करसोग: जिला मंडी के करसोग उपमंडल में लोगों के स्वाथ्य की चिंता करते हुए प्रशासन ने सभी पंचायतों को कई दिशा निर्देश जारी किए हैं. उपमंडल में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए प्रशासन ने प्रधानों और पंचायत सचिवों को बाहर से आने वाले लोगों की रोजाना सूची तैयार करने के आदेश जारी किए हैं, ताकि ऐसे लोग प्रशासन की निगरानी में रह सके.
बता दें कि संबंधित पंचायतों में आशा वर्कर्स संदिग्ध लोगों के होम क्वारंटाइन में होने पर नजर रखेगा. यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा, जब तक कोरोना वायरस का अंदेशा पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता है. हालांकि करसोग में कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है ताकि भविष्य में भी कोरोना संक्रमण के अंदेशे को समाप्त किया जा सके.
इसके अलावा कोरोना वायरस को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके बाद भी अगर कोई नियमों की पालना नहीं करता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. अब तक कई लापरवाह लोगों पर नियमों का डंडा चल चुका है. जिससे लोग भी अब नियमों की अच्छी तरह से पालना करने लगे हैं. प्रशासन के यह कदम जाहिर तौर पर कोरोना को हराने में सहायक सिद्ध होंगे.
अन्य जिला से आने वाले भी माने जाएंगे बाहरी
करसोग में पहले विदेशों या फिर अन्य राज्य से आने वाले लोगों को बाहरी माना जाता था, लेकिन अब प्रदेश के दूसरे जिलों से आने वाले व्यक्ति को भी बाहरी माना जाएगा. यानी पंचायतों को ऐसे सभी लोगों की सूची तैयार करके प्रशासन को सौंपनी होगी जो अन्य राज्य सहित दूसरे जिलों से करसोग आ रहे हैं.
एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि सभी पंचायत सचिवों और प्रधानों को अन्य राज्य सहित दूसरे जिलों से आने वालों की रोजाना सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे सभी लोग आशा वर्करों की निगरानी में रहेंगे. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह लोग रेड या ऑरेंज जोन से आएं हो, इसलिए ऐसे लोगों के स्वास्थ्य की नियमित जांच के लिए इन्हें होम क्वारंटाइन पर रखा जाएगा.
ये भी पढ़ें: कोरोना कर्फ्यू : बिना परमिट चलेगी बैंक कर्मियों की गाड़ियां, SP ऑफिस में देनी होगी लिस्ट