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चेक बाउंस मामला: आरोपी को 6 महीने का कारावास, 2 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना - मंडी में चेक बाउंस

मंडी में चेक बाउंस काअभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी को 6 महीने के साधारण कारावास और 2 लाख और 10 हजार रुपये हर्जाना अदा करने की सजा सुनाई है. आरोपी के हर्जाना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर एक महीने के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

Accused imprisonment for check bounce mandi
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Published : Oct 15, 2019, 8:14 PM IST

मंडी: जिला मंडी में चेक बाउंस का अभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी को 6 महीने के साधारण कारावास और 2 लाख और 10 हजार रुपये हर्जाना अदा करने की सजा सुनाई है. आरोपी के हर्जाना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर एक महीने के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमरदीप सिंह के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार मैगल (टांडू) गांव निवासी लता देवी की शिकायत पर आरोपी जोगेश्वरी देवी निवासी नगवाईं गांव पर मामला दर्ज हुआ था. मामले में अभियोग के साबित होने पर आरोपी जोगेश्वरी देवी को कारावास और जुर्माना देने की सजा सुनाई है.

वीडियो.

अधिवक्ता आर के चावला के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी जोगेश्वरी देवी ने शिकायतकर्ता लता देवी से मार्च 2013 में 2 लाख रुपये उधार लिये थे. इसे आरोपी ने दो महीन में लौटाने का आश्वासन दिया था. आरोपी ने शिकायतकर्ता को राशि की अदायगी के लिए एक चेक जारी किया था.

शिकायतकर्ता ने जब चेक भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया था. इस पर शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को 15 दिनों का नोटिस जारी कर भुगतान के लिए कहा था.

राशि की अदायगी न होने के कारण शिकायतकर्ता ने अदालत में निगोशिएबल इन्सट्रूमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायत दायर की थी. अदालत ने शिकायत पर अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चेक बाउंस का अभियोग साबित हुआ है. इसके कारण अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है.

ये भी पढ़ें: अमानवीय! युवकों ने टिक टॉक वीडियो बनाने के लिए कुत्ते को झाड़ियों में फेंका, मामला दर्ज

मंडी: जिला मंडी में चेक बाउंस का अभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी को 6 महीने के साधारण कारावास और 2 लाख और 10 हजार रुपये हर्जाना अदा करने की सजा सुनाई है. आरोपी के हर्जाना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर एक महीने के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमरदीप सिंह के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार मैगल (टांडू) गांव निवासी लता देवी की शिकायत पर आरोपी जोगेश्वरी देवी निवासी नगवाईं गांव पर मामला दर्ज हुआ था. मामले में अभियोग के साबित होने पर आरोपी जोगेश्वरी देवी को कारावास और जुर्माना देने की सजा सुनाई है.

वीडियो.

अधिवक्ता आर के चावला के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी जोगेश्वरी देवी ने शिकायतकर्ता लता देवी से मार्च 2013 में 2 लाख रुपये उधार लिये थे. इसे आरोपी ने दो महीन में लौटाने का आश्वासन दिया था. आरोपी ने शिकायतकर्ता को राशि की अदायगी के लिए एक चेक जारी किया था.

शिकायतकर्ता ने जब चेक भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया था. इस पर शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को 15 दिनों का नोटिस जारी कर भुगतान के लिए कहा था.

राशि की अदायगी न होने के कारण शिकायतकर्ता ने अदालत में निगोशिएबल इन्सट्रूमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायत दायर की थी. अदालत ने शिकायत पर अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चेक बाउंस का अभियोग साबित हुआ है. इसके कारण अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है.

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Intro:मंडी। चेक बाउंस का अभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी को 6 माह के साधारण कारावास और 2,10,000 रूपये हर्जाना अदा करने की सजा सुनाई है। आरोपी के हर्जाना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। Body:अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमरदीप सिंह के न्यायलय ने सदर तहसील के मैगल (टांडू) गांव निवासी लता देवी पत्नी जय पाल की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर औट तहसील के नगवाईं गांव निवासी जोगेश्वरी देवी पत्नी देवेन्द्र शर्मा को उक्त कारावास और हर्जाना अदा करने की सजा सुनाई है।अधिवक्ता आर के चावला के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी जोगेश्वरी देवी ने शिकायतकर्ता लता देवी से मार्च 2013 में 2,00,000 रूपये उधार लिये थे। जिसे आरोपी ने दो माह में लौटाने का आश्वासन दिया था। आरोपी ने शिकायतकर्ता को राशि की अदायगी के लिए एक चेक जारी किया था। शिकायतकर्ता ने जब चेक भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया था। जिस पर शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को 15 दिनों का नोटिस जारी कर भुगतान के लिए कहा था। राशि की अदायगी न होने के कारण शिकायतकर्ता ने अदालत में निगोशिएबल इन्ट्रुमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायत दायर की थी। अदालत ने शिकायत पर अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चेक बाउंस का अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है।

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