कुल्लू: जिला कुल्लू में सेब कारोबार के लिए स्थानीय सब्जी मंडियां सज चुकी हैं. पिछले करीब एक माह से घाटी में फलों का सीजन शुरू होते ही स्थानीय सब्जी मंडियों में रौनक बढ़ गई है, लेकिन सेब के दाम लुढ़कने शुरू हो गए हैं. जिस कारण सेब व्यापारी भी निराश नजर आ रहे हैं. हालांकि सेब कारोबार के लिए सब्जी मंडियों के शुरू होते ही यहां काफी चहल पहल हो गई है. दो से चार दिनों के भीतर घाटी में सेब की आमद बढ़ जाएगी.
शुरूआत में नाशपाती, प्लम और मेरिपोजा के लिए व्यापारी मंडियों में पहुंच रहे थे, लेकिन पिछले कुछ समय से सेब की अर्ली वैराइटी गाला और रेड चीफ के पहुंचने से बाजार में व्यापारियों ने भी डेरा डालना शुरू का दिया. जिससे पहले तो बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिले, लेकिन अब दामों में गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं, बागवानों का मानना है कि जल्द ही सब्जी मंडियों में रेड, रॉयल सहित अन्य किस्मों का सेब पहुंचना आरंभ हो जाएगा.
स्थानीय मंडियों के खुलने से पहले बागवान राज्य से बाहर की मंडियों में सेब भेजते थे, लेकिन अब जिले में जगह-जगह मंडियों के खुलने से किसानों-बागवानों ने राहत की सांस ली है. कुल्लू फलोत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा ने बागवानों को सलाह दी है कि वे कच्चा फल मार्केट में न उतारें. सेब को पूरा रंग आने के बाद ही सेब का तुड़ान कर बाजार में भेजें. इससे फल के रेट नहीं गिरेंगे और उनको अच्छा दाम मिलेगा. वहीं, उन्होंने प्रदेश सरकार से भी मांग रखी है कि नाशपती को भी समर्थन मूल्य दिया जाए. ताकि बागवानों को उसमें भी लाभ मिल सके.
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