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धीरे-धीरे गांव की ओर बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, ग्रामीण क्षेत्रों में मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हैं निर्भर

कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस वायरस की पहली लहर ने हमारी स्वास्थ्य सुविधाओं की जो पोल खोली थी, उससे सब वाकिफ हैं. अब कोरोना वायरस की दूसरी लहर भी लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही है. कोरोना संक्रमण से लड़ते-लड़ते हमें 1 साल से ज्यादा हो गया है. इस 1 साल में हमने इसके खिलाफ क्या तैयारी की, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच पड़ताल की.

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Published : May 18, 2021, 6:19 PM IST

कुल्लू: कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. अब शहरों के साथ-साथ गांव के इलाकों में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. कुल्लू जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से उचित प्रबंध किए गए हैं. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही लोगों की इलाज के लिए काम करते हैं.

धीरे-धीरे गांवों में पैर पसार रहा कोरोना

मरीजों के आंकड़ो पर नजर डालें तो पहले कोरोना वायरस सिर्फ शहरों तक सीमित था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे गांवों में भी पैर पसारने लगा है. ध्यान देने वाली बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े-बड़े अस्पतालों की सुविधा नहीं होती. गांवों में लोगों की सुविधा के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही सबसे ज्यादा महत्व रखते हैं.

वीडियो.

पीएचसी में मरीजों के लिए पर्याप्त स्टाफ

कुल्लू जिले के 5 ब्लॉक्स में 24 पीएचसी यानि 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. इसके अलावा इन 5 ब्लॉक्स में 1-1 सिविल अस्पताल भी स्थापित है. इसके साथ 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 103 स्वास्थ्य उपकेंद्र यानि हेल्थ सेंटर भी हैं. जानकारी के मुताबिक जिले में स्टाफ की भी कोई कमी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 20 स्टाफ नर्स, 30 वार्ड ब्बॉय भी आउट सोर्स के आधार पर नियुक्त किए गए हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में आशा वर्कर्स पर है जांच का जिम्मा

मेडिकल अधिकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ग्रामीण क्षेत्रों की सेहत जांचने का एक बहुत बड़ा जिम्मा है. कुल्लू जिले में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर्याप्त स्टाफ के साथ चल रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में सेहत की जांच का जिम्मा आशा वर्कर और अन्य स्टाफ पर है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात स्टाफ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों के सैंपल ले रहे है. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में भी ग्रामीणों को जानकारी दी जा रही है.

ये भी पढ़ें: 24 मई को निर्वासित तिब्बत संसद का अतिरिक्त सत्र बुलाया गया

कुल्लू: कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. अब शहरों के साथ-साथ गांव के इलाकों में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. कुल्लू जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से उचित प्रबंध किए गए हैं. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही लोगों की इलाज के लिए काम करते हैं.

धीरे-धीरे गांवों में पैर पसार रहा कोरोना

मरीजों के आंकड़ो पर नजर डालें तो पहले कोरोना वायरस सिर्फ शहरों तक सीमित था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे गांवों में भी पैर पसारने लगा है. ध्यान देने वाली बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े-बड़े अस्पतालों की सुविधा नहीं होती. गांवों में लोगों की सुविधा के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही सबसे ज्यादा महत्व रखते हैं.

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पीएचसी में मरीजों के लिए पर्याप्त स्टाफ

कुल्लू जिले के 5 ब्लॉक्स में 24 पीएचसी यानि 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. इसके अलावा इन 5 ब्लॉक्स में 1-1 सिविल अस्पताल भी स्थापित है. इसके साथ 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 103 स्वास्थ्य उपकेंद्र यानि हेल्थ सेंटर भी हैं. जानकारी के मुताबिक जिले में स्टाफ की भी कोई कमी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 20 स्टाफ नर्स, 30 वार्ड ब्बॉय भी आउट सोर्स के आधार पर नियुक्त किए गए हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में आशा वर्कर्स पर है जांच का जिम्मा

मेडिकल अधिकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ग्रामीण क्षेत्रों की सेहत जांचने का एक बहुत बड़ा जिम्मा है. कुल्लू जिले में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर्याप्त स्टाफ के साथ चल रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में सेहत की जांच का जिम्मा आशा वर्कर और अन्य स्टाफ पर है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात स्टाफ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों के सैंपल ले रहे है. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में भी ग्रामीणों को जानकारी दी जा रही है.

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