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पधर व नारला में बिना नोटिस हटाई 30 रेहड़ी-फहड़ियां, सीटू ने डीसी मंडी को सौंपा ज्ञापन - पधर व नारला

पधर व नारला में बिना नोटिस तीस रेहड़ी व फहड़ियां हटाने पर सीटू ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. सीटू से संबंधित पधर नारला रेहड़ी फड़ी वर्कर यूनियन ने इस संबंध में डीसी मंडी को ज्ञापन सौंपकर उन्हें स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत बसानें का आग्रह किया है. सीटू के जिला उपाध्यक्ष रविकांत ने चेताया है कि यदि रेहड़ी धारकों को बसाया नहीं गया तो पांच दिनों के बाद वह एसडीएम पधर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे.

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Published : Jun 3, 2020, 3:16 PM IST

मंडी: जिला मंडी के पधर व नारला में बिना नोटिस तीस रेहड़ी व फहड़ियां हटाने पर सीटू ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. सीटू से संबंधित पधर नारला रेहड़ी फड़ी वर्कर यूनियन ने इस संबंध में डीसी मंडी को ज्ञापन सौंपकर उन्हें स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत बसानें का आग्रह किया है.

सीटू के जिला उपाध्यक्ष रविकांत ने चेताया है कि यदि रेहड़ी धारकों को बसाया नहीं गया तो पांच दिनों के बाद वह एसडीएम पधर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे. उन्होंने बताया कि एसडीएम पधर ने बीते 15 अप्रैल को पधर व नारला से लगभग 30 रेहड़ियों को हटवाने के आदेश दिए. जिसके बाद इन्हें मौके से हटवाया गया.

वीडियो.

लॉकडाउन के बीच गरीब परिवार बेरोजगार हो गए और उनका वैकल्पिक बसाने का कोई कार्य नहीं किया गया. रविकांत ने बताया कि यह रेहड़ी फहड़ी धारक पिछले करीब बीस सालों से यहां रेहड़ी अपनी रोजी रोटी चला रहे थे. उन्होंने साफ किया है कि मजदूर वर्ग के लिए सीटू हर स्तर पर मांगें उठाएगी और आंदोलन के जरिये उनका हक दिलाकर रहेंगे.

वहीं, प्रभावित गुलाब सिंह ने बताया कि पधर में रेहड़ी लगाकर अखबार बेचते हैं, लेकिन प्रशासन ने आदेश जारी कर उनकी रेहड़ी हटवा दी. जिस कारण उनका कामकाज प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि इसी तरह अन्य रेहड़ी धारक भी रोजगार छीन जाने के कारण परेशान हैं.

उन्होंने बताया कि यदि समय रहते उन्हें दोबारा बसाया नहीं गया तो उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा. : बता दें कि लॉकडाउन की वजह से पहले ही रोजगार काफी प्रभावित हुआ है. इस बीच रेहड़ी फहड़ी धारकों को हटाने से उन्हें आजिविका कमाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं.

ये भी पढ़ें- खबर का असर: 'नाटी किंग' ने पूरा किया अपना वादा, सार्थक को पहुंचाई मदद

मंडी: जिला मंडी के पधर व नारला में बिना नोटिस तीस रेहड़ी व फहड़ियां हटाने पर सीटू ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. सीटू से संबंधित पधर नारला रेहड़ी फड़ी वर्कर यूनियन ने इस संबंध में डीसी मंडी को ज्ञापन सौंपकर उन्हें स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत बसानें का आग्रह किया है.

सीटू के जिला उपाध्यक्ष रविकांत ने चेताया है कि यदि रेहड़ी धारकों को बसाया नहीं गया तो पांच दिनों के बाद वह एसडीएम पधर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे. उन्होंने बताया कि एसडीएम पधर ने बीते 15 अप्रैल को पधर व नारला से लगभग 30 रेहड़ियों को हटवाने के आदेश दिए. जिसके बाद इन्हें मौके से हटवाया गया.

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लॉकडाउन के बीच गरीब परिवार बेरोजगार हो गए और उनका वैकल्पिक बसाने का कोई कार्य नहीं किया गया. रविकांत ने बताया कि यह रेहड़ी फहड़ी धारक पिछले करीब बीस सालों से यहां रेहड़ी अपनी रोजी रोटी चला रहे थे. उन्होंने साफ किया है कि मजदूर वर्ग के लिए सीटू हर स्तर पर मांगें उठाएगी और आंदोलन के जरिये उनका हक दिलाकर रहेंगे.

वहीं, प्रभावित गुलाब सिंह ने बताया कि पधर में रेहड़ी लगाकर अखबार बेचते हैं, लेकिन प्रशासन ने आदेश जारी कर उनकी रेहड़ी हटवा दी. जिस कारण उनका कामकाज प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि इसी तरह अन्य रेहड़ी धारक भी रोजगार छीन जाने के कारण परेशान हैं.

उन्होंने बताया कि यदि समय रहते उन्हें दोबारा बसाया नहीं गया तो उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा. : बता दें कि लॉकडाउन की वजह से पहले ही रोजगार काफी प्रभावित हुआ है. इस बीच रेहड़ी फहड़ी धारकों को हटाने से उन्हें आजिविका कमाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं.

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