मंडी: जिला प्रशासन द्वारा गठित विभिन्न विभागों की साझा टीम ने आज मंडी शहर के विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर बाल मजदूरी कर रहे पांच बच्चों को रेस्क्यू किया है. यह बच्चे इंदिरा मार्किट, चंद्रलोक गली और मंडी बस स्टैंड के पास मजदूरी कर रहे थे. तीन बच्चे ढाबे पर मजदूरी करते हुए रेस्क्यू किए गए, जबकि दो बच्चे डेली नीड शॉप से रेस्क्यू किए गए.
एडीएम मंडी अश्वनी कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली द्वारा बाल श्रम बचाव अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि जिला के सभी सीडीपीओ को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस बात को लेकर छानबीन करें कि कहीं उनके इलाके में कोई बच्चा मजदूरी तो नहीं कर रहा है. यदि ऐसा कुछ है तो फिर उस पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाए और बच्चों को रेस्क्यू किया जाए.
जिला बाल संरक्षण इकाई मंडी की काउंसलर हर्षलता ने बताया कि बच्चों के सभी दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं और उसी आधार पर इनकी सही उम्र का पता चल पाएगा. अभी तक यही पता चला है कि बच्चे 15 से 18 वर्ष की आयु के बीच के है. इन सभी बच्चों को खुला आश्रम गृह मंडी में रखा गया है और जांच पड़ताल के बाद ही इस बारे में आगामी निर्णय लिया जाएगा.
इस संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में बाल संरक्षण इकाई से परिवीक्षा अधिकारी रमा कुमारी, काउंसलर हर्षलता, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष नीरज शर्मा, सदस्य लाल सिंह देशबंधु, पंकज चंदेल, श्रम विभाग से श्रम इंस्पेक्टर रविकांत, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण से सतीश कुमार, पुलिस विभाग से वंदना शर्मा, वीना कुमारी, सावित्रि देवी, चाईल्ड लाईन से समन्वयक अच्छर सिंह, सदस्य सुषमा और पुष्पेंद्र शामिल रहे.