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कुल्लू: दिलचस्प हुआ बंजार सीट का मुकाबला, BJP पृष्ठभूमि के तीन प्रत्याशी आमने-सामने

कुल्लू जनपद की बंजार विधानसभा सीट का मुकाबला इस बार त्रिकोणीय होता दिख रहा है, क्योंकि बंजार विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र शौरी, कांग्रेस प्रत्याशी खीमी राम शर्मा और निर्दलीय प्रत्याशी हितेश्वर सिंह तीनों ही राजनीति के धाकड़ बल्लेबाज हैं. तीनों ही बीजेपी की प्रष्ठभूमि से हैं. ऐसे में इस सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.

Political equation of Banjar assembly seat
बंजार विधानसभा सीट
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Published : Oct 22, 2022, 3:49 PM IST

कुल्लू: बंजार विधानसभा सीट का मुकाबला इस बार त्रिकोणीय होता दिख रहा है. बीजेपी से टिकट मांग रहे हितेश्वर सिंह निर्दलीय ही मैदान में कद गए हैं, जो बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाले हैं क्योंकि बीजेपी ने बंजार सीट से वर्तमान विधायक सुरेंद्र शौरी पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने भाजपा से आए पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है. तीनों ही प्रत्याशी बीजेपी प्रष्ठभूमि के हैं. तीनों का बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद रहा है.

हितेश्वर सिंह ने तेज किया जन संपर्क अभियान: निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में में हितेश्वर सिंह ने अपना जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है, जिसके चलते बंजार विधानसभा क्षेत्र में यह मुकाबला रोचक हो गया है, क्योंकि विधायक सुरेंद्र शौरी भाजपा के कार्यकर्ता है तो वही, खीमि राम शर्मा की पृष्ठभूमि भी भाजपा से ही जुड़ी रही है. हाल ही में वे भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इससे पहले वह कुल्लू में भाजपा को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं. दोनों ही नेताओं का भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद रहा है.

हालांकि, कांग्रेस कमेटी ने भाजपा से आए खीमी राम शर्मा को अपना लिया है. पूर्व प्रत्याशी रहे आदित्य विक्रम सिंह को अबकी बार चुनाव में चेहरा नहीं बनाया, जिसके चलते आदित्य विक्रम सिंह ने नाराज होकर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा हितेश्वर सिंह भी बंजार विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे और आजाद प्रत्याशी के तौर पर वे चुनावी मैदान में उतर आए हैं.

भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र शौरी ने भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उपस्थिति में जहां अपना नामांकन पत्र गुरुवार को दाखिल कर दिया था. तो वहीं, शुक्रवार को कांग्रेस के प्रत्याशी की विराम शर्मा ने भी समर्थकों के साथ अपना नामांकन पत्र भरा. वहीं, आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हितेश्वर सिंह ने भी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. ऐसे में अब यह तीनों प्रत्याशी ही भाजपा की पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं और इसका कितना फायदा किस प्रत्याशी को मिलता है. यह भी आने वाले समय में पता चल पाएगा.
पढ़ें- हिमाचल विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने चार उम्मीदवारों का किया ऐलान, हमीरपुर सीट पर असमंजस बरकरार

हिमाचल विधानसभा के उपाध्यक्ष रह चुके खीमी राम शर्मा जिला कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखते हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साल 2011 में मंत्री पद से हटने के बाद उन्हें वन मंत्री बनाया गया था. खीमी राम शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के करीबियों में माने जाते थे. साल 2012 में वह बंजार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारे थे. 2017 में टिकट कटने के बाद से अनदेखी होने पर भाजपा सरकार और संगठन से वह नाराज चल रहे थे. उन्होंने साल 2002 में पहली बार बंजार से चुनाव जीता था. 2007 में लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा के उपाध्यक्ष बने थे. इससे पहले साल 2009 में इन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. साल 2011 में यह मंत्री बने थे.

बंजार विधानसभा से विधायक सुरेंद्र शौरी साल 2017 के चुनावों में पहली बार विधायक बने. इससे पहले वो बंजार की चेहनी जिला परिषद वार्ड से जिला परिषद का चुनाव जीत चुके हैं. उससे पहले उनकी पत्नी कीर्ति शौरी भी जिला परिषद का चुनाव जीत चुकी हैं. ऐसे में अब भाजपा ने सुरेंद्र शौरी पर भरोसा जताया है और फिर से सुरेंद्र शौरी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं, सुरेंद्र शौरी ने बीजेपी हाईकमान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बंजार में वीरवार को नामांकन भरा जाएगा और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा.
पढ़ें- निगाहों में धाम केदार, निशाने पर 'धौलाधार': पहले भी कहीं निगाहों से कहीं पर निशाने लगा चुके हैं पीएम मोदी

तीनों प्रत्याशी बीजेपी की प्रष्ठभूमि से: बंजार विधानसभा से आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हितेश्वर सिंह ने पहले भाजपा के टिकट से आवेदन किया था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. ऐसे में पहले ही हितेश्वर सिंह ने चुनाव ना लड़ने का मन बना लिया था लेकिन कार्यकर्ताओं का उन पर काफी दबाव पड़ा, जिसके चलते उन्हें चुनावी मैदान में उतरना पड़ा. बंजार विधानसभा क्षेत्र में अब तीनों ही प्रत्याशी भाजपा की पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले हैं.

