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धीरे-धीरे रियासत के पन्‍ने से निकलती सियासत की मंडी सीट, इस बार रोचक होगा मुकाबला - लोकसभा चुनाव में राज परिवार

मंडी संसदीय सीट के इतिहास में तीसरी बार मैदान में राज परिवार के सदस्‍य नहीं हैं. बता दें कि मंडी सीट से अब तक 17 में से 15 बार राज परिवार के सदस्‍यों ने चुनाव लड़े हैं और इस बार दो पंडितों के बीच मुकाबला होने जा रहा है.

फाइल फोटो
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Published : Mar 31, 2019, 2:02 PM IST

Updated : Mar 31, 2019, 3:11 PM IST

मंडी: रियासत के पन्‍ने से सियासत की मंडी सीट धीरे-धीरे निकलती जा रही है. इस बार मंडी सीट पर मुकाबला रोचक होगा. मंडी सीट के इतिहास में तीसरी बार मैदान में राज परिवार के सदस्‍य नहीं हैं. इस दो पंडितों में मुकाबला होने जा रहा है. मंडी सीट पर लंबी जददोजहद के बाद कांग्रेस ने भी अपना उम्‍मीदवार घोषित कर दिया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ब्राह्मण उम्‍मीदवार पर दांव खेला है.
अमूमन मंडी सीट पर अब तक हुए 17 बार लोस चुनाव में 15 बार राज परिवार का एक सदस्‍य मैदान पर उतरा है. 2019 के लोस चुनाव में कोई भी राज परिवार का सदस्‍य मंडी सीट से चुनावी मैदान पर नहीं है. मंडी सीट रजवाड़ों की सीट मानी जाती रही है, लेकिन धीरे धीरे इसमें बदलाव होने लगा है. इस बार खुद पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह व उनके पुत्र विक्रमादित्‍य सिंह ने मंडी से चुनाव न लड़ने की बात कही है. जबकि कुल्‍लू से महेश्‍वर सिंह भाजपा टिकट की दौड़ में शामिल थे, लेकिन वह टिकट हासिल करने में सफल नहीं हो पाए. ऐसे में इस बार राज परिवार से संबंधित कोई भी सदस्‍य न भाजपा से और न ही कांग्रेस से मैदान पर है.
1984 व 1996 के लोकसभा चुनाव में राज परिवार से संबंधित कोई भी सदस्‍य चुनाव में नहीं था. अब तीसरी बार ये होने जा रहा है कि राज परिवार के बजाए सामान्‍य परिवार के सदस्‍य ही चुनावी मैदान में है. राजनीतिक विश्‍लेषक बीरबल शर्मा का कहना है कि हॉट सीट मंडी में इस बार कोई भी राज परिवार का सदस्‍य मैदान में नहीं है. ये मंडी सीट के इतिहास में तीसरी बार होने जा रहा है. इस रोचक मुकाबले में मंत्री अनिल शर्मा धर्मसंकट में हैं. उनके मंत्री पद पर भी खतरे के बादल मंडराए हुए हैं.
15 में से 12 बार राज परिवार का रहा मंडी सीट में दबदबा
अब तक मंडी सीट पर हुए 17 बार लोकसभा चुनाव में 15 बार राज परिवार के सदस्‍य मैदान पर थे. 15 लोस चुनाव में कांग्रेस व भाजपा से 12 बार राज परिवार के सदस्‍य ही जीते हैं. जिससे साफ होता है कि मंडी सीट पर राज परिवार का ही दबदबा रहा है.
मंडी संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद:
1952 : रानी अमृत कौर , गोपी राम कांग्रेस
( मंडी महासू के नाम से दो सदस्यीय सीट थी)
1957: राजा जोगिंदर सेन कांग्रेस
1962: राजा ललित सेन कांग्रेस
1967: राजा ललित सेन कांग्रेस
1972: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1977: ठाकुर गंगा सिंह जनता पार्टी
1980: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1984: पंडित सुख राम कांग्रेस
1989: राजा महेश्वर सिंह
1991: पंडित सुख राम कांग्रेस
1996 : पंडित सुख राम कांग्रेस
1998: राजा महेश्वर सिंह भाजपा
1999: राजा महेश्वर सिंह भाजपा
2004: रानी प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2009: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
2013: (उपचुनाव) रानी प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2014: रामस्वरूप शर्मा भाजपा

