कुल्लू: प्रदेश में अब पर्यटन के क्षेत्र में चहलकदमी बढ़ गई है और पर्यटकों के आने से कारोबारी भी खुश नजर आ रहे हैं. जिला कुल्लू की अगर बात करें तो यहां पर्यटन के क्षेत्र में एक नया नाम जुड़ गया है. अब कुल्लू मनाली आने वाले पर्यटक को घूमने के लिए एक नई जगह मिल गई है और इससे भी जिला के पर्यटन को ज्यादा बेहतर होने में मदद मिलेगी.
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के बाद अब अटल टनल रोहतांग पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी. इससे पहले बर्फ से ढके रोहतांग के नजारे को हर साल लाखों पर्यटक निहारते थे, लेकिन अब अटल टनल भी नए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी. अटल टनल के उद्घाटन के बाद से ही रोजाना सैंकड़ों गाड़ियां लाहौल का रुख कर रही हैं.
ऐसे में लाहौल घाटी के पर्यटन को भी इससे संजीवनी मिलेगी और कोरोना से हुए करोड़ों के नुकसान से उबरने में भी यह टनल पर्यटन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों की मदद करेगी. जिला कुल्लू के बंजार व मनाली में अब रोजाना पर्यटकों की सैंकड़ों गाड़ियां प्रवेश कर रही हैं और अब होटल कारोबार के साथ जुड़ी अन्य पर्यटन गतिविधियों को भी हिम्मत मिल रही है, लेकिन कोरोना के चलते हुए कोरोड़ों के नुकसान की भरपाई आखिर कैसे होगी. इसकी पर्यटन कारोबारियों को चिंता सताए जा रही है.
जिला कुल्लू में हर साल करीब 500 करोड़ का पर्यटन कारोबार होता है जिसमें होटल से लेकर गाइड, टैक्सी चालक, रेस्टोरेंट और साहसिक गतिविधियां शामिल हैं. वहीं, जिला कुल्लू में हर साल करीब 40 लाख पर्यटक हसीन वादियों में दस्तक देते हैं, लेकिन साल 2020 में अभी तक यह आंकड़ा 1 लाख भी पार नहीं कर पाया है. अब सरकार ने सभी गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत तो दे दी है, लेकिन पिछली नुकसान की भरपाई कैसे हो इस बारे अभी भी पर्यटन से जुड़े लोग पशोपेश में है.
होटल कारोबार पर और होटल कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि जब कोरोना आया तो अचानक सब कुछ बंद हो गया और हालात ऐसे हो गए कि स्टाफ को सैलरी देने के भी लाले पड़ गए. बाद में कुछ हालात सुधरे और अब सरकार ने पर्यटन गतिविधियों को शुरू किया. अब भी हालत सुधरी नहीं है और कोरोना के दौरान हुए नुकसान की भरपाई इस साल होना असंभव है. उम्मीद है कि पर्यटन कारोबार बेहतर तरीके से चले ताकि होटल में कार्य कर रहे हजारों लोगों को रोजगार मिलता रहे.
टैक्सी चालकों के कारोबार में भी नहीं कोई सुधार
पर्यटकों का कुल्लू आना तो शुरू हो गया है, लेकिन टैक्सी चालकों के हालात अभी भी वैसे ही. अब बैंक की किश्तों को भरना टैक्सी मालिकों के लिए मुश्किल हो गया है. टैक्सी चालकों के कहना है कि जब कोरोना के डर से पर्यटन अपनी ही गाड़ियों में आ रहे हैं तो उनकी टैक्सियों में कौन सफर करेगा.
अब सरकार भी उनसे पूरा टैक्स ले रही है और बैंकों से भी रोजाना उन्हें फोन आ रहे हैं. ऊपर से सरकार ने भी नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. ऐसे में इस साल उनके नुकसान की भरपाई किसी भी तरह से नही हो सकती है.
खेलों पर भी विराम
कोरोना के दौर के समय जहां साहसिक खेलों से जुड़े करीब 5 हजार युवकों को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ी थी. वहीं, सैंकड़ों राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग चालक भी बेकार बैठे रहे. अब पर्यटक उनसे संपर्क तो कर रहे हैं, लेकिन पर्यटकों की कम संख्या भी उनकी कमाई में बाधा बन रही है.
साहसिक खेलों से जुड़े युवाओं का कहना है कि अगर अब भी सरकार ने पर्यटन को नहीं खोला होता तो उनके भूखे मरने की नौबत आ सकती थी. अब काम तो शुरू हुआ, लेकिन पर्यटकों की संख्या में अभी तक कुछ खास बढ़ोतरी नहीं हो पाई है.
अटल टनल से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मनाली में अटल टनल के बनने से अब पर्यटक रोहतांग, सोलंगनाला के अलावा लाहौल की और भी घूमने जाएंगे. टनल बनने से मनाली व लाहौल के पर्यटन को मजबूती मिलेगी. वहीं, टनल को देखने के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा. जो जिला कुल्लू व लाहौल के पर्यटन कारोबार के लिए अच्छी बात है.