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लाहौल घाटी में हुआ हालड़ा उत्सव का आगाज, लोगों ने की इष्ट देवी-देवताओं की पूजा

रंगलो घाटी में हालड़ा उत्सव का आगाज हो गया है. इस उत्सव को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला. नए-नए परिधानों में सजकर महिलाओं ने इस दौरान सत्तू और देसी घी मिलाकर बलाराजा तैयार किए. पुरुषों ने गांव के एक ही घर में इकट्ठे होकर देव स्तुति करने के बाद रात को मशाल जलाकर आसुरी शक्तियों को भगाया.

halda festival begins in Lahaul valley
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Published : Jan 26, 2021, 12:09 PM IST

Updated : Jan 26, 2021, 1:15 PM IST

लाहौल स्पीतिः जिला की रंगलो घाटी में हालड़ा उत्सव का आगाज हो गया है. तेलिंग से लेकर रोसंग तक घाटी मशालों की रोशनी से जगमगा उठी. उत्सव में तय समयानुसार हर गांव के लोग हालड़ो-हालड़ो की आवाज लगाकर घर से मशाल जलाकर बाहर निकले और निश्चित स्थान पर एकत्रित हुए. यहां देवता को शगुन चढ़ा कर लोग मशाल के इर्द-गिर्द खूब नाचे और गले मिलकर एक-दूसरे को नव वर्ष की बधाई दी.

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इन पंचायतों में मनाया गया हालडा उत्सव

स्थानीय बोली में नववर्ष की बधाई (लो सोमा टशी शो) कहकर दी. नववर्ष के आगमन पर हालड़ा उत्सव को कोकसर पंचायत के गांव तेलिंग, खरचो, लालिंग, बोगचा, सरखंग, रंगचा, युरामूर्ति से लेकर सिस्सू पंचायत के तोदचे, जगदंग, यंगलिंग, सिस्सू, शाशिन, गोंपाथांग, रोपसंग, खांगसर और गयुंलिंग तक उत्साह के साथ मनाया गया. सबसे पहले सद उसके बाद रम्मी फिर दुद हालड़ो निकाले गए. देवी-देवताओं को समर्पित इस उत्सव में लोगों ने अपने इष्ट देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की.

इस उत्सव को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला. नए-नए परिधानों में सजकर महिलाओं ने इस दौरान सत्तू और देसी घी मिलाकर बलाराजा तैयार किए. पुरुषों ने गांव के एक ही घर में इकट्ठे होकर देव स्तुति करने के बाद रात को मशाल जलाकर आसुरी शक्तियों को भगाया.

इन्होंने दी बधाई

लोगों ने आगामी वर्ष सभी के लिए सुख शांति से भरा हो, इसके लिए देवता राजा घेपन से प्रार्थना भी की. हालड़ा के अवसर पर मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा, पूर्व विधायक रवि ठाकुर, कोकसर और सिस्सू पंचायत की प्रधान अंजू और सुमन, बीडीसी सदस्य सुनील ने रंगलो वासियों को बधाई दी.

ये भी पढ़ेंः- किसान आंदोलन का असर, हिमाचल पथ परिवहन निगम कुल्लू ने दिल्ली रूट पर बस सेवाएं की बंद

लाहौल स्पीतिः जिला की रंगलो घाटी में हालड़ा उत्सव का आगाज हो गया है. तेलिंग से लेकर रोसंग तक घाटी मशालों की रोशनी से जगमगा उठी. उत्सव में तय समयानुसार हर गांव के लोग हालड़ो-हालड़ो की आवाज लगाकर घर से मशाल जलाकर बाहर निकले और निश्चित स्थान पर एकत्रित हुए. यहां देवता को शगुन चढ़ा कर लोग मशाल के इर्द-गिर्द खूब नाचे और गले मिलकर एक-दूसरे को नव वर्ष की बधाई दी.

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इन पंचायतों में मनाया गया हालडा उत्सव

स्थानीय बोली में नववर्ष की बधाई (लो सोमा टशी शो) कहकर दी. नववर्ष के आगमन पर हालड़ा उत्सव को कोकसर पंचायत के गांव तेलिंग, खरचो, लालिंग, बोगचा, सरखंग, रंगचा, युरामूर्ति से लेकर सिस्सू पंचायत के तोदचे, जगदंग, यंगलिंग, सिस्सू, शाशिन, गोंपाथांग, रोपसंग, खांगसर और गयुंलिंग तक उत्साह के साथ मनाया गया. सबसे पहले सद उसके बाद रम्मी फिर दुद हालड़ो निकाले गए. देवी-देवताओं को समर्पित इस उत्सव में लोगों ने अपने इष्ट देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की.

इस उत्सव को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला. नए-नए परिधानों में सजकर महिलाओं ने इस दौरान सत्तू और देसी घी मिलाकर बलाराजा तैयार किए. पुरुषों ने गांव के एक ही घर में इकट्ठे होकर देव स्तुति करने के बाद रात को मशाल जलाकर आसुरी शक्तियों को भगाया.

इन्होंने दी बधाई

लोगों ने आगामी वर्ष सभी के लिए सुख शांति से भरा हो, इसके लिए देवता राजा घेपन से प्रार्थना भी की. हालड़ा के अवसर पर मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा, पूर्व विधायक रवि ठाकुर, कोकसर और सिस्सू पंचायत की प्रधान अंजू और सुमन, बीडीसी सदस्य सुनील ने रंगलो वासियों को बधाई दी.

ये भी पढ़ेंः- किसान आंदोलन का असर, हिमाचल पथ परिवहन निगम कुल्लू ने दिल्ली रूट पर बस सेवाएं की बंद

Last Updated : Jan 26, 2021, 1:15 PM IST
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