मंडी: रियासत के पन्‍ने से सियासत की मंडी सीट धीरे-धीरे निकलती जा रही है. इस बार मंडी सीट पर मुकाबला रोचक होगा. मंडी सीट के इतिहास में तीसरी बार मैदान में राज परिवार के सदस्‍य नहीं हैं. इस दो पंडितों में मुकाबला होने जा रहा है. मंडी सीट पर लंबी जददोजहद के बाद कांग्रेस ने भी अपना उम्‍मीदवार घोषित कर दिया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ब्राह्मण उम्‍मीदवार पर दांव खेला है.
अमूमन मंडी सीट पर अब तक हुए 17 बार लोस चुनाव में 15 बार राज परिवार का एक सदस्‍य मैदान पर उतरा है. 2019 के लोस चुनाव में कोई भी राज परिवार का सदस्‍य मंडी सीट से चुनावी मैदान पर नहीं है. मंडी सीट रजवाड़ों की सीट मानी जाती रही है, लेकिन धीरे धीरे इसमें बदलाव होने लगा है. इस बार खुद पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह व उनके पुत्र विक्रमादित्‍य सिंह ने मंडी से चुनाव न लड़ने की बात कही है. जबकि कुल्‍लू से महेश्‍वर सिंह भाजपा टिकट की दौड़ में शामिल थे, लेकिन वह टिकट हासिल करने में सफल नहीं हो पाए. ऐसे में इस बार राज परिवार से संबंधित कोई भी सदस्‍य न भाजपा से और न ही कांग्रेस से मैदान पर है.
1984 व 1996 के लोकसभा चुनाव में राज परिवार से संबंधित कोई भी सदस्‍य चुनाव में नहीं था. अब तीसरी बार ये होने जा रहा है कि राज परिवार के बजाए सामान्‍य परिवार के सदस्‍य ही चुनावी मैदान में है. राजनीतिक विश्‍लेषक बीरबल शर्मा का कहना है कि हॉट सीट मंडी में इस बार कोई भी राज परिवार का सदस्‍य मैदान में नहीं है. ये मंडी सीट के इतिहास में तीसरी बार होने जा रहा है. इस रोचक मुकाबले में मंत्री अनिल शर्मा धर्मसंकट में हैं. उनके मंत्री पद पर भी खतरे के बादल मंडराए हुए हैं.
15 में से 12 बार राज परिवार का रहा मंडी सीट में दबदबा
अब तक मंडी सीट पर हुए 17 बार लोकसभा चुनाव में 15 बार राज परिवार के सदस्‍य मैदान पर थे. 15 लोस चुनाव में कांग्रेस व भाजपा से 12 बार राज परिवार के सदस्‍य ही जीते हैं. जिससे साफ होता है कि मंडी सीट पर राज परिवार का ही दबदबा रहा है.
मंडी संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद:
1952 : रानी अमृत कौर , गोपी राम कांग्रेस
( मंडी महासू के नाम से दो सदस्यीय सीट थी)
1957: राजा जोगिंदर सेन कांग्रेस
1962: राजा ललित सेन कांग्रेस
1967: राजा ललित सेन कांग्रेस
1972: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1977: ठाकुर गंगा सिंह जनता पार्टी
1980: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1984: पंडित सुख राम कांग्रेस
1989: राजा महेश्वर सिंह
1991: पंडित सुख राम कांग्रेस
1996 : पंडित सुख राम कांग्रेस
1998: राजा महेश्वर सिंह भाजपा
1999: राजा महेश्वर सिंह भाजपा
2004: रानी प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2009: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
2013: (उपचुनाव) रानी प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2014: रामस्वरूप शर्मा भाजपा

