कुल्लू: देश-दुनिया में डंडे के जोर पर लॉकडाउन का पालन करवाया जा रहा है, तो वहीं विश्व के सबसे ऊंचे गांव कॉमिक के बाशिंदे खुद ही घरों में बंद हैं. छह माह तक बर्फ से लकदक रहने वाले इस गांव में न तो आजतक कभी पुलिस पहुंच पाई और न अधिकारियों या पंचायत प्रतिनिधियों का कोई खौफ है. फिर भी इस गांव के सभी 90 लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. लोग मास्क लगा रहे हैं और सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
गांव में करीब 20 घर हैं. यह गांव इतनी ऊंचाई पर है कि यहां से चीन अधिकृत तिब्बत की सीमा से सटे पहाड़ दिखाई पड़ते हैं. गांव से छोटी-बड़ी जरूरत का सामान लेने के लिए भी उपमंडल प्रशासन की अनुमति पर 31 किमी दूर काजा आना पड़ता है. कॉमिक गांव में राशन की दुकान या डिपो नहीं है. लोग बर्फबारी से पहले छह महीने का राशन एक साथ जुटा लेते हैं. लॉकडाउन से पहले यहां गांव के लिए सुबह-शाम दो टैक्सियां चलती थीं जो फिलहाल बंद हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं ने कॉमिक में लोगों को मास्क और सैनिटाइजर वितरित किए हैं, जबकि स्पीति प्रशासन ने ग्रामीणों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करते हुए इसके बचाव के तरीके बताए हैं.
ग्रामीण डोलमा, छेरिंग अंगमो और हिशे ने बताया कि उन्हें जिला प्रशासन की टीम ने कोरोना वायरस फैलने और उसके बचाव की जानकारी दी है. स्थानीय निवासी डोलमा ने बताया कि टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन का एलान सुना और उसके बाद गांव के सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग को तवज्जो दे रहे हैं. गांव में इंटरनेट सुविधा न होने से बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं. बच्चों को खुद अभिभावक पढ़ा रहे हैं.
स्पीति भाजपा मंडल अध्यक्ष पलजोर बौद्ध ने बताया कि कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने घाटी के लिए मास्क और सैनिटाइजर की खेप भेजी थी. कार्यकर्ताओं ने कॉमिक जाकर हर घर में मास्क और सैनिटाइजर वितरित किया है. वहीं, काजा एसडीएम जीवन नेगी ने बताया कि कॉमिक के साथ स्पीति के हर गांव पहुंचकर प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक कर रहा है.