मनाली: विश्व विख्यात रोहतांग दर्रा और जिला लाहौल स्पीति में हुई भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है. रोहतांग दर्रे पर भारी बर्फबारी के चलते मनाली-लेह मार्ग बंद होने से लाहौल स्पीति का संपर्क शेष दुनिया से कट गया है.
इस बर्फबारी से लाखों का सेब भी घाटी में ही फंस गया है. दर्रे पर हुई नवंबर माह की इस बर्फबारी ने लाहौल स्पीति के लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है. दूसरी तरफ इस बर्फबारी से पर्यटन नगरी मनाली में पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल गये हैं. वहीं, पर्यटकों ने भी मनाली का रुख करना शुरू कर दिया है. घाटी में हुई यह बर्फबारी जहां पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. वहीं, यह बर्फबारी जिला लाहौल स्पीति के लोगों के लिए किसी मुसीबत से कम नही है.
बर्फबारी से जिला लाहौल स्पीति के सैकडों लोग दर्रे के दोनों और मनाली व लाहौल में फंस गये हैं. अब यह लोग रोहतांग दर्रे के बहाली का इंतजार कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द रोहतांग दर्रा बहाल हो और वह अपने गंतव्य तक आसानी से पंहुच सके. रोहतांग दर्रे पर हुई भारी बर्फबारी से लाहौल स्पीति की तरफ जाने वाले लोग भी मनाली में फंस गये हैं. मनाली में फंसे लोगों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें सप्ताह में एक या दो दिन रोहतांग सुरंग से आने जाने की अनुमति दी जाये.
बता दें कि रोहतांग सुरंग का कार्य प्रगति पर है. ऐसे में फिलहाल किसी को भी रोहतांग सुरंग से आने जाने की अनुमति नहीं है. आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस को सुरंग से आने-जाने की अनुमति प्रदान की गई है. लोगों की मांग है कि आम जनता को भी हफ्ते में एक या दो दिन कुछ घंटों के लिए सुंरंग से आने जाने की अनुमति दी जाये, ताकि सर्दियों के दिनों में भी आसानी से दर्रे के आर-पार आ जा सके.
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