कुल्लू: हिमाचल प्रदेश राजपूत महासभा कुल्लू की तरफ से केंद्र सरकार द्वारा जातिगत आरक्षण को 10 वर्ष और आगे बढ़ाने का विरोध किया. जिसके तहत उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल हिमाचल प्रदेश और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक संयुक्त विज्ञापन जिलाधीश कुल्लू के माध्यम से भेजा है.
बता दें कि ज्ञापन में केंद्र और प्रदेश सरकार को इस जातिगत आरक्षण रूपी नासूर को तुरंत बंद करने का आग्रह किया गया. इस प्रतिनिधिमंडल में जिला कुल्लू के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं राज्य स्तर के राजपूत महासभा के राज्य महासचिव केएस जमवाल, हेम सिंह ठाकुर, रमेश मेहता, डीके चंदेल और राजेंद्र भंडारी विशेष रूप से सम्मिलित हुए.
राजपूत महासभा के महासचिव केएस जम्वाल ने ज्ञापन के बारे में बताते हुए कहा कि यह आरक्षण संविधान में केवल 10 वर्ष के लिए लागू किया गया था. जिसे सभी पूर्व सरकारों ने 10-10 साल करके इसे 70 साल तक पहले ही बढ़ा दिया दिया है और वर्तमान सरकार इसे और 10 साल आगे बढ़ाने के लिए उतावली हो गई है.
केएस जम्वाल ने कहा कि इस जातिगत आरक्षण को तुरंत समाप्त करके इसे पूर्ण रूप से आर्थिक आधार पर करने का आग्रह किया अन्यथा संपूर्ण सामान्य वर्ग प्रदेश व देश व्यापी संघर्ष को और तेज गति देने के लिए मजबूर हो जाएगा.
राजपूत महासभा के महासचिव ने कहा कि हमारे सामान्य वर्ग ने वर्तमान सरकार विशेषकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री से इसके बारे में विस्तृत विश्लेषण करके इसे तुरंत समाप्त करके केवल आर्थिक आधार पर रखने की उम्मीद की थी. मगर ऐसा लग रहा है कि यह सरकार तो पहले की सरकारों से भी अधिक नित नए घातक और अलोकतांत्रिक निर्णय लेने पर आमाद हो गई है.
इस दौरान संगठनों के प्रमुख सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया कि वह आने वाले समय में प्रदेश के सभी सामान्य वर्ग के विधायकों, मंत्रियों, लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों एवं केंद्रीय मंत्रियों और हिमाचल के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री तक विशेष शिष्टमंडल के माध्यम से उनसे मिलकर सामान्य वर्ग की समस्याओं के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह करेंगे.
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