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हाइड्रो प्रोजेक्ट के कामगारों ने की हड़ताल, कंपनी पर लगाया कम वेतन देने का आरोप - पनबिजली परियोजना के श्रमिकों की हड़ताल की खबर

वर्करों का कहना है कि कंपनी ने बिना किसी सूचना के यह वेतन आधा किया है. इसके विरोध में वर्करों ने हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तो हड़ताल जारी रहेगी.

Workers of hydro project on strike, हाइड्रो प्रोजेक्ट के कामगारों की हड़ताल की न्यूज
हाइड्रो प्रोजेक्ट के कामगारों ने की हड़ताल
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Published : Dec 11, 2019, 12:13 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज घाटी के अंतर्गत देहरीधार पंचायत में जीवा हाइड्रो प्रोजेक्ट सिंउड में 15 सालों से काम कर रहे वर्करों का वेतन कंपनी ने आधा कर दिया गया है. वर्करों का कहना है कि कंपनी ने बिना किसी सूचना के यह वेतन आधा किया है. इसके विरोध में वर्करों ने हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तो हड़ताल जारी रहेगी.

वर्कर कमलेश कुमार, फतेह सिंह, गेहर सिंह, बालमकुंद, विरेंद्र कुमार, सुदर्शन, रमेश कुमार, महिंद्र कुमार, सोहन लाल, सुरेश कुमार, देवराज, घनश्याम ने कहा कि वेतन आधा करने के पीछे प्रबंधन यह तर्क दे रहा है कि पानी की कमी के कारण काम बंद पड़ा है. इसके कारण वर्करों के वेतन को घटाया गया.

वीडियो.

कंपनी 15 सालों से बिजली का उत्पादन सफलतापूर्वक कर रही है, जबकि वर्करों को वेतन के अलावा कुछ नहीं दिया जाता. पंचायत उप प्रधान भगत राम और वार्ड पंच पूर्वा देवी ने कहा कि कंपनी में 17 लोग काम करते हैं. उनका परिवार इसी वेतन से चलता है. अगर प्रबंधन इस वेतन को एकदम आधा कर देती है तो उन्हें अपना परिवार का पालन पोषण करने में मुश्किलें आएंगी. जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. इसके साथ ही पावर प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन भी नहीं होने दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- विश्व धरोहर कालका-शिमला ट्रैक की मॉनिटरिंग के लिए आएगी यूनेस्को की टीम, जानें वजह

कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज घाटी के अंतर्गत देहरीधार पंचायत में जीवा हाइड्रो प्रोजेक्ट सिंउड में 15 सालों से काम कर रहे वर्करों का वेतन कंपनी ने आधा कर दिया गया है. वर्करों का कहना है कि कंपनी ने बिना किसी सूचना के यह वेतन आधा किया है. इसके विरोध में वर्करों ने हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तो हड़ताल जारी रहेगी.

वर्कर कमलेश कुमार, फतेह सिंह, गेहर सिंह, बालमकुंद, विरेंद्र कुमार, सुदर्शन, रमेश कुमार, महिंद्र कुमार, सोहन लाल, सुरेश कुमार, देवराज, घनश्याम ने कहा कि वेतन आधा करने के पीछे प्रबंधन यह तर्क दे रहा है कि पानी की कमी के कारण काम बंद पड़ा है. इसके कारण वर्करों के वेतन को घटाया गया.

वीडियो.

कंपनी 15 सालों से बिजली का उत्पादन सफलतापूर्वक कर रही है, जबकि वर्करों को वेतन के अलावा कुछ नहीं दिया जाता. पंचायत उप प्रधान भगत राम और वार्ड पंच पूर्वा देवी ने कहा कि कंपनी में 17 लोग काम करते हैं. उनका परिवार इसी वेतन से चलता है. अगर प्रबंधन इस वेतन को एकदम आधा कर देती है तो उन्हें अपना परिवार का पालन पोषण करने में मुश्किलें आएंगी. जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. इसके साथ ही पावर प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन भी नहीं होने दिया जाएगा.

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Intro:हाइड्रो प्रोजेक्ट के कामगार हड़ताल पर
कम्पनी पर लगाया कम वेतन देने का आरोपBody:


जिला कुल्लू की सैंज घाटी के अंतर्गत देहुरीधार पंचायत में जीवा हाइड्रो प्रोजेक्ट सिंउड में 15 सालों से काम कर रहे वर्करों का वेतन कंपनी ने आधा कर दिया गया है। वर्करों का कहना है कि कंपनी ने बिना किसी सूचना के यह वेतन आधा किया है। इसके विरोध में वर्करों ने हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तो हड़ताल जारी रहेगी। वर्कर कमलेश कुुमार, फतेह सिंह, गेहर सिंह, बालमकुंद, विरेंद्र कुमार, सुदर्शन, रमेश कुमार, महिंद्र कुमार, सोहन लाल, सुरेश कुमार, देवराज, घनश्याम ने कहा कि वेतन आधा करने के पीछे प्रबंधन यह तर्क दे रहा है कि पानी की कमी के कारण काम बंद पड़ा है। इसके कारण वर्करों के वेतन को घटाया गया। कंपनी 15 सालों से बिजली का उत्पादन सफलतापूर्वक कर रही है, जबकि वर्करों को वेतन के अलावा कुछ नहीं दिया जाता। पंचायत उप प्रधान भगत राम और वार्ड पंच पूर्वा देवी ने कहा कि कंपनी में 17 लोग काम करते हैं। उनका परिवार इसी वेतन से चलता है। Conclusion:



अगर प्रबंधन इस वेतन को एकदम आधा कर देती है तो उन्हें अपना परिवार का पालन पोषण करने में मुश्किलें आएंगी। जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके साथ ही पावर प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन भी नहीं होने दिया जाएगा।

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