कुल्लू: जिला के आराध्य देव भगवान रघुनाथ के मंदिर में जलविहार उत्सव धूमधाम से मनाया गया. परंपरा के अनुसार भगवान रघुनाथ को परिवार सहित पालकी में बिठाकर आयोजन स्थल तक ले जाया गया. आयोजन स्थल पर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान रघुनाथ, हनुमान, शालिग्राम और नरसिंह भगवान सहित सभी मूर्तियों को स्नान करवाने के बाद उनका श्रृंगार किया गया.
उत्सव के दौरान भगवान रघुनाथ की पूजा अर्चना की गई और इसके बाद मंदिर में दर्शनों के लिए आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान रघुनाथ का भजन-कीर्तन किया. इस मौके पर रघुनाथ जी के प्रथम सेवक महेश्वर सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे.
उत्सव के समापन के बाद बच्चों ने आयोजन स्थल पर पानी के साथ अठखेलियां की. भगवान रघुनाथ के मुख्य सेवक महेश्वर सिंह ने कहा कि रघुनाथ मंदिर में दशहरा, बसंत, अन्नकूट, वन विहार की तरह जलविहार उत्सव भी मुख्य महोत्सव में से एक है. भगवान रघुनाथ को जलविहार उत्सव के बाद उनके आयोजन स्थल पर विराजमान किया जाता है. निर्जला एकादशी के दिन भगवान रघुनाथ मंदिर से बाहर निकलते हैं और भगवान रघुनाथ जल विहार में स्नान करते हैं.
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महेश्वर सिंह ने कहा कि इस जल को लोग चरणामृत के तौर पर प्रयोग करते हैं और छोटे-बड़े सभी इस तालाब में स्नान करते हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं आज के दिन विशेष उपवास करती हैं, जिसमें वह पानी तक भी ग्रहण नहीं करती है. श्रद्धालुओं की भगवान रघुनाथ के प्रति गहरी आस्था है और भगवान रघुनाथ सभी की मन्नत को पूरी करते हैं.