कुल्लू: जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक रोहिणी चौधरी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में जिप सदस्यों ने पेयजल, सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और अन्य मूलभूत सुविधाओं से संबंधित मुद्दे उठाए. इस दौरान विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और जनहित के मुद्दों पर भी चर्चा की गई और संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई.
बैठक में भुंतर पुल और भूतनाथ पुल के निर्माण व मरम्मत में हो रही अनावश्यक देरी पर परिषद ने कड़ा संज्ञान लिया. वहीं, इस दौरान परिषद के सदस्यों ने जिला की विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को रोजगार की स्थिति, विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों, लेफ्ट बैंक सड़क से टायरिंग, खराहल घाटी में बस सेवाओं, बिजली महादेव के लिए प्रस्तावित रज्जू मार्ग, लगघाटी की कुछ सड़कों के निर्माण, पिछलीहार पेयजल योजना और कई अन्य योजनाओं को लेकर संबंधित विभागों से जवाब तलब किया.
साथ ही अध्यक्ष ने सारी-भेखली क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति समस्या, रिश्ता-मिश्ता पेयजल योजना, डिंगीधार और बैहना पेयजल योजना, नित्थर क्षेत्र की पेयजल समस्या, शमशी-भुंतर के छूटे क्षेत्रों को सीवरेज से जोड़ने, जिला के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध कब्जों को हटाने या नियमित करने, जलविद्युत परियोजनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लाडा फंड के सदुपयोग, भूमिहीनों को भूमि आवंटन और कई अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर परिषद ने विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की.
अध्यक्ष रोहिणी ने अधिकारियों से सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और जनमस्याओं के निवारण में तत्परता दिखाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी को फील्ड में किसी योजना के कार्यान्वयन या विकास कार्य में कोई दिक्कत आ रही है तो वह पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों की मदद ले सकता है. ये जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों की परिस्थितियों से भली-भांति अवगत होते हैं.
अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न सदस्यों की ओर से स्कूलों को डैस्क प्रदान करने के लिए आवंटित धनराशि को जल्द खर्च करें और इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
बता दें कि जिला परिषद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके प्रदेश सरकार को प्रेषित करने का निर्णय भी लिया, जिसमें 15वें वित्त आयोग के तहत जिप सदस्यों को भी पर्याप्त बजट आवंटित करने का आग्रह किया गया है. अध्यक्ष ने कहा कि जिप सदस्यों का कार्यक्षेत्र काफी विशाल होता है और वे बजट के अभाव में अपने वार्डों में विकासात्मक कार्यों के लिए धनराशि नहीं दे पा रहे हैं, इसलिए सभी सदस्यों को पर्याप्त बजट आवंटित किया जाना चाहिए.
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