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कुल्लू में सायर पर्व की धूम, देवी देवताओं की शोभायात्रा के साथ ग्रामीणों ने डाली नाटी - सामूहिक कुल्लवी नाटी

प्रदेश में सायर संक्रांति के पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. स्थानीय लोगों नें सामूहिक कुल्लवी नाटी डाल कर भाईचारे का संदेश दिया.

देवी देवताओं की शोभायात्रा
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Published : Sep 18, 2019, 12:14 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज व बंजार घाटी में सायर संक्रांति पर मंदिरों में लोगों की रौनक लगी रही. सायर पर्व पर क्षेत्र में देवताओं का शृंगार कर शोभा यात्राएं निकाली गई और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक लोक नृत्यों को आयोजन किया गया.


जिला के रैला क्षेत्र में सायर संक्रांति पर देवता लक्ष्मी नारायण की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. सभी हारियानों ने देवता लक्ष्मी नारायण को जूब दी. उसके बाद ग्रामीणों ने आपस में जूब बांटकर सायर संक्रांति को हर्षोल्लास के साथ मनाया. इस दौरान ग्रामीणों ने सामूहिक कुल्लवी नाटी भी डाली.


देवता लक्ष्मी नारायण के कारदार जगर नाथ और पुंडरिक ऋषि के कारदार लोतम राम ने बताया है कि सायर संक्रांति को घाटी के देवालयों में हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है. यह आपसी मेल मिलाप और भाईचारे को बढ़ावा देने वाले त्योहार है. ग्रीष्म ऋतु में उपजने वाली बीमारियों और प्रकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सायर संक्रांति के दिन देवताओं का विशेष रूप से आभार जताया जाता है.

ये भी पढ़ें- मंडी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया सायर उत्सव, घरों में बने लजीज पकवान

कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज व बंजार घाटी में सायर संक्रांति पर मंदिरों में लोगों की रौनक लगी रही. सायर पर्व पर क्षेत्र में देवताओं का शृंगार कर शोभा यात्राएं निकाली गई और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक लोक नृत्यों को आयोजन किया गया.


जिला के रैला क्षेत्र में सायर संक्रांति पर देवता लक्ष्मी नारायण की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. सभी हारियानों ने देवता लक्ष्मी नारायण को जूब दी. उसके बाद ग्रामीणों ने आपस में जूब बांटकर सायर संक्रांति को हर्षोल्लास के साथ मनाया. इस दौरान ग्रामीणों ने सामूहिक कुल्लवी नाटी भी डाली.


देवता लक्ष्मी नारायण के कारदार जगर नाथ और पुंडरिक ऋषि के कारदार लोतम राम ने बताया है कि सायर संक्रांति को घाटी के देवालयों में हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है. यह आपसी मेल मिलाप और भाईचारे को बढ़ावा देने वाले त्योहार है. ग्रीष्म ऋतु में उपजने वाली बीमारियों और प्रकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सायर संक्रांति के दिन देवताओं का विशेष रूप से आभार जताया जाता है.

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Intro:कुल्लू
देवी देवताओं की शोभायात्रा के साथ ग्रामीणों ने डाली नाटीBody:
जिला कुल्लू की सैंज व बंजार घाटी में सायर संक्रांति पर देवालयों में खूब रौनक रही। देवताओं का शृंगार कर शोभा यात्राएं निकाली गई और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक लोक नृत्यों को आयोजन किया गया। मान्यता है कि सायर संक्रांति के बाद शीत ऋतु आरंभ होती है। ग्रीष्म ऋतु में बीमारियों और प्रकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए देवताओं का जूब बांट कर आभार जताया। इस त्यौहार में बुजुर्गों की लंबी उम्र की कामना करते हुए लोगों ने एक दूसरे के घर जाकर शुभकामनाएं दी। रैला में सायर संक्रांति पर देवता लक्ष्मी नारायण की भव्य शोभा यात्रा सरचानी मधेउल से मेला मैदान तक निकाली। सभी हारियानों ने देवता लक्ष्मी नारायण को जूब दी। उसके बाद ग्रामीणों ने आपस में जूब बांटकर सायर संक्रांति हर्षोल्लास के साथ मनाई। ग्रामीणों ने सामूहिक कुल्लवी नाटी डाली। उधर, शांघड़ में शंगचुल महादेव की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। हजारों कारकूनों ने देवता का आशीर्वाद लिया। धाउगी, कनौन, बनोगी, भलाहन, गोही, शैंशर, बनाउगी के देवालयों में भी सायर संक्रांति की रौनक रही। देवता लक्ष्मी नारायण के कारदार जगर नाथ और पुंडरिक ऋषि के कारदार लोतम राम ने बताया है कि सायर संक्रांति को घाटी के देवालयों में हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। यह आपसी मेलमिलाप और भाईचारे को बढ़ावा देने वाले त्यौहार है। Conclusion:लक्ष्मी नारायण के गूर तमेश्वर शर्मा, पुजारी नीलम मिश्रा, पालसरा यान सिंह नेगी, धामी जुगत राम, मुख्य सलाहकार गंगा राम नेगी, किशन सिंह, बजंतरी प्रमुख शिव राम, टीकम राम, धनी राम, कर्ण सिंह, दुर्गा धामी, टेक सिंह, हरभजन सिंह, देव राज ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में उपजने वाली बीमारियों और प्रकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सायर संक्रांति के दिन देवताओं का विशेष रूप से आभार जताया जाता है।
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