कुल्लू: पर्यटन नगरी मनाली के रोहतांग दर्रे को सैलानियों के बहाल हुए 1 सप्ताह का समय बीत गया है, लेकिन सरकार अभी तक सैलानियों की सुविधा के लिए खरीदी गई इलेक्ट्रिक बसों को रोहतांग दर्रे में चलाने में कामयाब नहीं हो पाई. ऐसे में देश विदेश से आ रहे हजारों सैलानियों को टैक्सियों में महंगा किराया देकर रोहतांग दर्रे का दीदार करना पड़ रहा है. वहीं उन्हें घंटों ट्रैफिक जाम से भी जूझना पड़ रहा है.
गत दिनों की ट्रैफिक जाम ने अपना इतना कहर बरपाया कि पर्यटकों को भूखे प्यासे ही जाम में रात गुजारनी पड़ी. ऐसे में एनजीटी के आदेश के अनुसार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन जल्द शुरू करने के लिए हिमाचल पथ परिवहन कर्मचारी महासंघ ने भी निगम को चेताया है.
हिमाचल पथ परिवहन कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उमेश शर्मा ने कहा कि रोहतांग दर्रे में प्रदूषण को कम करने के लिए एनजीटी के आदेशों के चलते 25 इलेक्ट्रिक से खरीदी गई थी. यह बसें पिछले साल भी रोहतांग दर्रे के लिए चलाई गई थी, जिससे निगम को भी अच्छी खासी आय हो रही थी.
शर्मा ने कहा कि एक बस में 35 सैलानी भी रोहतांग दर्रे जा रहे थे जिससे एक तो प्रदूषण भी कम हो रहा था. वहीं इन बसों के चलाए जाने से कम किराए में रोहतांग का दीदार कर रहे थे, लेकिन इस साल रास्ता खोले हुए अब लंबा समय बीत गया पर अभी तक इन बसों का संचालन रोहतांग दर्रे के लिए नहीं हो पाया है. ऐसे में एक करोड़ से भी ऊपर की कीमत की बसें खड़ी रहने से सरकार को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
उमेश शर्मा ने निगम प्रबंधन और परिवहन मंत्री से मांग की रखी कि निगम के हितों को ध्यान में रखते हुए और एनजीटी के आदेशों के अनुसार इन बसों का संचालन जल्द शुरू किया जाए. ताकि मनाली आने वाले पर्यटकों को टैक्सी ऑपरेटरों द्वारा लिए जा रहे भारी-भरकम किराए से राहत मिल सके. वहीं संगठन ने मनाली में अवैध रूप से चल रही वोल्वो बसों के संचालन को बंद करने के लिए भी परिवहन मंत्री से आवश्यक कदम उठाने की मांग रखी.
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