ETV Bharat / state

Lahaul Spiti Farmers Are In Loss: कुल्लू-मंडी सड़क मार्ग बंद, लाहौल के किसानों की बढ़ी मुश्किलें, विदेशी सब्जियों को नहीं मिल रहा बाजार

हिमाचल में आई आपदा और भारी बारिश से हर किसी का जीवन प्रभावित हुआ है. वहीं, लाहौल घाटी के किसानों ने अच्छी आमदनी के लिए विदेशी सब्जियों सहित फूलों की खेती में हाथ आजमाया था, लेकिन कुल्लू-मंडी सड़क बंद होने की वजह से इनकी सब्जियां बाहरी राज्यों की मंडियों में नहीं जा पा रही है. जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. (Vegetables productions in Lahaul Valley) (Lahaul Spiti Farmers In Loss)

Lahaul Spiti Farmers Are In Loss
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 3:32 PM IST

कुल्लू: देश दुनिया के लिए रोमांच पैदा करने वाला लाहौल स्पीति जिला अटल टनल बनने के बाद सैलानियों की पसंद बना हुआ है. यहां पर अटल टनल बनने के बाद 12 महीने की आवागमन की सुविधा मिल रही है. वही किसानों ने भी यहां पर आधुनिक तरीके से खेती करनी शुरू कर दी है. किसानों द्वारा लाहौल घाटी में अब विदेशी किस्म की सब्जियां भी उगाई जा रही है. इन सब्जियों को दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े महानगरों में भी बेचा जा रहा है. जिससे लाहौल घाटी के किसानों की आर्थिकी भी मजबूत हुई है, लेकिन प्रदेश में आई बाढ़ और भारी बारिश इस साल लाहौल घाटी के किसानों पर भारी पड़ रही है. भारी बारिश और लैंडस्लाइड से सड़कें बाधित होने से किसानों की सब्जियां मंडियों में नहीं जा पा रही है.

सड़क बाधित होने से फंसी सब्जियां: लाहौल घाटी में अब किसान फूलगोभी, ब्रोकली, आइसबर्ग सहित अन्य कई विदेशी किस्म की सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. इसके अलावा लिलियम जैसे फूलों की खेती भी लाहौल घाटी में की जा रही है. प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर लाहौल घाटी की सब्जियों को भी दिल्ली, मुंबई, गुजरात और जयपुर जैसे बड़े महानगरों में अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन इस मानसून सीजन में भारी बारिश से बार-बार बाधित हो रहा कुल्लू से मंडी सड़क मार्ग किसानों के लिए परेशानी बन रहा है. क्योंकि लाहौल से सब्जी की गाड़ियां बजौरा या फिर ओट में फंस रही है. जिससे किसानों की सब्जियां खराब हो रही है. सड़क मार्ग सही समय पर बहाल न होने के चलते, सब्जियां बाहरी राज्यों की मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है.

Lahaul Spiti
सड़क बंद होने से फूलगोभी के गिरे दाम

दूसरे राज्यों में नहीं पहुंच रही ब्रोकली और आइसबर्ग: लाहौल घाटी में विदेशी किस्म की सब्जियों की बात करें तो किसानों को मई और जून महीने में फूल गोभी, मटर सहित कई सब्जियों को 50 से लेकर 180 रुपये तक प्रतिकिलो दाम मिले थे, लेकिन 9 जुलाई के बाद सभी सब्जियों के दाम गिर गए. ऐसे में कई किसानों ने अपनी फसल को खेतों में ही रहने दिया. अब लाहौल घाटी में ब्रोकली व आइसबर्ग की फसल भी तैयार है, लेकिन बार-बार सड़क मार्ग के बाधित होने से ब्रोकली और आइसबर्ग बाहरी राज्यों की मंडियों में नहीं पहुंच पा रही है.

सड़कें बंद होने से किसानों को भारी नुकसान: लाहौल घाटी के किसान निर्मल चंद, मोहनलाल, किशनलाल, सुदर्शन का कहना है कि लाहौल में फूलगोभी को पहले ₹40 से ₹60 प्रति किलो दाम मिले थे, लेकिन इन दिनों यह दम 10 से 15 रुपए प्रति किलो हो गए हैं. ब्रोकली को भी ₹100 से अधिक दाम मिल रहे थे, लेकिन अब इसे 40 से ₹50 ही दाम मिल रहे हैं. इसके अलावा फूल उगाने वाले किसानों को भी इस साल लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. अगर जल्द ही कुल्लू से मंडी सड़क मार्ग की हालत ठीक नहीं हुई तो लाहौल घाटी के किसानों को विदेशी सब्जियों के उत्पादन में कोई भी फायदा इस साल नहीं मिलेगा.

