मनाली: केंद्र सरकार ने ग्रांफू-समदो सड़क को पीडब्ल्यूडी के हवाले करने की अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना जारी होने के बाद बीआरओ के 94 और 108 आरसीसी ने मशीनरी को समेटना शुरू कर दिया है. इससे अब कुंजम दर्रा के बहाल होने में और वक्त लग सकता है.
स्पीति के जनप्रतिनिधियों ने बीआरओ के पक्ष में प्रस्ताव भेजा था, लेकिन केंद्र ने समदो से ग्रांफू 205 किलोमीटर लंबी सड़क को लोनिवि के हवाले करने की अधिसूचना जारी कर दी है. लोगों का मानना है कि लोनिवि के पास जाने से सड़क दुरुस्त होने में वर्षों लग सकते हैं. गांफू-समदो मार्ग बहाल होने के लिए अभी करीब 20 किलोमीटर के दायरे से बर्फ हटाने का काम बचा है. यह पिछले कई दिनों से बंद है.
बीआरओ की मानें तो 94 आरसीसी का लक्ष्य था कि इस वर्ष सभी नालों पर कलवर्ट बनाकर सफर को आसान बनाया जाए. बीआरओ 94 आरसीसी के ओसी मेजर हरीश बाबू ने बताया कि ग्रांफू से छोटादड़ा तक बर्फ हटाने की जिम्मेदारी बीआरओ 94 के पास थी. अभी 12 किलोमीटर से बर्फ हटाना बाकी है.
बीआरओ के 108 आरसीसी के ओसी चेतराम मीणा ने बताया कि बीआरओ टीम कुंजम दर्रा लांघकर बातल से चार किलोमीटर आगे छोटादड़ा से मात्र आठ किलोमीटर मीटर दूर पीछे पहुंच चुकी थी, लेकिन फिलहाल बर्फ हटाने का काम रोक दिया है. लाहौल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि सड़क को पीडब्ल्यूडी के हवाले करने से स्पीति का पर्यटन व्यवसाय चौपट होगा. मार्ग के रखरखाव और डबल लेन बनाने में कई साल लग जाएंगे.
स्थानीय निवासी रिगजिन, पूर्व बीडीसी सदस्य अनिल सहगल और एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव सचिन मिरुपा इस सड़क को बीआरओ के पास ही रहने की पैरवी की है.