मंडी: छोटी काशी मंडी में तारा रात्रि की मध्य रात्रि से ही बाबा भूतनाथ के घृतमंडल श्रृंगार की रस्मों के साथ शिवरात्रि महोत्सव का आगाज हो गया है. शिवरात्रि तक हर रोज बाबा भूतनाथ का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जा रहा है. हर दिन श्रद्धालुओं को बाबा भूतनाथ अलग-अलग रूपों में दर्शन दे रहे हैं. मंगलवार को बाबा भूतनाथ का श्रृंगार, राजराजेश्वर मंदिर के शिवालय के रूप में किया गया. यह मंदिर तेलंगाना में स्थित है.
बाबा भूतनाथ मठ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि इस मंदिर का अपना एक गौरवमई इतिहास रहा है. यहां 11 अखंड दीपक कई शताब्दियों से जल रहे हैं, जो किसी आंधी, तूफान, बारिश के बाद भी नहीं बुझते हैं. यह सोमवंशीय सहस्त्रार्जुन कार्तवीर्यार्जुन का समाधि मंदिर है. सहस्रार्जुन कार्तवीर्य अर्जुन का जन्मदिन महेश्वर में बड़े उत्साह से मनाया जाता है.
तीन दिन चलने वाला यह उत्सव अगहन माह की शुक्ल सप्तमी से प्रारंभ होता है और समाप्ति पर बड़ा भोजन भण्डारा किया जाता है. अखंड दीपक हेतु शुद्ध घी का दान, सुखकारक और पुंण्य वर्धक माना जाता है. यहां आने वाले श्रद्धालु शुद्ध घी का दान करते हैं. इसलिए यहां हमेशा ही शुद्ध घी का भंडार बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि महेश्वर के अत्यंत गौरवशाली पौराणिक इतिहास के कारण ही देवी अहिल्या ने महेश्वर को अपनी राजधानी बनाया था.
बता दें कि छोटी काशी मंडी में 19 फरवरी से अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव शुरू होने जा रहा है, जो 7 दिनों तक चलेगा. मंडी में होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में 200 के करीब पंजीकृत देवी-देवता यहां पहुंचते हैं, जो की शिवरात्रि महोत्सव की शोभा बढ़ाते हैं. शिवरात्रि महोत्सव के दौरान देवी-देवताओं के आगमन से पूरा मंडी शहर भक्ति से झूम उठता है.
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