कुल्लू: बंजार विधानसभा सीट का मुकाबला इस बार त्रिकोणीय होता दिख रहा है. बीजेपी से टिकट मांग रहे हितेश्वर सिंह निर्दलीय ही मैदान में कद गए हैं, जो बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाले हैं क्योंकि बीजेपी ने बंजार सीट से वर्तमान विधायक सुरेंद्र शौरी पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने भाजपा से आए पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है. तीनों ही प्रत्याशी बीजेपी प्रष्ठभूमि के हैं. तीनों का बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद रहा है.

हितेश्वर सिंह ने तेज किया जन संपर्क अभियान: निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में में हितेश्वर सिंह ने अपना जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है, जिसके चलते बंजार विधानसभा क्षेत्र में यह मुकाबला रोचक हो गया है, क्योंकि विधायक सुरेंद्र शौरी भाजपा के कार्यकर्ता है तो वही, खीमि राम शर्मा की पृष्ठभूमि भी भाजपा से ही जुड़ी रही है. हाल ही में वे भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इससे पहले वह कुल्लू में भाजपा को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं. दोनों ही नेताओं का भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद रहा है.

हालांकि, कांग्रेस कमेटी ने भाजपा से आए खीमी राम शर्मा को अपना लिया है. पूर्व प्रत्याशी रहे आदित्य विक्रम सिंह को अबकी बार चुनाव में चेहरा नहीं बनाया, जिसके चलते आदित्य विक्रम सिंह ने नाराज होकर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा हितेश्वर सिंह भी बंजार विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे और आजाद प्रत्याशी के तौर पर वे चुनावी मैदान में उतर आए हैं.

भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र शौरी ने भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उपस्थिति में जहां अपना नामांकन पत्र गुरुवार को दाखिल कर दिया था. तो वहीं, शुक्रवार को कांग्रेस के प्रत्याशी की विराम शर्मा ने भी समर्थकों के साथ अपना नामांकन पत्र भरा. वहीं, आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हितेश्वर सिंह ने भी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. ऐसे में अब यह तीनों प्रत्याशी ही भाजपा की पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं और इसका कितना फायदा किस प्रत्याशी को मिलता है. यह भी आने वाले समय में पता चल पाएगा.
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हिमाचल विधानसभा के उपाध्यक्ष रह चुके खीमी राम शर्मा जिला कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखते हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साल 2011 में मंत्री पद से हटने के बाद उन्हें वन मंत्री बनाया गया था. खीमी राम शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के करीबियों में माने जाते थे. साल 2012 में वह बंजार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारे थे. 2017 में टिकट कटने के बाद से अनदेखी होने पर भाजपा सरकार और संगठन से वह नाराज चल रहे थे. उन्होंने साल 2002 में पहली बार बंजार से चुनाव जीता था. 2007 में लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा के उपाध्यक्ष बने थे. इससे पहले साल 2009 में इन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. साल 2011 में यह मंत्री बने थे.

बंजार विधानसभा से विधायक सुरेंद्र शौरी साल 2017 के चुनावों में पहली बार विधायक बने. इससे पहले वो बंजार की चेहनी जिला परिषद वार्ड से जिला परिषद का चुनाव जीत चुके हैं. उससे पहले उनकी पत्नी कीर्ति शौरी भी जिला परिषद का चुनाव जीत चुकी हैं. ऐसे में अब भाजपा ने सुरेंद्र शौरी पर भरोसा जताया है और फिर से सुरेंद्र शौरी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं, सुरेंद्र शौरी ने बीजेपी हाईकमान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बंजार में वीरवार को नामांकन भरा जाएगा और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा.
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तीनों प्रत्याशी बीजेपी की प्रष्ठभूमि से: बंजार विधानसभा से आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हितेश्वर सिंह ने पहले भाजपा के टिकट से आवेदन किया था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. ऐसे में पहले ही हितेश्वर सिंह ने चुनाव ना लड़ने का मन बना लिया था लेकिन कार्यकर्ताओं का उन पर काफी दबाव पड़ा, जिसके चलते उन्हें चुनावी मैदान में उतरना पड़ा. बंजार विधानसभा क्षेत्र में अब तीनों ही प्रत्याशी भाजपा की पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले हैं.

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