धीरे धीरे रिसायत के पन्‍ने से निकली सियासत की मंडी सीट, इस बार रोचक होगा मुकाबला
मंडी सीट के इतिहास में तीसरी बार मैदान में नहीं राज परिवार के सदस्‍य
अब तक 17 में से 15 बार राज परिवार के सदस्‍यों ने लड़े हैं चुनाव

मंडी। रिसासत के पन्‍ने से सिसायत की मंडी सीट धीरे धीरे निकलती जा रही है। इस बार मंडी सीट पर मुकाबला रोचक होगा। मंडी सीट के इतिहास में तीसरी बार मैदान में राज परिवार के सदस्‍य नहीं है। इस दो पंडितों में मुकाबला होने जा रहा है। मंडी सीट पर लंबी जददोजहद के बाद कांग्रेस ने भी अपना उम्‍मीदवार घोषित कर दिया है। भाजपा व कांग्रेस दोनों ने ब्राम्‍हण उम्‍मीदवार पर दांव खेला है।
अमूमन मंडी सीट पर अब तक हुए 17 बार लोस चुनाव में 15 बार राज परिवार का एक सदस्‍य मैदान पर उतरा है। 2019 के लोस चुनाव में कोई भी राज परिवार का सदस्‍य मंडी सीट से चुनावी मैदान पर नहीं है। मंडी सीट रजवाड़ों की सीट मानी जाती रही है, लेकिन धीरे धीरे इसमें बदलाव होने लगा है। इस बार खुद पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह व उनके पुत्र विक्रमादित्‍य सिंह ने मंडी से चुनाव न लड़ने की बात कही है। जबकि कुल्‍लू से महेश्‍वर सिंह भाजपा टिकट की दौड़ में शामिल थे, लेकिन वह टिकट हासिल करने में सफल नहीं हो पाए। ऐसे में इस बार राज परिवार से संबंधित कोई भी सदस्‍य न भाजपा से और न ही कांग्रेस से मैदान पर है। 1984 व 1996 के लोकसभा चुनाव में राज परिवार से संबंधित कोई भी सदस्‍य चुनाव में नहीं था। अब तीसरी बार यह होने जा रहा है कि राज परिवार के बजाए सामान्‍य परिवार के सदस्‍य ही चुनावी मैदान में है। राजनीतिक विश्‍लेषक बीरबल शर्मा का कहना है कि हाॅट सीट मंडी में इस बार कोई भी राज परिवार का सदस्‍य मैदान में नहीं है। यह मंडी सीट के इतिहास में तीसरी बार होने जा रहा है। इस रोचक मुकाबले में काबिना मंत्री अनिल शर्मा धर्मसंकट में हैं। उनके मंत्री पद पर भी खतरे के बादल मंडराए हुए हैं।

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15 में से 12 बार राज परिवार का रहा मंडी सीट में दबदबा
अब तक मंडी सीट पर हुए 17 बार लोकसभा चुनाव में 15 बार राज परिवार के सदस्‍य मैदान पर थे। 15 लोस चुनाव में कांग्रेस व भाजपा से 12 बार राज परिवार के सदस्‍य ही जीते हैं। जिससे साफ होता है कि मंडी सीट पर राज परिवार का ही दबदबा रहा है।
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मंडी संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद:

1952 : रानी अमृत कौर , गोपी राम कांग्रेस
 ( मंडी महासू  के नाम से दो सदस्यीय सीट थी)
1957: राजा जोगिंदर सेन कांग्रेस
1962: राजा ललित सेन कांग्रेस
1967: राजा ललित सेन कांग्रेस
1972: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1977: ठाकुर गंगा सिंह जनता पार्टी
1980: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1984: पंडित सुख राम कांग्रेस
1989: राजा महेश्वर सिंह
1991: पंडित सुख राम कांग्रेस
1996 : पंडित सुख राम कांग्रेस
1998: राजा महेश्वर सिंह भाजपा
1999: राजा महेश्वर सिंह भाजपा
2004: रानी प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2009: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
2013: (उपचुनाव) रानी प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2014: रामस्वरूप शर्मा भाजपा




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Rakesh Kumar,
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Last Updated : Mar 31, 2019, 3:11 PM IST
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