Lahaul Spiti
लाहौल घाटी में खेती रोजगार का बड़ा साधन

आपदा से किसानों और व्यापारियों को काफी नुकसान: वही दिल्ली से लाहौल घाटी पहुंचे व्यापारी अल्ताफ, वीरेंद्र यादव का कहना है कि वह हर साल लाहौल घाटी में सब्जियों की खरीदारी के लिए आते हैं, लेकिन इस साल सड़क मार्ग बंद होने के चलते, उन्हें भी लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. बीते दिनों ओट में उनके सब्जियां ट्रकों में खराब हो गए और कई किसानों ने साथ लगते इलाकों में सब्जियों को मुफ्त में भी बांटा. इस साल प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी काफी घाटे में है.

लाहौल घाटी में विदेशी सब्जियों का हो रहा उत्पादन: गौरतलब है कि लाहौल घाटी में पहले आलू और मटर, जौ का उत्पादन ही किसानों द्वारा किया जाता था, लेकिन अब घाटी में किसानों द्वारा विदेशी सब्जियों का भी उत्पादन किया जा रहा है. इसके अलावा सेब के बगीचे भी अब तैयार किया जा रहे हैं. विदेशी सब्जियों के उत्पादन से लाहौल घाटी में किसानों की आर्थिक भी अब मजबूत हुई है.

Lahaul Spiti
लाहौल घाटी में विदेशी सब्जियों का हो रहा उत्पादन

सड़कों को खुलवाने के लिए विधायक ने की सरकार से बात: लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि उन्होंने किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार व कुल्लू-मंडी प्रशासन से भी बात की है. लाहौल घाटी की गाड़ियों को भेजने का भी समय निर्धारित किया गया है. अब जल्द ही सड़क मार्ग को बहाल कर दिया जाएगा. लाहौल की सभी गाड़ियों को बाहरी राज्यों की मंडी के लिए रवाना कर दिया जाएगा.

Lahaul Spiti
लाहौल घाटी में ब्रोकली और आइसबर्ग की खेती

जिला लाहौल स्पीति में 5000 परिवार कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. यहां पर पहले आलू, मटर व जो की फसल ही बीजी जाती थी, लेकिन अब यहां पर फूलगोभी, बंद गोभी, आइसबर्ग, लिलियम, सेब सहित अन्य सब्जियों की भी खेती की जाती है. लाहौल स्पीति की जलवायु ऐसे विदेशी किस्म की सब्जियों के उत्पादन में अपनी अहम भूमिका निभाती है. जिसके चलते सब्जियों के गुणवत्ता भी काफी अच्छी होती है. जिसके चलते बाहरी राज्यों में बड़े-बड़े होटलों में लाहौल स्पीति में उगाई जाने वाली सब्जियों की खासी डिमांड है.

Lahaul Spiti
किसानों ने विदेशी सब्जी उत्पादन में आजमाया हाथ

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में है दुनिया का सबसे ऊंचा पेट्रोल पंप, यहां टूरिस्ट को मिलने वाली है Digital Payment की सुविधा, कुछ और भी यहां बहुत खास

कुल्लू: देश दुनिया के लिए रोमांच पैदा करने वाला लाहौल स्पीति जिला अटल टनल बनने के बाद सैलानियों की पसंद बना हुआ है. यहां पर अटल टनल बनने के बाद 12 महीने की आवागमन की सुविधा मिल रही है. वही किसानों ने भी यहां पर आधुनिक तरीके से खेती करनी शुरू कर दी है. किसानों द्वारा लाहौल घाटी में अब विदेशी किस्म की सब्जियां भी उगाई जा रही है. इन सब्जियों को दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े महानगरों में भी बेचा जा रहा है. जिससे लाहौल घाटी के किसानों की आर्थिकी भी मजबूत हुई है, लेकिन प्रदेश में आई बाढ़ और भारी बारिश इस साल लाहौल घाटी के किसानों पर भारी पड़ रही है. भारी बारिश और लैंडस्लाइड से सड़कें बाधित होने से किसानों की सब्जियां मंडियों में नहीं जा पा रही है.

सड़क बाधित होने से फंसी सब्जियां: लाहौल घाटी में अब किसान फूलगोभी, ब्रोकली, आइसबर्ग सहित अन्य कई विदेशी किस्म की सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. इसके अलावा लिलियम जैसे फूलों की खेती भी लाहौल घाटी में की जा रही है. प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर लाहौल घाटी की सब्जियों को भी दिल्ली, मुंबई, गुजरात और जयपुर जैसे बड़े महानगरों में अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन इस मानसून सीजन में भारी बारिश से बार-बार बाधित हो रहा कुल्लू से मंडी सड़क मार्ग किसानों के लिए परेशानी बन रहा है. क्योंकि लाहौल से सब्जी की गाड़ियां बजौरा या फिर ओट में फंस रही है. जिससे किसानों की सब्जियां खराब हो रही है. सड़क मार्ग सही समय पर बहाल न होने के चलते, सब्जियां बाहरी राज्यों की मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है.

