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कुल्लू: दशहरा उत्सव से पहले रथ मैदान में पीपल की स्थापना, छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने की पूजा अर्चना

शनिवार को रथ मैदान कुल्लू में पीपल के पेड़ की स्थापना की गई. इस अवसर पर भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले रथ मैदान के दूसरे छोर में पीपल का पेड़ खंडित हुआ था, जिसे परंपरा के अनुसार हटाना पड़ा था और उसकी जगह यह पेड़ रोपित किया गया है.

Peepal  planted in rath ground kullu
रथ मैदान कुल्लू में पीपल
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Published : Oct 17, 2020, 6:29 PM IST

कुल्लू: देव महाकुंभ दशहरा पर्व से पहले रथ मैदान कुल्लू में पीपल के पेड़ की स्थापना की गई है. विधिवत पूजा अर्चना के बाद यहां पेड़ का रोपण किया गया. इस अवसर पर भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने यहां पूरी विधि विधान से पूजा-अर्चना की.

महेश्वर सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले रथ मैदान के दूसरे छोर में पीपल का पेड़ खंडित हुआ था, जिसे परंपरा के अनुसार हटाना पड़ा था और उसकी जगह यह पेड़ रोपित किया गया है. उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन में बहुत खास महत्व रखते हैं. इन्हीं वृक्षों में पीपल का वृक्ष बहुत ही पवित्र माना गया है और लोगों में इसकी श्रद्धा हैं. हम सभी पीपल की पूजा करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं.

वीडियो.

महेश्वर सिंह ने कहा कि हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु निवास करते हैं. श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 10 श्लोक 26 के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने खुद कहा है कि मैं सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं. इसलिए हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का अत्यधिक महत्व है. स्कंद पुराण नागर 247 श्लोक 41-44 के अनुसार, पीपल की जड़ में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फल में सब देवताओं से युक्त अच्युत सदा निवास करते हैं.

भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार ने कहा कि यह वृक्ष भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है. इसके गुणों से युक्त और कामनादायक आश्रय मनुष्यों के हजारों पापों का नाश करने वाला है. इसलिए इस पेड़ की स्थापना की गई है, ताकि रथ मैदान में विष्णु का वास बना रहे.

कुल्लू: देव महाकुंभ दशहरा पर्व से पहले रथ मैदान कुल्लू में पीपल के पेड़ की स्थापना की गई है. विधिवत पूजा अर्चना के बाद यहां पेड़ का रोपण किया गया. इस अवसर पर भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने यहां पूरी विधि विधान से पूजा-अर्चना की.

महेश्वर सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले रथ मैदान के दूसरे छोर में पीपल का पेड़ खंडित हुआ था, जिसे परंपरा के अनुसार हटाना पड़ा था और उसकी जगह यह पेड़ रोपित किया गया है. उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन में बहुत खास महत्व रखते हैं. इन्हीं वृक्षों में पीपल का वृक्ष बहुत ही पवित्र माना गया है और लोगों में इसकी श्रद्धा हैं. हम सभी पीपल की पूजा करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं.

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महेश्वर सिंह ने कहा कि हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु निवास करते हैं. श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 10 श्लोक 26 के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने खुद कहा है कि मैं सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं. इसलिए हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का अत्यधिक महत्व है. स्कंद पुराण नागर 247 श्लोक 41-44 के अनुसार, पीपल की जड़ में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फल में सब देवताओं से युक्त अच्युत सदा निवास करते हैं.

भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार ने कहा कि यह वृक्ष भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है. इसके गुणों से युक्त और कामनादायक आश्रय मनुष्यों के हजारों पापों का नाश करने वाला है. इसलिए इस पेड़ की स्थापना की गई है, ताकि रथ मैदान में विष्णु का वास बना रहे.

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