करसोग: वैश्विक महामारी में बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों के लिए कोरोना की दूसरी लहर में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना वरदान साबित हुई है. चालू वित्त वर्ष में यहां पहली बार 22 लोगों को रोजगार दिया गया. जिसमें पहले दिन सबसे अधिक 21 महिलाएं और एक पुरुष काम पर आए.
इन सभी श्रमिकों ने करसोग सिविल अस्पताल के आसपास उगी भांग सहित इधर-उधर फैले कूड़े को ठिकाने लगाया. इस दौरान अस्पताल के साथ उगी झाड़ियों को भी काटा गया. कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद लोगों के सामने घर का खर्च चलाने का संकट पैदा हो गया था. ऐसे में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना के तहत 72 लोगों ने रोजगार के लिए आवेदन किया था. जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक है.
120 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है
इसमें नगर पंचायत ने 66 लोगों के जॉब कार्ड बना लिए हैं. इस योजना के तहत 18 वर्ष से 65 साल की महिला व पुरुष रोजगार के लिए नगर पंचायत में आवेदन कर सकता है. जिसमें आवेदन करने वाले व्यक्ति को 120 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है.
सिविल अस्पताल के आसपास भांग उखाड़ी गई
सिमरन ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना के तहत हम 22 लोग रोजगार में लगे हैं. इस दौरान सिविल अस्पताल के आसपास भांग उखाड़ी गई, ताकि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जा सके. उन्होंने रोजगार देने के लिए नगर पंचायत की चेयरमैन सहित सचिव का आभार प्रकट किया है.
नगर पंचायत में रोजगार के लिए आवेदन किया था
पूनम का कहना है कि सिविल अस्पताल के आसपास सफाई की गई. इस दौरान युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए आसपास उगी भांग को उखाड़ कर नष्ट किया गया. उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में हम सभी बेरोजगार हो गए थे. ऐसे में हमने नगर पंचायत में रोजगार के लिए आवेदन किया था.
वहीं, नगर पंचायत के सचिव गणेश शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना में पहले दिन 22 लोग कार्य पर आए. उन्होंने कहा कि 20 लोग अभी और काम पर आएंगे. ऐसे में जिन लोगों ने आवेदन किया है. सभी को रोजगार दिया जाएगा.
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