Lahaul Spiti
सड़क बंद होने से फूलगोभी के गिरे दाम

दूसरे राज्यों में नहीं पहुंच रही ब्रोकली और आइसबर्ग: लाहौल घाटी में विदेशी किस्म की सब्जियों की बात करें तो किसानों को मई और जून महीने में फूल गोभी, मटर सहित कई सब्जियों को 50 से लेकर 180 रुपये तक प्रतिकिलो दाम मिले थे, लेकिन 9 जुलाई के बाद सभी सब्जियों के दाम गिर गए. ऐसे में कई किसानों ने अपनी फसल को खेतों में ही रहने दिया. अब लाहौल घाटी में ब्रोकली व आइसबर्ग की फसल भी तैयार है, लेकिन बार-बार सड़क मार्ग के बाधित होने से ब्रोकली और आइसबर्ग बाहरी राज्यों की मंडियों में नहीं पहुंच पा रही है.

सड़कें बंद होने से किसानों को भारी नुकसान: लाहौल घाटी के किसान निर्मल चंद, मोहनलाल, किशनलाल, सुदर्शन का कहना है कि लाहौल में फूलगोभी को पहले ₹40 से ₹60 प्रति किलो दाम मिले थे, लेकिन इन दिनों यह दम 10 से 15 रुपए प्रति किलो हो गए हैं. ब्रोकली को भी ₹100 से अधिक दाम मिल रहे थे, लेकिन अब इसे 40 से ₹50 ही दाम मिल रहे हैं. इसके अलावा फूल उगाने वाले किसानों को भी इस साल लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. अगर जल्द ही कुल्लू से मंडी सड़क मार्ग की हालत ठीक नहीं हुई तो लाहौल घाटी के किसानों को विदेशी सब्जियों के उत्पादन में कोई भी फायदा इस साल नहीं मिलेगा.

Lahaul Spiti
लाहौल घाटी में खेती रोजगार का बड़ा साधन

आपदा से किसानों और व्यापारियों को काफी नुकसान: वही दिल्ली से लाहौल घाटी पहुंचे व्यापारी अल्ताफ, वीरेंद्र यादव का कहना है कि वह हर साल लाहौल घाटी में सब्जियों की खरीदारी के लिए आते हैं, लेकिन इस साल सड़क मार्ग बंद होने के चलते, उन्हें भी लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. बीते दिनों ओट में उनके सब्जियां ट्रकों में खराब हो गए और कई किसानों ने साथ लगते इलाकों में सब्जियों को मुफ्त में भी बांटा. इस साल प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी काफी घाटे में है.

लाहौल घाटी में विदेशी सब्जियों का हो रहा उत्पादन: गौरतलब है कि लाहौल घाटी में पहले आलू और मटर, जौ का उत्पादन ही किसानों द्वारा किया जाता था, लेकिन अब घाटी में किसानों द्वारा विदेशी सब्जियों का भी उत्पादन किया जा रहा है. इसके अलावा सेब के बगीचे भी अब तैयार किया जा रहे हैं. विदेशी सब्जियों के उत्पादन से लाहौल घाटी में किसानों की आर्थिक भी अब मजबूत हुई है.

Lahaul Spiti
लाहौल घाटी में विदेशी सब्जियों का हो रहा उत्पादन

सड़कों को खुलवाने के लिए विधायक ने की सरकार से बात: लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि उन्होंने किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार व कुल्लू-मंडी प्रशासन से भी बात की है. लाहौल घाटी की गाड़ियों को भेजने का भी समय निर्धारित किया गया है. अब जल्द ही सड़क मार्ग को बहाल कर दिया जाएगा. लाहौल की सभी गाड़ियों को बाहरी राज्यों की मंडी के लिए रवाना कर दिया जाएगा.

Lahaul Spiti
लाहौल घाटी में ब्रोकली और आइसबर्ग की खेती

जिला लाहौल स्पीति में 5000 परिवार कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. यहां पर पहले आलू, मटर व जो की फसल ही बीजी जाती थी, लेकिन अब यहां पर फूलगोभी, बंद गोभी, आइसबर्ग, लिलियम, सेब सहित अन्य सब्जियों की भी खेती की जाती है. लाहौल स्पीति की जलवायु ऐसे विदेशी किस्म की सब्जियों के उत्पादन में अपनी अहम भूमिका निभाती है. जिसके चलते सब्जियों के गुणवत्ता भी काफी अच्छी होती है. जिसके चलते बाहरी राज्यों में बड़े-बड़े होटलों में लाहौल स्पीति में उगाई जाने वाली सब्जियों की खासी डिमांड है.

Lahaul Spiti
किसानों ने विदेशी सब्जी उत्पादन में आजमाया हाथ

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में है दुनिया का सबसे ऊंचा पेट्रोल पंप, यहां टूरिस्ट को मिलने वाली है Digital Payment की सुविधा, कुछ और भी यहां बहुत खास

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.