकों का सफर बिना तत्तापानी पहुंचे अधूरा है.
2 दिनों के भीतर किया जाएगा इंस्पेक्शन
जिला मंडी के पर्यटन अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. 2 दिनों के भीतर ही तत्तापानी पहुंचकर इंस्पेक्शन की जाएगी. इस दौरान बिना अनुमति के बोटिंग करवाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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