कुल्लू: रसोई घरों में अब खाना पकाने के लिए एलपीजी के साथ-साथ बिजली के कई उपकरण मौजूद हैं. इन सुविधाओं के बावजूद आग का खतरा कम नहीं हुआ है. अगर बात करे अग्निकांड की तो ज्यादातर मामलों में रसोई गैस या बिजली का शॉर्ट सर्किट इसका मुख्य कारण होता है.
सिलेंडर से गैस लीक होने पर लगती है आग
रसोई गैस में हुए विस्फोटों के कारण भी कई मकान जलकर राख हुए हैं. वहीं बिजली का शॉर्ट सर्किट भी कई सम्पतियों को राख में बदल चुका है. अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार घरों में लगी आग का 70 फीसदी कारण रसोई गैस का लीक होना या बिजली का शॉर्ट सर्किट होना है.
आग बुझाने का प्रशिक्षण देगा अग्निशमन विभाग
हालांकि अब अग्निशमन विभाग हर साल अग्निशमन सप्ताह के दौरान गांव-गांव जाकर लोगों को विशेष रूप से सिलेंडर की आग को बुझाने का प्रशिक्षण दे रहा है. इसके अलावा मौके पर इसकी मॉक ड्रिल भी की जा रही है ताकि लोग आपदा की स्थिति में घबराएं नहीं. अग्निशमन सप्ताह के दौरान भी अब जिला कुल्लू में इस तरह का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान मौके पर ही सिलेंडर में लगी आग को बुझाया जाएगा.
53 मामलों में 70 फीसदी कारण सिलेंडर लीकेज
अग्निशमन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार जिला कुल्लू में साल 2020 जनवरी से लेकर साल 2021 के 20 मार्च तक अग्निकांड के 110 मामले सामने आए हैं. इनमें मकान की आग के 53 मामले हैं. 53 अग्निकांड के मामलों में 70 फीसदी कारण सिलेंडर लीक या बिजली का शॉर्ट सर्किट हैं.
गीले कंबल की मदद से बुझाएं सिलेंडर की आग
अग्निशमन विभाग के अधिकारी दुर्गा दास का कहना है कि अगर सिलेंडर की गैस लीक हो रही हो तो लोग बिल्कुल भी ना घबराएं और गीले कंबल की मदद से सिलेंडर को पूरी तरह से ढक दें. इससे आग बुझ जाती है. वहीं अग्निशमन विभाग के कर्मचारी भी सरकारी विभागों के अलावा गांव-गांव जाकर लोगों और स्कूलों में छात्रों को आग से निपटने के उपाय की जानकारी देते हैं.
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