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Himachal News: अगर टनलें न होती तो पूरी तरह से कट जाता कुल्लू-मनाली व लाहौल स्पीति - 5 Tunnels On Chandigarh Manali Highway

केंद्र सरकार द्वारा टूरिस्ट और बरसाती मौसम को ध्यान में रखकर शुरू की गई हणोगी से झलोगी तक बनी पांच टनलें 2 जिलों के लिर लाइफ लाइन का कार्य कर रही है. अगर टनलें न होती तो पूरी तरह से कुल्लू-मनाली और लाहौल स्पीति कट जाता. वहीं, लोक निर्माण विभाग थलौट के अधिशाषी अभियंता ई. सुरेश कौशल ने बताया कि क्षतिग्रस्त हाईवे की डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

Five tunnels started by central government
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पांच टनलें बनी लाइफ लाइन
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Published : Jul 24, 2023, 6:54 PM IST

नमन

मंडी: किरतपुर मनाली-फोरलेन के तहत हणोगी से झलोगी के बीच बनी पांच मे से 3 टनलें 2 जिलों के लिए लाइफ लाइन का काम कर रही हैं. यदि समय रहते इन टनलों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ होता और इन्हें यातायात के लिए शुरू न किया होता तो शायद आज कुल्लू-मनाली और लाहौल स्पीति के लोग कालेपानी की सजा भुगत रहे होते. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि रैंसनाला से लेकर झलोगी तक पुराना हाईवे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. यहां हाईवे का नामोनिशां ही मिट गया है. क्योंकि बीती 20 मई से सारा ट्रैफिक टनलों से होकर गुजर रहा है तो पुराने हाईवे की तरफ कोई जाता, इसलिए वहां पर क्या स्थिति है, इसका भी किसी को कोई पता नहीं. लेकिन जो मंजर वहां पर है, यदि टनलें न खुली होती तो यहां हाईवे को बहाल करना असंभव ही होता.

केंद्र सरकार ने यातायात के लिए पांच टनलों को किया था शुरू: बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते 20 मई को हणोगी से झलोगी तक बनी पांच टनलों को यातायात के लिए शुरू कर दिया था. केंद्र सरकार ने यह निर्णय टूरिस्ट और बरसाती मौसम को ध्यान में रखकर लिया था. सरकार के इस निर्णय की आज लोग प्रशंसा कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर टनलें न खुली होती तो आज वे आवागमन से पूरी तरह से महरूम हो जाते और कुल्लू-मनाली भी पूरी तरह से कट जाता. इसके लिए इन्होंने केंद्र सरकार का आभार जताया है. वहीं, बताया जा रहा है कि पुराने हाईवे को भी बहाल करने की दिशा में कार्य शुरू हो गया है.

क्षतिग्रस्त हाईवे की डीपीआर बनाने का कार्य शुरू: लोक निर्माण विभाग थलौट के अधिशाषी अभियंता ई. सुरेश कौशल ने बताया कि क्षतिग्रस्त हाईवे की डीपीआर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. पूरी डीपीआर बनाकर एनएचएआई को दे दी जाएगी और एनएचएआई ही इसकी मरम्मत करेगी. बता दें कि कीतरपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट में पंडोह बायपास टकोली प्रोजेक्ट सबसे महत्वपूर्ण है. यहां अधिकतर फोरलेन टनलों से ही गुजारा जा रहा है. शाहपुरजी-पलौनजी और एफकॉन्स कंपनी इस प्रोजेक्ट का कार्य कर रही हैं. कड़ी मेहनत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Kullu News: कुल्लू के छरुडु में ब्यास नदी ने बदला रुख, किरतपुर-मनाली फोरलेन पर मंडराया खतरा

नमन

मंडी: किरतपुर मनाली-फोरलेन के तहत हणोगी से झलोगी के बीच बनी पांच मे से 3 टनलें 2 जिलों के लिए लाइफ लाइन का काम कर रही हैं. यदि समय रहते इन टनलों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ होता और इन्हें यातायात के लिए शुरू न किया होता तो शायद आज कुल्लू-मनाली और लाहौल स्पीति के लोग कालेपानी की सजा भुगत रहे होते. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि रैंसनाला से लेकर झलोगी तक पुराना हाईवे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. यहां हाईवे का नामोनिशां ही मिट गया है. क्योंकि बीती 20 मई से सारा ट्रैफिक टनलों से होकर गुजर रहा है तो पुराने हाईवे की तरफ कोई जाता, इसलिए वहां पर क्या स्थिति है, इसका भी किसी को कोई पता नहीं. लेकिन जो मंजर वहां पर है, यदि टनलें न खुली होती तो यहां हाईवे को बहाल करना असंभव ही होता.

केंद्र सरकार ने यातायात के लिए पांच टनलों को किया था शुरू: बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते 20 मई को हणोगी से झलोगी तक बनी पांच टनलों को यातायात के लिए शुरू कर दिया था. केंद्र सरकार ने यह निर्णय टूरिस्ट और बरसाती मौसम को ध्यान में रखकर लिया था. सरकार के इस निर्णय की आज लोग प्रशंसा कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर टनलें न खुली होती तो आज वे आवागमन से पूरी तरह से महरूम हो जाते और कुल्लू-मनाली भी पूरी तरह से कट जाता. इसके लिए इन्होंने केंद्र सरकार का आभार जताया है. वहीं, बताया जा रहा है कि पुराने हाईवे को भी बहाल करने की दिशा में कार्य शुरू हो गया है.

क्षतिग्रस्त हाईवे की डीपीआर बनाने का कार्य शुरू: लोक निर्माण विभाग थलौट के अधिशाषी अभियंता ई. सुरेश कौशल ने बताया कि क्षतिग्रस्त हाईवे की डीपीआर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. पूरी डीपीआर बनाकर एनएचएआई को दे दी जाएगी और एनएचएआई ही इसकी मरम्मत करेगी. बता दें कि कीतरपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट में पंडोह बायपास टकोली प्रोजेक्ट सबसे महत्वपूर्ण है. यहां अधिकतर फोरलेन टनलों से ही गुजारा जा रहा है. शाहपुरजी-पलौनजी और एफकॉन्स कंपनी इस प्रोजेक्ट का कार्य कर रही हैं. कड़ी मेहनत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है.

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