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Trilokinath Mahadev Temple में लगी पट्टिका पर विवाद, विश्व हिंदू परिषद और कांग्रेस विधायक आमने-सामने

त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में लगी नई पट्टिका लेकर विवाद शुरू हो गया है. वीएचपी का आरोप है कि इस पट्टिका में त्रिलोकनाथ मंदिर को बौद्ध मंदिर के रूप में सूचित किया है. जबकि कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने आरोप लगाया कि वेबजह मामले को तूल देकर कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. (Trilokinath Mahadev Temple) (MLA Ravi thakur on VHP) (VHP on Trilokinath Mahadev temple plaque)

Trilokinath Mahadev Temple
त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में लगी नई पट्टिका
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Published : Aug 22, 2023, 11:42 AM IST

कुल्लू: लाहौल स्पीति जिला के लाहौल घाटी के त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में बीते दिनों स्थानीय विधायक रवि ठाकुर ने एक पट्टिका का विमोचन किया. जिसमें त्रिलोकनाथ मंदिर को बौद्ध मंदिर के रूप में सूचित किया गया है. जिस पर विश्व हिन्दू परिषद ने कड़ी आपत्ति जताई है. बौद्ध मंदिर की पट्टिका लगाए जाने को लेकर विधाक और वीएचपी आमने-सामने आ गए हैं. वीएचपी ने मंदिर में लगी पट्टिका को 7 दिनों के भीतर नहीं हटाने पर आंदोलन करने की धमकी दी है. वहीं, विधायक ने भी इसका जवाब दिया है.

विधायक रवि ठाकुर ने कहा त्रिलोकनाथ मंदिर के नए गेट पर लगाई गई पट्टिका में मंदिर के इतिहास को लेकर कुछ भी नया नहीं लिखा गया है. मंदिर इतिहास की जो जानकारी 2016 से लगी पट्टिका में लिखी गई है, उसे ही हुबहू नए गेट पर लिख कर स्थापित किया गया है. ऐसे में जिन लोगों को आपत्ति अभी हो रही है, उन्हें इससे पहले क्यों नहीं हुई. त्रिलोक नाथ मंदिर सभी का है. ये किसी एक धर्म के लोगों का नहीं है. पट्टिका में सबसे ऊपर ॐ और उसके बाद त्रिलोकनाथ लिखा है, जिसे हिंदू मानते और कहते हैं. इसी तरह गरजा फागपा लिखा गया है, जिसे बौद्ध धर्म के लोग मानते व कहते हैं.

Trilokinath Mahadev Temple
त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में लगी नई पट्टिका

विधायक ने कहा हमने मंदिर के इतिहास के साथ न तो छेड़खानी की है और न ही मैंने किसी की भी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई है. मैं खुद सभी धर्मों का सम्मान करता हूं. इस मामले को लेकर स्थानीय ग्रामीणों से बात की गई है और कहा गया है कि अगर वे इस पट्टिका में सर्व धर्म लिखवाना चाहें तो, वे भी लिखवाया जाएगा. हमें किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं है. कुछ लोग बेवजह इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे है, जो सरासर गलत है. ऐसे लोगों के खिलाफ न्यायालय के माध्यम से कार्रवाई करवानी चाहिए, जो बेवजह धर्म के नाम पर माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं, विश्व हिंदू परिषद धर्म यात्रा के प्रांत सह संयोजक सुनील आर्य ने कहा त्रिलोकनाथ मंदिर में हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग एक साथ मिलकर पूजा करते हैं, लेकिन इस पट्टिका के माध्यम से हिंदू धर्म पर चोट पहुंचाने का काम किया जा है. लाहौल में दोनो ही धर्म के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं. ऐसे में इस पट्टिका को हटाया जाए. प्रशासन को इस पट्टिका में इस मंदिर के इतिहास के बारे में लिखना चाहिए. ताकि यहां आने वाले लोगों को इस मंदिर के इतिहास के बारे में पता चल सके.

सुनील आर्य ने कहा अगर 7 दिनों के भीतर पट्टिका नहीं हटाई गई तो, वीएचपी लाहौल में आंदोलन करेगा. जिसकी जिम्मेवारी लाहौल स्पीति प्रशासन की होगी. इस बारे अदालत का भी रुख करना पड़े तो विश्व हिंदू परिषद पीछे नहीं हटेगा. अब लाहौल की जनता भी इस मामले में आगे आए और स्थानीय विधायक को इस बारे जानकारी दी जाए. सुनील आर्य ने कहा कुल्लू के बिजली महादेव की पहाड़ियों में भी कई गाय खुले में छोड़ी गई हैं. कई गाय लंपी रोग का शिकार हैं. ऐसे में यह बिमारी गांव में भी पशुओं में फैल रही है. इस बारे भी प्रशासन से आग्रह है कि बेसहारा पशुओं को आश्रय दिया जाए और समय पर उनका इलाज भी किया जाए. ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके.

