आनी/कुल्लूः 'बच्चे के स्वस्थ्य जीवन का आधार, पोषण पर जागरूक हो परिवार' के उद्देश्य को लेकर केंद्र सरकार पोषण पखवाड़ा मना रही है. 16 मार्च से 31 मार्च तक तहत लोगों को गांव-गांव में जाकर जागरूक किया जा रहा है. आनी उप मंडल में 348 आंगनवाड़ी केंद्र जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं.
जच्चा-बच्चा की सेहत पर विशेष ध्यान
जच्चा-बच्चा पोषण सुनिश्चित हो, इसके लिए गांव-गांव तक पोषण संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. बच्चों को दूध पिलाने वाली मां को पोषण के महत्व के बारे में बताया जा रहा है. गर्भवती महिलाओं और बच्चे के जन्म के एक साल बाद तक पोषण की जरूरत पर महिलाओं सहित पूरे परिवार को जागरूक करने को लेकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित हो रही हैं. पोषण की जानकारी और किचन गार्डन पर बल दिया जा रहा है.
महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश विभिन्न उप मंडलों पर जागरूकता कार्यक्रम कर रहा है. इसी के तहत आनी उप मंडल में पोषण पखवाड़ा में पांच सूत्रों के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहा है.
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बच्चों के कुपोषण को पहचानें
बच्चों के कुपोषण को लेकर परिवार का जागरूक होना आवश्यक है. विशेष तौर पर मां स्वंय इस बारे में जागरूक हो. सीडीपीओ आनी विपाशा भाटिया का कहना है कि यदि बच्चा उम्र के मुताबिक नहीं बढ़ रहा है, वजन और लंबाई में उम्र के हिसाब से बढ़ोतरी न हो, बच्चे की हरकतें असामान्य हों, तो यह कुपोषण के लक्ष्ण हो सकते हैं.
ऐसे में मां या बच्चे का परिवार आंगनवाड़ी केंद्र में आकर अपनी शंका का समाधान कर सकता है. यदि बच्चा कुपोषित है, तो विभाग ऐसे मामले में परिवार की पूरी सहायता करता है. इसी के चलते ही पोषण पखवाड़ा में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
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