लाहौल-स्पीति: बर्फबारी के कारण जनवरी माह से बंद पड़े शिंकुला दर्रा को बहाल कर दिया गया है. फिलहाल फोर बाई फोर हल्के वाहनों को ही यहां से जाने की अनुमति होगी. बता दें कि बीते कल वीरवार को सीमा सड़क संगठन योजक परियोजना के निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने हरी झंडी दिखाकर जांसकर की ओर से आए वाहनों को मनाली की ओर रवाना किया. बता दें कि शिंकुला दर्रा 16,580 फीट ऊंचाई पर स्थित है.
बर्फबारी के कारण 2 महीने से बंद था शिंकुला दर्रा: बर्फबारी के चलते शिंकुला दर्रा पिछले 2 महीनों से बंद था. लेकिन योजक परियोजना ने रिकॉर्ड समय में इस दर्रे को वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया है. योजक परियोजना के जवान मशीनरी के साथ बर्फ हटाने के लिए माइनस तापमान में भी डटे रहे. अब मार्ग के खुलने से लोग आवाजाही कर सकेंगे. निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने कहा कि पिछले सालों की अपेक्षा इस बार मार्ग को रिकार्ड समय में खोल दिया गया है. उन्होंने बताया कि उनके जवान बर्फ हटाने में लगे रहे और खूब मेहनत की. विषम परिस्थितियों के बावजूद शिंकुला दर्रे को बहाल कर दिया गया है. परियोजना निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने कहा कि शिंकुला दर्रा में 4 किलोमीटर के करीब लंबी सुरंग का निर्माण भी जल्द शुरू किया जाएगा.
प्रशासन ने जारी किए ये आदेश: इस मार्ग की संवेदनशीलता और वर्तमान में मौसम की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने जरुरी निर्देश जारी किए हैं. उपायुक्त जिला लाहौल स्पीति सुमित खिमटा ने बताया कि एसडीएम पदुम, एसडीएम लाहौल, बीआरओ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई. यात्रा करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विभाग के साथ मिलकर फैसला लिया है कि इस मार्ग पर अभी केवल स्थानीय फोर बाई फोर हल्के वाहनों को ही यात्रा करने की अनुमति होगी. उन्होंने यह भी बताया कि सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही वाहनों को आवाजाही के लिए परमिशन दी जाएगी. वहीं, आगामी आदेशों तक दारचा से आगे सैलानियों को नहीं जाने दिया जाएगा. किसी भी पर्यटक वाहन को दारचा से आगे जाने की अनुमति नहीं होगी. पुलिस विभाग को भी ये निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
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