ये भी पढ़ें: Solan Landslide: सोलन जिले के माजरी गांव में भू धंसाव, करीब आधा किमी. तक जमीन में आई दरारें, ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर

कुल्लू: लाहौल स्पीति जिला के लाहौल घाटी के त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में बीते दिनों स्थानीय विधायक रवि ठाकुर ने एक पट्टिका का विमोचन किया. जिसमें त्रिलोकनाथ मंदिर को बौद्ध मंदिर के रूप में सूचित किया गया है. जिस पर विश्व हिन्दू परिषद ने कड़ी आपत्ति जताई है. बौद्ध मंदिर की पट्टिका लगाए जाने को लेकर विधाक और वीएचपी आमने-सामने आ गए हैं. वीएचपी ने मंदिर में लगी पट्टिका को 7 दिनों के भीतर नहीं हटाने पर आंदोलन करने की धमकी दी है. वहीं, विधायक ने भी इसका जवाब दिया है.

विधायक रवि ठाकुर ने कहा त्रिलोकनाथ मंदिर के नए गेट पर लगाई गई पट्टिका में मंदिर के इतिहास को लेकर कुछ भी नया नहीं लिखा गया है. मंदिर इतिहास की जो जानकारी 2016 से लगी पट्टिका में लिखी गई है, उसे ही हुबहू नए गेट पर लिख कर स्थापित किया गया है. ऐसे में जिन लोगों को आपत्ति अभी हो रही है, उन्हें इससे पहले क्यों नहीं हुई. त्रिलोक नाथ मंदिर सभी का है. ये किसी एक धर्म के लोगों का नहीं है. पट्टिका में सबसे ऊपर ॐ और उसके बाद त्रिलोकनाथ लिखा है, जिसे हिंदू मानते और कहते हैं. इसी तरह गरजा फागपा लिखा गया है, जिसे बौद्ध धर्म के लोग मानते व कहते हैं.

Trilokinath Mahadev Temple
त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में लगी नई पट्टिका

विधायक ने कहा हमने मंदिर के इतिहास के साथ न तो छेड़खानी की है और न ही मैंने किसी की भी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई है. मैं खुद सभी धर्मों का सम्मान करता हूं. इस मामले को लेकर स्थानीय ग्रामीणों से बात की गई है और कहा गया है कि अगर वे इस पट्टिका में सर्व धर्म लिखवाना चाहें तो, वे भी लिखवाया जाएगा. हमें किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं है. कुछ लोग बेवजह इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे है, जो सरासर गलत है. ऐसे लोगों के खिलाफ न्यायालय के माध्यम से कार्रवाई करवानी चाहिए, जो बेवजह धर्म के नाम पर माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं, विश्व हिंदू परिषद धर्म यात्रा के प्रांत सह संयोजक सुनील आर्य ने कहा त्रिलोकनाथ मंदिर में हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग एक साथ मिलकर पूजा करते हैं, लेकिन इस पट्टिका के माध्यम से हिंदू धर्म पर चोट पहुंचाने का काम किया जा है. लाहौल में दोनो ही धर्म के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं. ऐसे में इस पट्टिका को हटाया जाए. प्रशासन को इस पट्टिका में इस मंदिर के इतिहास के बारे में लिखना चाहिए. ताकि यहां आने वाले लोगों को इस मंदिर के इतिहास के बारे में पता चल सके.

सुनील आर्य ने कहा अगर 7 दिनों के भीतर पट्टिका नहीं हटाई गई तो, वीएचपी लाहौल में आंदोलन करेगा. जिसकी जिम्मेवारी लाहौल स्पीति प्रशासन की होगी. इस बारे अदालत का भी रुख करना पड़े तो विश्व हिंदू परिषद पीछे नहीं हटेगा. अब लाहौल की जनता भी इस मामले में आगे आए और स्थानीय विधायक को इस बारे जानकारी दी जाए. सुनील आर्य ने कहा कुल्लू के बिजली महादेव की पहाड़ियों में भी कई गाय खुले में छोड़ी गई हैं. कई गाय लंपी रोग का शिकार हैं. ऐसे में यह बिमारी गांव में भी पशुओं में फैल रही है. इस बारे भी प्रशासन से आग्रह है कि बेसहारा पशुओं को आश्रय दिया जाए और समय पर उनका इलाज भी किया जाए. ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके.

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