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रोहतांग दर्रे की बहाली का काम जारी, दिन-रात पसीना बहा रहा BRO

बीआरओ के 94 आरसीसी ने कोकसर बाजार को यातायात के लिए जिला मुख्यालय केलांग से जोड़ दिया है. कोकसर बाजार तक सड़क बहाल होने के बाद बीआरओ की नजर अब 20 किलोमीटर आगे रोहतांग दर्रे की ओर है.

restoration work of rohtang pass continues by bro
रोहतांग दर्रे की बहाली का काम जारी.
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Published : Feb 29, 2020, 12:57 PM IST

कुल्लू: बीआरओ की 94 आरसीसी ने कोकसर बाजार, रमथंग और डिंफुक गांव को यातायात के लिए जिला मुख्यालय केलांग से जोड़ दिया है. इससे क्षेत्र में आम जनता को राहत मिली है.

वहीं, कोकसर के ग्रामीणों की नजरें अब पीडब्ल्यूडी पर टिकी हुई है. डिंफुक से दो किलोमीटर दूर 200 मीटर लंबे और 30 फीट ऊंचे हिमखंड को काटकर कोकसर तक सड़क बहाल करने का काम बचा हुआ है.

कोकसर बाजार तक सड़क बहाल होने के बाद बीआरओ की नजर अब 20 किलोमीटर आगे रोहतांग दर्रे की ओर है. यहां कड़ी मशक्कत के साथ 10 से 15 फीट ऊंची बर्फ की मोटी परत को काटना किसी चुनौती से कम नहीं है. पिछले साल की अपेक्षा इस बार घाटी में कम बर्फबारी हुई है. इसके बावजूद रोहतांग और आसपास के क्षेत्र में बर्फीली हवा और हिमखंड गिरने से बीआरओ को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

रोहतांग की तरफ किया रुख

बीआरओ के 94 आरसीसी के कमांडिंग ऑफिसर हरीश बाबू ने बताया कि बीआरओ ने गुफा होटल, अटल सुरंग के नॉर्थ पोर्टल से पिछले रविवार को बर्फ हटाना शुरू किया था. उन्होंने कहा कि पांच दिनों के अंदर बीआरओ ने कोकसर बाजार तक का सफर तय कर लिया है. इसके बाद टीम ने शुक्रवार से रोहतांग की तरफ रुख कर लिया है.

मिशन रोहतांग होगा और तेज

कमांडिंग ऑफिसर ने कहा कि कुछ ही दिनों में बीआरओ कोकसर में ही कैंप स्थापित करेगा और मिशन रोहतांग फतेह को और तेज किया जाएगा. इसके साथ ही मनाली की ओर से भी 70 आरसीसी के जवान ब्यासनाला के करीब पहुंच चुके हैं. इस बार मनाली से मानव रहित डी-50 बुलडोजर और इटली निर्मित आधुनिक तकनीक से लैस स्नोकटर का उपयोग किया जा रहा है. इससे बीआरओ को काफी मदद मिल रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

बीआरओ के 38 बीटीएफ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने कहा कि दो दिनों से रोहतांग के आसपास मौसम खराब चल रहा है, लेकिन तापमान में लगातार गिरावट के बाद भी टीम के हौसले बुलंद हैं.

ये भी पढ़ें: खेतों में रसायनिक खाद डालने से ग्रामीण परेशान, घरों में रहना हुआ मुश्किल

कुल्लू: बीआरओ की 94 आरसीसी ने कोकसर बाजार, रमथंग और डिंफुक गांव को यातायात के लिए जिला मुख्यालय केलांग से जोड़ दिया है. इससे क्षेत्र में आम जनता को राहत मिली है.

वहीं, कोकसर के ग्रामीणों की नजरें अब पीडब्ल्यूडी पर टिकी हुई है. डिंफुक से दो किलोमीटर दूर 200 मीटर लंबे और 30 फीट ऊंचे हिमखंड को काटकर कोकसर तक सड़क बहाल करने का काम बचा हुआ है.

कोकसर बाजार तक सड़क बहाल होने के बाद बीआरओ की नजर अब 20 किलोमीटर आगे रोहतांग दर्रे की ओर है. यहां कड़ी मशक्कत के साथ 10 से 15 फीट ऊंची बर्फ की मोटी परत को काटना किसी चुनौती से कम नहीं है. पिछले साल की अपेक्षा इस बार घाटी में कम बर्फबारी हुई है. इसके बावजूद रोहतांग और आसपास के क्षेत्र में बर्फीली हवा और हिमखंड गिरने से बीआरओ को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

रोहतांग की तरफ किया रुख

बीआरओ के 94 आरसीसी के कमांडिंग ऑफिसर हरीश बाबू ने बताया कि बीआरओ ने गुफा होटल, अटल सुरंग के नॉर्थ पोर्टल से पिछले रविवार को बर्फ हटाना शुरू किया था. उन्होंने कहा कि पांच दिनों के अंदर बीआरओ ने कोकसर बाजार तक का सफर तय कर लिया है. इसके बाद टीम ने शुक्रवार से रोहतांग की तरफ रुख कर लिया है.

मिशन रोहतांग होगा और तेज

कमांडिंग ऑफिसर ने कहा कि कुछ ही दिनों में बीआरओ कोकसर में ही कैंप स्थापित करेगा और मिशन रोहतांग फतेह को और तेज किया जाएगा. इसके साथ ही मनाली की ओर से भी 70 आरसीसी के जवान ब्यासनाला के करीब पहुंच चुके हैं. इस बार मनाली से मानव रहित डी-50 बुलडोजर और इटली निर्मित आधुनिक तकनीक से लैस स्नोकटर का उपयोग किया जा रहा है. इससे बीआरओ को काफी मदद मिल रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

बीआरओ के 38 बीटीएफ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने कहा कि दो दिनों से रोहतांग के आसपास मौसम खराब चल रहा है, लेकिन तापमान में लगातार गिरावट के बाद भी टीम के हौसले बुलंद हैं.

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