ETV Bharat / state

प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के विरोध में वकील, मंडी प्रशासनिक बैंच के बाहर दिया धरना

हिमाचल प्रदेश सरकार के हाल ही में लिए गए प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले पर प्रशासनिक कोर्ट अधिवक्ता संघ भड़क गया है. शुक्रवार को मंडी में प्रशासनिक कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले को बदलने का प्रदेश सरकार से आहवान भी किया.

प्रदर्शन करते प्रशासनिक कोर्ट अधिवक्ता संघ
author img

By

Published : Jul 12, 2019, 8:27 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा हाल ही में लिए गए प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले पर प्रशासनिक कोर्ट अधिवक्ता संघ भड़क गया है. इसी के चलते शुक्रवार को मंडी में प्रशासनिक कोर्ट के पास अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए.

प्रशासनिक अधिवक्ता संघ का मानना है कि कर्मचारियों के मामले भी प्रदेश हाईकोर्ट के पास जाने से मामलों में न्याय मिलने में देरी होगी. साथ ही कर्मचारियों के पैसों की बर्बादी हो सकती है. अधिवक्ता संघ का मानना है कि प्रदेश में प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने का फैसला सही नहीं है क्योंकि इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को लाभ होता रहा है.

ये भी पढे़ं-'ओवरलोडिंग' को लेकर प्रदेश में कोहराम, मंत्री बोले- 25 प्रतिशत तक अधिक सवारियां हो सकती हैं सवार

प्रशासनिक अधिवक्ता संघ ने सरकार को अपने फैसले पर पूनर्विचार करने की सलाह दी है. संघ का कहना है कि सरकार को एक बार प्रशासनिक कोर्ट से जुड़े अधिवक्ताओं के साथ भी बैठक करनी चाहिए ताकि इस फैसले के बारे में कुछ तथ्य उन्हें पता चलें व इस फैसले को बदला जा सके.

वीडियो

प्रशासनिक अधिवक्ता संघ के धरने के दौरान अधिवक्ता संघ के मध्य जोन के अध्यक्ष एसपी परमार ने सरकार को चेताया है कि अगर प्रशासनिक कोर्ट को प्रदेश में बंद करने का फैसला नहीं बदला गया तो आने वाले समय में इसके लिए विरोध तेज किया जाएगा. सरकार के फिर भी न मानने पर प्रशासनिक अधिवक्ता संघ ने सरकार के इस कर्मचारी विरोधी फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का मन भी बना लिया है, लेकिन उससे पहले अधिवक्ता यही मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के बजाए और मजबूत किया जाए ताकि प्रदेश के कर्मचारियों को समय पर न्याय मिल सके.

ये भी पढे़ं-फंदे से झूलता मिला ITI मंडी की छात्रा का शव, क्षेत्र में फैली सनसनी

मंडी: हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा हाल ही में लिए गए प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले पर प्रशासनिक कोर्ट अधिवक्ता संघ भड़क गया है. इसी के चलते शुक्रवार को मंडी में प्रशासनिक कोर्ट के पास अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए.

प्रशासनिक अधिवक्ता संघ का मानना है कि कर्मचारियों के मामले भी प्रदेश हाईकोर्ट के पास जाने से मामलों में न्याय मिलने में देरी होगी. साथ ही कर्मचारियों के पैसों की बर्बादी हो सकती है. अधिवक्ता संघ का मानना है कि प्रदेश में प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने का फैसला सही नहीं है क्योंकि इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को लाभ होता रहा है.

ये भी पढे़ं-'ओवरलोडिंग' को लेकर प्रदेश में कोहराम, मंत्री बोले- 25 प्रतिशत तक अधिक सवारियां हो सकती हैं सवार

प्रशासनिक अधिवक्ता संघ ने सरकार को अपने फैसले पर पूनर्विचार करने की सलाह दी है. संघ का कहना है कि सरकार को एक बार प्रशासनिक कोर्ट से जुड़े अधिवक्ताओं के साथ भी बैठक करनी चाहिए ताकि इस फैसले के बारे में कुछ तथ्य उन्हें पता चलें व इस फैसले को बदला जा सके.

वीडियो

प्रशासनिक अधिवक्ता संघ के धरने के दौरान अधिवक्ता संघ के मध्य जोन के अध्यक्ष एसपी परमार ने सरकार को चेताया है कि अगर प्रशासनिक कोर्ट को प्रदेश में बंद करने का फैसला नहीं बदला गया तो आने वाले समय में इसके लिए विरोध तेज किया जाएगा. सरकार के फिर भी न मानने पर प्रशासनिक अधिवक्ता संघ ने सरकार के इस कर्मचारी विरोधी फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का मन भी बना लिया है, लेकिन उससे पहले अधिवक्ता यही मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के बजाए और मजबूत किया जाए ताकि प्रदेश के कर्मचारियों को समय पर न्याय मिल सके.

ये भी पढे़ं-फंदे से झूलता मिला ITI मंडी की छात्रा का शव, क्षेत्र में फैली सनसनी

Intro:मंडी: हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा हाल ही में लिए गए प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले पर प्रशासनिक कोर्ट अधिवक्ता संघ भड़क गया है। इसी के चलते शुक्रवार को मंडी में प्रशासनिक कोर्ट के पास अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने नारे भी लगाए व प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले को बदलने का प्रदेश सरकार से आहवान भी किया। Body:प्रशासनिक अधिवक्ता संघ का मानना है कि कर्मचारियों के मामले भी प्रदेश हाई कोर्ट के पास जाने से मामलों में न्याय मिलने में देरी होगी व साथ ही कर्मचारियों के पैसों की बर्बादी हो सकती है। अधिवक्ता संघ का मानना है कि प्रदेश में प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने का फैसला सही नहीं है क्योंकि इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को लाभ होता रहा है। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिवक्ता संघ ने सरकार को अपने फैसले पर पूनर्विचार करने की सलाह दी है। इसके साथ ही संध का कहना है सरकार को एक बार प्रशासनिक कोर्ट से जुड़े अधिवक्ताओं के साथ भी बैठक करनी चाहिए ताकि इस फैसले के बारे में कुछ तथ्य उन्हे पता चलें व इस फैसले को बदला जा सके। प्रशासनिक अधिवक्ता संघ के धरने के दौरान अधिवक्ता संघ के मध्य जोन के अध्यक्ष एसपी परमार ने सरकार को चेताया है कि अगर प्रशासनिक कोर्ट को प्रदेश में बंद करने का फैसला नहीं बदला गया तो आने वाले समय में इसके लिए विरोध तेज किया जाएगा। सरकार के फिर भी न मानने पर प्रशासनिक अधिवक्ता संघ ने सरकार के इस कर्मचारी विरोधी फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का मन भी बना लिया है लेकिन उससे पहले अधिवक्ता यही मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के बजाए और मजबूत किया जाए ताकि प्रदेश के कर्मचारियों को समय पर न्याय मिल सके।
Conclusion:
बाइट - तरूण पाठक, पूर्व उपमहाधिवक्ता, हि.प्र.
बाइट - लोकेश कपूर, अधिवक्ता
बाइट - एस.पी. परमार, अध्यक्ष, प्रशासनिक अधिवक्ता संघ, मघ्य जोन
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.